डेनमार्क में पिछले एक साल से एक भी बैंक डकैती नहीं हुई है, जानें क्या है वजह 

बैंक डकैती लगभग सभी देशों में आम है

बैंक डकैती लगभग सभी देशों में आम है। भारत में कहीं न कहीं बैंक डकैती की घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां पिछले एक साल से बैंक डकैती की कोई घटना नहीं हुई है। यह भाग्यशाली देश है डेनमार्क। वहां की बैंक यूनियनों का दावा है कि देश में बैंक कर्मचारियों के लिए बीता एक साल काफी शांतिपूर्ण रहा है। देश में बैंक डकैती की एक भी घटना सामने नहीं आई है। बैंक डकैतियों में कमी के पीछे का कारण डेनमार्क में नकदी की घटती मुद्रा को माना जाता है।

बैंक डकैतियों का न होना कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है

एक रिपोर्ट के मुताबिक डेनमार्क भी इस खास उपलब्धि का खूब जश्न मना रहा है। डेनमार्क के फाइनेंस वर्कर्स यूनियन फाइनेंस फॉर बंडेट के वाइस-चेयरमैन स्टीन ऑलसेन ने कहा कि बैंक डकैतियों का न होना कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है। बैंक डकैती की घटनाओं से न केवल कर्मचारियों की जान जोखिम में पड़ती है बल्कि उनकी मानसिक स्थिति पर भी बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बैंक डकैतियों का कर्मचारियों के मनोबल पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है।

2017 के बाद से घटनाओं में कमी आई है

संघ ने दावा किया कि डेन की नकदी पर निर्भरता समाप्त हो गई है। इसलिए वित्तीय संस्थानों ने अपनी नकद सेवाओं को कम कर दिया है। इस बीच लूटपाट की आशंका कम हो गई है। संघ का कहना है कि 2000 में डेनमार्क में 221 बैंक डकैतियां हुईं। 2017 तक यह संख्या 10 के आसपास रही। पिछले एक साल में लूट की कोई घटना नहीं हुई है।

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