इंसानों के बालों से बना ये डोरमेट है बड़े काम की चीज!

इंसानों के बालों से बना ये डोरमेट है बड़े काम की चीज!

बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में एक एनजीओ ने बनाया ये विशेष डोरमेट

जानवरों के बालों की तरह इंसान के बालों का भी कई तरह से प्रयोग किया जाता है। इन बालों का इस्तेमाल सिर्फ विग बनाने में ही नहीं बल्कि नई चीजें बनाने में भी किया जाता है। हाल ही में बेल्जियम में मानव बाल का उपयोग करके एक डोरमैट को पुनर्नवीनीकरण किया गया है। इससे पर्यावरण को भी लाभ होगा। इसके फायदे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।

एक एनजीओ कर कर है ये काम, पर्यावरण को भी होगा फायदा

बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में हेयर कटिंग सैलून में बाल कटवाने वाला एक व्यक्ति कटे हुए बालों को एक एनजीओ को दान कर रहा है। यह एनजीओ डोरमैट बनाने का काम करता है। सभी बालों को इकट्ठा करके एक विशेष मशीन में फीड किया जाता है और इस मशीन से चौकोर आकार की चटाई के रूप में बाहर आता है। इस मैट के फायदे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।

वास्तव में, मानव बाल से बना एक डोरमैट अधिक तेल को अवशोषित कर सकता है और इसमें पर्यावरणीय क्षति को रोकने के लिए हाइड्रोकार्बन भी होते हैं। मानव बाल से डोरमैट बनाने की परियोजना के सह-संस्थापक पैट्रिक जेन्सेन ने कहा कि एक किलोग्राम बाल 7-8 लीटर तेल और हाइड्रोकार्बन को अवशोषित कर सकता है। अगर इस डोरमैट को गंदे पानी में रखा जाए तो यह सारी गंदगी सोख लेगा और पानी साफ निकलेगा।

नदियों के प्रदुषण को किया जा सकेगा कम

आपको बता दें कि इसका उपयोग उद्योगों के कारण नदी के जल में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए किया जाता है। पैट्रिक ने कहा कि इन डोरमैट का निर्माण स्थानीय स्तर पर भी किया जा सकता है और हम इसके निर्माण में किसी तरह का प्रदूषण नहीं फैला रहे हैं, बल्कि इससे प्रदूषण कम होगा। पैट्रिक ने आगे कहा कि इंसान के बाल अपने वजन से 1 करोड़ गुना ज्यादा वजन सोखने की क्षमता रखते हैं। यह तेल और हाइड्रोकार्बन को भी अवशोषित कर सकता है, और इसे आसानी से पानी में धोया जा सकता है और इसमें केराटिन फाइबर के कारण इसे आसानी से मोड़ा जा सकता है।

बहुत कम है निवेश

वहीं हेलियोड सैलून की प्रबंधक इसाबेल वोल्किडिस ने कहा कि हमने इसके लिए बहुत कम निवेश किया है, हमारा एनजीओ जाकर बाल इकठ्ठा करता है। इसाबेल ने आगे कहा कि पहले ये बाल बर्बाद होने वाले थे लेकिन अब इससे कई तरह के उत्पाद बनाए जा सकते हैं जिससे देश का पर्यावरण भी बचेगा और इंसानी बालों से बने उत्पादों को दुनिया में बढ़ावा भी मिलेगा।

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