सगाई के बाद अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट पहुंचे केरल के पांच हजार साल पुराने मंदिर

सगाई के बाद अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट पहुंचे केरल के पांच हजार साल पुराने मंदिर

जल्द ही विवाह बंधन में बंधने वाले इस जोड़े ने केरल के गुरुवायूर मंदिर में दर्शन किए

भारत के उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट ने हाल ही में सगाई कर ली है। इसके बाद दोनों तिरुमाला श्रीवारी मंदिर के दर्शन करने गये। जिसके बाद जल्द ही विवाह बंधन में बंधने वाले इस जोड़े ने केरल के गुरुवायूर मंदिर में दर्शन किए। जहां से पूजा करते हुए की खूबसूरत तस्वीरें सामने आई हैं। गुरुवायूर मंदिर में भगवान गुरुवयूरप्पन की पूजा की जाती है। गुरुवयूरप्पन को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है। इस कारण इसे गुरुवायूर श्री कृष्ण मंदिर भी कहा जाता है।

मंदिर का इतिहास करीब 5000 साल पुराना

आपको बता दें कि केरल के इस पवित्र स्थान को दक्षिण भारत का द्वारका भी कहा जाता है, जहां कृष्ण का जन्म हुआ था। यह पर्वत शिला पर स्थापित भगवान श्री कृष्ण का वास्तविक रूप है जिसे उन्होंने वृंदावन के निवासियों को देवराज इंद्र से बचाने के लिए 'द्वापर युग' में धारण किया था। बाल कृष्ण ने गोकुल के निवासियों को देवराज इंद्र के डर से उनकी पूजा करने के बजाय गाय माता और उनके पूजनीय देवता की पूजा करने के लिए प्रेरित किया था। गुरुवयूर मंदिर देश के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का इतिहास करीब 5000 साल पुराना है। मंदिर में रहने वाले पुजारी को 'मेंसती' कहा जाता है। जो 24 घंटे ईश्वर की सेवा में रहता है।

तस्वीरें हुई वायरल

इस मामले में जानकारी सामने आई है कि इस मंदिर में पूजा करने के दौरान अनंत अंबानी ने सफेद पारंपरिक कपड़े पहने थे। जबकि राधिका मर्चेंट ने रेड कलर की ड्रेस पहनी थी। अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट ने केरल के इस प्रसिद्ध मंदिर में भगवान गुरुवयूरप्पन की पूजा की। जिसके बाद हाथी को केले भी खिलाए गए।

मंदिर को लेकर है ये नियम

गौरतलब है कि गुरुवयूर मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष ड्रेस कोड भी बनाया गया है। यहां आने वाले भक्तों को 'मुंडू' नामक पोशाक पहननी होती है। जब बच्चों को 'वेष्टि' पहनाया जाता है। इसके अलावा महिलाएं केवल सूट-सलवार और साड़ी में ही प्रवेश कर सकती हैं। इस मंदिर में केवल हिंदुओं को ही प्रवेश की अनुमति है। मंदिर परिसर में किसी भी अन्य धर्म के व्यक्ति का प्रवेश वर्जित है।