भारत में तैयार हुआ दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज, आलीशान सुविधाओं से लैस है क्रूज गंगा विलास

भारत में तैयार हुआ दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज, आलीशान सुविधाओं से लैस है क्रूज गंगा विलास

क्रूज गंगा के रास्ते पटना और कोलकाता होते हुए बांग्लादेश की सीमा में प्रवेश करेगा और इसके बाद डिब्रूगढ़ तक करीब 3200 किमी से अधिक की दूरी तय करेगा

इस समय भारत विभिन्न क्षेत्रों में प्रगतिशील है। पर्यटन भी इन्हीं में से एक है। अब भारत के क्रूज टूरिज्म को जबरजस्त बढ़ावा मिलने वाला है। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा रिवर क्रूज तैयार किया गया है। यह रिवर क्रूज वाराणसी से मणिपुर राज्य के डिबुरगढ़ तक की रोमांचक यात्रा करेगा।13 जनवरी को एमवी गंगा विलास क्रूज अपनी यात्रा शुरू कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इस दौरान वह 3,200 किलोमीटर से अधिक लंबा सफर तय करेगा। यह क्रूज भारत और बांग्लादेश से गुजरने वाली 27 रिवर सिस्टम्स के रास्ते 1 मार्च को अपने गंतव्य पर पहुंचेगा। इस बीच, गंगा विलास क्रूज पटना, साहिबगंज, कोलकाता, ढाका और गुवाहाटी जैसे लगभग 50 पर्यटन स्थलों से होकर गुजरेगा। इस क्रूज में पर्यटक पानी के बीचों बीच लग्जरी सुविधाओं का फायदा उठा सकते हैं।

इसकी पहली यात्रा में स्विट्जरलैंड के 32 यात्री भी शामिल

आपको बता दें कि क्रूज वाराणसी में गंगा नदी पर प्रसिद्ध गंगा आरती के साथ शुरू होगा। यात्रा के दौरान सारनाथ के प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ स्थल और अपनी तांत्रिक विद्या के लिए प्रसिद्ध मयोंग और दुनिया के सबसे बड़े नदी द्वीप माजुली का भी दौरा करेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक क्रूज की पहली यात्रा में स्विट्जरलैंड के 32 यात्री शामिल होंगे। इसके साथ ही भारत रिवर क्रूज यात्रा के विश्व मानचित्र में शामिल होगा। बता दें कि क्रूज को 2018 से प्रोमोट किया जा रहा था और इसे 2020 में लॉन्च किया जाना था। हालांकि, COVID-19 महामारी के कारण परियोजना में देरी हुई।

शानदार है एमवी गंगा विलास

गौरतलब है कि एमवी गंगा विलास पोत 62 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा है। इसमें तीन डेक हैं और 36 पर्यटकों की क्षमता वाले 18 सुइट्स हैं, जिनमें पर्यटकों के लिए एक यादगार और शानदार अनुभव प्रदान करने के लिए सभी सुविधाएं हैं। यह प्रदूषण मुक्त तंत्र और शोर नियंत्रण तकनीकों से लैस है। इसके साथ ही इस विशेष पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। एमवी गंगा विलास शानदार आवास और भोजन सुविधाओं के साथ कोई साधारण क्रूज नहीं है। इसको देखकर ऐसा लगता है जैसे जल महल में रह रहे हों। वर्तमान में वाराणसी और कोलकाता के बीच आठ नदी परिभ्रमण संचालित किए जाते हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय जलमार्ग (ब्रह्मपुत्र नदी) पर क्रूज चल रहे हैं।