सूरत : सुमुल डेयरी प्रबंधन ने दूध चोरी के संदेह में 3 आला अधिकारियों को बर्खास्त किया

सूरत : सुमुल डेयरी प्रबंधन ने दूध चोरी के संदेह में 3 आला अधिकारियों को बर्खास्त किया

जीएम-मार्केटिंग मनीष भट्ट, डीजीएम-ऑपरेशंस अल्पेश शाह और मैनेजर इंजीनियर हिरेन पटेल को बर्खास्त किया

कुप्रबंधन के कारण सुमुल डेयरी के तीन अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। समूचे दक्षिण गुजरात के सहकारिता क्षेत्र समेत शहर में सुमूल के इन आला अधिकारियों को बर्खास्त करने का मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है।

वर्तमान में सुमुल डेयरी प्रति वर्ष 4200 करोड़ से अधिक का प्रबंधन कर रही है। सुमुल डेयरी से 2.50 लाख से अधिक पशुपालक जुड़े हुए हैं और डेयरी प्रतिदिन 12 से 14 लाख लीटर दूध का उत्पादन कर रही है। सुमल डेयरी के शीर्ष अधिकारियों जीएम मार्केटिंग मनीष भट्ट, डीजीएम ऑपरेशंस अल्पेश शाह और मैनेजर इंजीनियरिंग हिरेन पटेल द्वारा कदाचार की सूचना सुमुल के निदेशकों को दी गई थी जिसके चलते इन तीनों उच्चाधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है।

किस सटीक मुद्दे पर उन्हें टर्मीनेट किया  है वह वर्तमान में पता नहीं चला। लेकिन डेयरी सूत्रों के अनुसार कल डेयरी के 4 वरिष्ठ निदेशकों के समक्ष सबूत पेश किया गया कि सुमूल के उच्च अधिकारी दूध की चोरी कर रहे हैं, साथ ही सुमूल की विभिन्न परियोजनाओं में गड़बड़ी कर रहे हैं।

दो महीने पहले मनीष भट्ट को अच्छे प्रदर्शन के लिए जीएम मार्केटिंग में पदोन्नत किया था

सुमुल में एम.डी. के बाद तीन महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाले अधिकारियों में से मनीष भट्ट एक थे। सुमुल डेयरी का टर्नओवर 4200 करोड़ रुपये पार करने के बाद सुमुल के बोर्ड ने दो महीने पहले उन्हें एजीएम के पद से महाप्रबंधक मार्केटिंग के पद पर पदोन्नत किया ताकि उनके अच्छे प्रदर्शन को प्रोत्साहित किया जा सके। डेयरी के एक प्रमुख अधिकारी को दुर्भावना और प्रशासनिक अनियमितताओं के लिए बर्खास्त किए जाने पर अन्य अधिकारियों में हडकंप मच गया।  हालांकि क्या सही था और क्या गलत यह सुमूल की 27 तारीख को होने वाली बोर्ड बैठक में स्पष्ट होगा।

दोनों अधिकारियों ने प्रोजेक्ट में गबन  कर 6 करोड़ की अनुपयोगी मशीनरी खरीदी

सुमुल के सूत्रों ने बताया कि बर्खास्त किए गए दूसरे अधिकारी अल्पेश शाह उप महाप्रबंधक (प्रोजेक्ट प्लांट एंड ऑपरेशन एंड प्रोजेक्ट रिलेटेड ऑफिसर) जैसी बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। प्लांट में दूध चोरी की घटना होने के कारण इनकी जिम्मेदारी तय की गई है। प्रबंधन समिति के सदस्यों ने कहा कि वे संयंत्र एवं संचालन एवं परियोजना संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे। इसलिए उनके साथ इंजीनियरिंग विभाग के प्रबंधक हिरेन पटेल पर परियोजना में गबन का आरोप लगाया गया है। उन पर आरोप है कि एक खास काम के लिए जिस मशीन की जरूरत थी, उसकी जगह उन्होंने 6 करोड़ की बेकार बिनउपयोगी मशीनरी खरीदी।

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