अजब-गजब : कुछ इस तरह अब हवा में होगी आलू की खेती, जानिए पूरी कहानी

अजब-गजब : कुछ इस तरह अब हवा में होगी आलू की खेती, जानिए पूरी कहानी

अफ्रीका से नौकरी छोड़कर यहां काम कर रहे डॉ राहुल की यह पहल उन्नत किसानों की आय बढ़ाने का एक बेहतर विकल्प

अगर आपको खेती-बाड़ी का अनुभव है या सामान्य सी जानकारी है तो आप जानते होंगे की आलू कैसे पैदा होती है। जमीन के अंदर उगने वाली ये सब्जी अब हवा में उगेगी। भले ही सुनने में मजाक लग रहा हो पर उत्तर प्रदेश के फारूकाबाद में अब हवा में होगी आलू की खेती। फरूखाबाद से आलू की फसल उगा रहे किसानों के लिए राहत भरी खबर है। किसानों को ऐसे आलू के बीज मिलेंगे, जिससे फसल हवा में खराब नहीं होगी। शृंगीरामपुर स्थित टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला में बीज आलू की ऐरोपोनिक विधि तैयार की जा रही है। एरोपोनिक विधि आलू के बीज तैयार करने की नवीनतम तकनीक है। यह बीज की फसल में रोग और रोग की संवेदनशीलता को बहुत कम कर देता है। इसके साथ आलू की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।

अफ्रीका से नौकरी छोड़कर आये कृषि वैज्ञानिक डॉ राहुल पाल का प्रयोग

आपको बता दें कि  श्रींगीरामपुर की प्रयोगशाला में कृषि वैज्ञानिक डॉ राहुल पाल अब बिना मिट्टी के एरोपोनिक विधि से आलू के बीज तैयार कर रहे हैं। अफ्रीका से नौकरी छोड़कर यहां काम कर रहे डॉ राहुल की यह पहल उन्नत किसानों की आय बढ़ाने का एक बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक तकनीक से खेती करने वाले किसान अक्सर आलू में चेचक, घुघिया और अन्य बीमारियों से पीड़ित रहते हैं। रोग के कारण उपज कम होने से आलू किसानों को आर्थिक नुकसान होता है। हालाँकि, आलू की बीमारी का एक प्रमुख कारण प्रदूषण है

एक पौधे की जड़ में 50 से 60 आलू के बीज होंगे

डॉ राहुल पाल के सहयोगी नीरज शर्मा ने बताया कि ग्रोथ चेंबर में बॉक्स के अंदर जड़ें तीन फीट तक बढ़ती हैं। पत्तियाँ ऊपर खुली हवा में रहती हैं। एक पौधे की जड़ में 50 से 60 आलू के बीज पैदा हो जाते हैं। मिट्टी की कमी के कारण इसमें कवक, जीवाणु नहीं होते हैं। इस प्रकार रोगमुक्त बीज तैयार हो जाते हैं। बॉक्स के नीचे पाइपलाइन से जुड़े स्वचालित स्प्रिंकलर से पौधों को पोषक तत्व प्राप्त होते रहते हैं। फव्वारे से हर पांच मिनट में 30 सेकंड के लिए प्रोटीन, विटामिन, हार्मोन, सूक्ष्म पोषक तत्व आदि का घोल निकलता है। अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करने की रूपरेखा तैयार की जाएगी। जिले में करीब 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की खेती होती है।

क्या है एरोपोनिक तकनीक जिससे हवा में होगी आलू की खेती

एरोपोनिक ऐसी तकनीक है जिसमें पौधों को हवा में उगाया जाता है। एरोपोनिक तकनीक में नर्सरी में आलू के पौधे तैयार किए जाते हैं। रोपाई विशेष एरोपोनिक यूनिट में की जाती है। ये जमीन की सतह से ऊपर बनाई जाती है, जिसमें पानी और न्यूट्रिशन तत्वों की मदद से आलू उत्पादन लिया जाता है। पौधों की जड़ों का उपचार करते हैं, जिससे फंगस का खतरा न रहे।