बंगलौर : कैब में नहीं चल रही थी एसी, असंतुष्ट ग्राहक ने किया ओला पर मुकदमा, कंपनी को चुकाने होंगे 15 हजार रूपये

बंगलौर : कैब में नहीं चल रही थी एसी, असंतुष्ट ग्राहक ने किया ओला पर मुकदमा, कंपनी को चुकाने होंगे 15 हजार रूपये

बेंगलुरु के विकास भूषण ने किया मुकदमा, अदालत ने माना ज़िम्मेदार

आज के समय में ऑनलाइन कैब का उपयोग बहुत आम हो चुका है. इसी तरह कैब ड्राइवरों के दुर्व्यवहार या कैब में निर्दिष्ट सुविधाओं की अनुपलब्धता की कई शिकायतें समय समय पर आती रहती हैं। हालांकि ऐसे अधिकांश मामलों में ग्राहक ओला और उबर यूजर्स को कंपनी के कस्टमर केयर या ऐप में शिकायत कर रह जाते हैं लेकिन बेंगलुरु के विकास भूषण ने ओला कैब के साथ उनकी असुविधा के लिए जो किया वो जानकर आप हैरान रह जाएंगे।

बिना एसी के आई थी कैब 

मामले के बारे में आपको बता दें कि 18 अक्टूबर 2021 को बेंगलुरु के रहने वाले एक कारोबारी विकास भूषण ने 80 किमी यात्रा करने के लिए ओला प्राइम सेडान बुक की। उसमें एसी काम नहीं कर रहा था। जिसके बाद उन्होंने यात्रा के दौरान ही शिकायत दर्ज करने की कोशिश की लेकिन उन्हें ऐप में कोई विकल्प नहीं मिला। इतना ही नहीं उससे पूरा किराया वसूला गया। विकास ने कोर्ट में ही कंपनी के खिलाफ केस किया था। अदालत ने ओला कैब को दोषी पाया और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया और उसे कानूनी खर्च के रूप में 5,000 रुपये और ब्याज के साथ किराए के रूप में 1,837 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया।

कोर्ट का आदेश 60 दिन में देना होगा मुआवजा

ओला के वकील ने निर्धारित 45 दिनों की अवधि के बाद ही एग्रीगेटर का पक्ष दायर किया। ओला के वकील की ओर से दायर याचिका को अदालत ने 7 नवंबर, 2022 को खारिज कर दिया। न्यायाधीशों ने कहा, 'ओला वादे के अनुसार ग्राहकों को सभी सेवाएं प्रदान करने के लिए बाध्य है। कैब कंपनी ने आठ घंटे की पूरी यात्रा अवधि के लिए एसी सेवा प्रदान किए बिना ग्राहकों को असुविधा और मानसिक पीड़ा दी है। सेवा में कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए ओला दोषी है।'

कस्टमर केयर में शिकायत करने से पहले विकास ने किया था ये काम

खास बात यह है कि विकास भूषण ने पहले खराब एसी की शिकायत ओला कस्टमर केयर से की थी और रिफंड मांगा था, लेकिन वहां भी उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद विकास ने ईमेल के जरिए ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल से शिकायत की लेकिन भाविश ने भी कोई उत्तर नहीं दिया।

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