अहमदाबाद  :  अवैध रुप से चल रहे बूचड़खानों को लेकर हाईकोर्ट सख्त

अहमदाबाद  :  अवैध रुप से चल रहे बूचड़खानों को लेकर हाईकोर्ट सख्त

अगली सुनवाई में नगरीय विभाग के सचिव व खाद्य सुरक्षा आयुक्त को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया 

गुजरात में अवैध बूचड़खाने के खिलाफ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार के कामकाज पर नाराजगी जताई। हाईकोर्ट ने कहा कि यह सही नहीं है कि चुनौती देने के बावजूद काम में ढिलाई बरती जा रही है। कोर्ट ने कहा, सरकार बार-बार अवैध बूचड़खानों को बंद करने पर जोर देने के बावजूद ढिलाई क्यों दिखा रही है।

संबंधित विभाग के अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने बूचड़खाने के संबंधित विभाग के अधिकारियों को उपस्थित रहने का आदेश दिया है। आगे की सुनवाई 30 जनवरी को होगी। कोर्ट ने शहरी विभाग के सचिव और खाद्य सुरक्षा आयुक्त को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। गुजरात में अवैध बूचड़खाने के खिलाफ कार्रवाई के लिए पहले हाईकोर्ट में अर्जी दी गई थी। इस आवेदन में अहमदाबाद, गांधीनगर, बनासकांठा समेत अन्य जिलों में अवैध बूचड़खाने की घोषणा की गई थी।

अब तक केवल 12 बूचड़खानों को लाइसेंस दिया गया है

यह तर्क दिया गया कि गुजरात में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 354 बूचड़खाने और पोल्ट्री हाउस पंजीकृत किए गए हैं। इसके अलावा पता चला कि अब तक सिर्फ 12 बूचड़खानों को ही लाइसेंस दिया गया है। याचिकाकर्ता ने याचिका में दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी राज्य सरकार अवैध बूचड़खाने के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में हर राज्य में बूचड़खाने समितियां बनाने का निर्देश दिया था। बताया गया कि इस कमेटी का मुख्य काम अवैध बूचड़खानों पर निगरानी रखते हुए उसे बंद कराना है।

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