वाह! रेलवे की दारियादिली, बच्चा ट्रेन में भूल गया अपना मनपसंद खिलौना, 20 किलोमीटर दूर जाकर कर्मचारियों ने वापस लौटाया

वाह! रेलवे की दारियादिली, बच्चा ट्रेन में भूल गया अपना मनपसंद खिलौना, 20 किलोमीटर दूर जाकर कर्मचारियों ने वापस लौटाया

रेलवे को 139 हेल्पलाइन नंबर पर मिली थी शिकायत, जानिए पूरा मामला

ट्रेन में सफर के दौरान ज्यादातर यात्रियों को चोरी, मारपीट आदि तरह-तरह की घटनाओं के बारे में सुनने को मिलता है। लेकिन रेलवे अपनी इंसानियत दिखाने में कभी पीछे नहीं रहा। 19 महीने पहले एक बच्चे की खुशी उस वक्त दोगुनी हो गई जब भारतीय रेलवे के अधिकारियों ने उसकी पसंद का खोया हुआ खिलौना उसे लौटाया। एक बच्चा सफर के दौरान ट्रेन में अपना पसंदीदा खिलौना भूल गया। लिहाजा रेलवे 20 किलोमीटर दूर जाकर उसके इस मनपसंद खिलौने को वापस किया।

रेलवे को 139 हेल्पलाइन नंबर पर मिली शिकायत 

रेलवे को मिली जानकारी के मुताबिक भुसीन पटनायक नाम के एक यात्री ने बीते बुधवार को भारतीय रेलवे के हेल्पलाइन नंबर 139 पर शिकायत दर्ज कराई। यात्री ने रेलवे को बताया कि वह सिकंदराबाद-अगरतला स्पेशल ट्रेन (07030) के बी-2 कोच में यात्रा कर रहा था। इसी बीच एक सह-यात्री परिवार के एक बच्चे के पास एक खिलौना था और वह उससे खेल रहा था, लेकिन उतरते समय परिवार खिलौना लेना भूल गया। तो इस यात्री ने रेलवे अधिकारियों से भी गुहार लगाई कि अगर वे मदद करें तो बच्चे को खिलौना वापस किया जा सकता है। पटनायक ने कहा कि उनके पास अपने सह-यात्रियों के पते या संपर्क पाने का कोई तरीका नहीं है।

ऐसे में परिवार से संपर्क किया गया

इसके बाद पटनायक के अनुरोध पर विचार करते हुए, रेलवे अधिकारियों ने ट्रेन की लाइव लोकेशन की जानकारी प्राप्त की और यात्री से खिलौना लेने के लिए न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पहुंचे। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि परिवार का संपर्क विवरण प्राप्त करना एक मुश्किल काम था, क्योंकि सिकंदराबाद में आरक्षण काउंटर से टिकट खरीदे गए थे। ऐसा करने के लिए एक टीम को आरक्षण टिकट प्राप्त करने के लिए भरे हुए प्रपत्रों के माध्यम से पहचान का काम सौंपा गया और तलाशी के बाद भरी हुई पर्चियां मिलीं, जिसके आधार पर परिवार से संपर्क किया गया।

20 किलोमीटर दूर डिलीवर किया गया यह खिलौना

रिजर्वेशन चार्ट के आधार पर खिलौना खोने वाले यात्रियों के नाम मोहित रजा और नसरीन बेगम के रूप में पहचाने गए। यह परिवार पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले के काजी गांव में रहता है, जो अलुआबाड़ी रेलवे स्टेशन से करीब 20 किलोमीटर दूर है। इसके बाद रेलवे अधिकारियों की एक टीम बच्चे के घर पहुंची और बच्चे का खिलौना उसे लौटा दिया गया। बच्चे के पिता ने भी इस तरह की पहल करने के लिए रेलवे को धन्यवाद दिया। बच्चे के परिवार ने अधिकारियों को बताया कि उनका बच्चा खिलौना से बहुत प्यार करता था, लेकिन वे इसे ट्रेन में भूल गए और खिलौने को पुनः प्राप्त करने का कोई प्रयास नहीं किया। परिवार ने अधिकारियों से कहा कि हमने यह सोचकर शिकायत दर्ज नहीं कराई कि रेलवे खिलौने के लिए कोई प्रयास नहीं करेगा।

Related Posts