गुजरात : छात्र ध्यान दें, अगले साल से मेडिकल की पढ़ाई भी गुजराती भाषा में शुरू होगी

गुजरात : छात्र ध्यान दें, अगले साल से मेडिकल की पढ़ाई भी गुजराती भाषा में शुरू होगी

'गुजरात एनईपी सेल' के तहत विभिन्न टास्क फोर्स समितियों का गठन किया गया

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें राज्य सरकार ने सुजलाम सुफलाम जल अभियान की सफलता को देखते हुए इस वर्ष मार्च-अप्रैल की बजाय फरवरी-2023 से ही जल संग्रहण अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है, ताकि राज्य के किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।  दूसरी ओर, राज्य सरकार द्वारा अगले वर्ष से गुजराती भाषा में मेडिकल शिक्षा शुरू करने की कवायद शुरू कर दी गई है।

'गुजरात एनईपी सेल' के तहत विभिन्न टास्क फोर्स समितियों का गठन किया गया

राज्य प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा है कि राज्य में विभिन्न तकनीकी, चिकित्सा और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए मातृभाषा में अध्ययन सामग्री तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। जिसके तहत विभिन्न विश्वविद्यालयों को उस विषय के अनुवाद का कार्य सौंपा गया है। इसके अलावा, एनईपी-2020 में उल्लिखित लक्ष्यों और उद्देश्यों पर काम करने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा 'गुजरात एनईपी सेल' के तहत विभिन्न टास्क फोर्स समितियों का गठन किया गया है।

अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के लिए पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण

उन्होंने कहा कि राज्य के 45 विश्वविद्यालयों ने नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी (एनएडी) पोर्टल पर एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के लिए पंजीकरण प्रक्रिया पूरी कर ली है। राज्य के विश्वविद्यालयों द्वारा छात्रों की मार्कशीट 'डिजी लॉकर' पर अपलोड की जाती है। विभिन्न राज्य विश्वविद्यालयों ने मल्टीपल एंट्री-एग्जिट का समर्थन करने के लिए अपने पाठ्यक्रम में विभिन्न वैकल्पिक विषयों को जोड़ा है और इन वैकल्पिक विषयों के क्रेडिट को छात्रों के समग्र अंकों में शामिल किया जाना है।

अगले साल से गुजराती भाषा में पढ़ाने का काम शुरू किया जाएगा

ऋषिकेश पटेल ने कहा कि हम एक गुजराती पाठ्यक्रम बनाने जा रहे हैं ताकि मेडिकल के छात्र इसे आसानी से समझ सकें। उम्मीदवारों के लिए गुजराती और अंग्रेजी विकल्प खुले रहेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए मेडिकल फैकल्टी में सभी विषयों को गुजराती पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा और मेडिकल की पढ़ाई अगले साल से गुजराती भाषा में शुरू की जाएगी और छात्र अंग्रेजी और गुजराती भाषा में पढ़ाई कर सकेंगे। सरकार ने इस संबंध में गत वर्ष फैसला लिया था , परंतु क्रियान्वयन अब किया जाएगा और अगले साल से यह गुजराती भाषा में शिक्षण कार्य शुरू किया जाएगा।