जानिये हॉकी विश्व कप के शुरु होने से लेकर इसकी ट्रॉफी का क्या रहा है पाकिस्तानी कनेक्शन

जानिये हॉकी विश्व कप के शुरु होने से लेकर इसकी ट्रॉफी का क्या रहा है पाकिस्तानी कनेक्शन

किसी जमाने में हॉट फेवरिट माने जाने वाली पाकिस्तानी टीम अब प्रतियोगिता में क्वालिफाई होने के लिये झूझती है

पुरुषों के हॉकी विश्व कप का आगाज 1971 में हुआ था। पहला विश्व कप जीता भी पाकिस्तान था। लेकिन इस प्रतियोगिता के पाकिस्तानी कनेक्शन से जुड़ी सिर्फ ये एक ही बात नहीं है। बात इससे कहीं आगे जाती है। जी हां, आपको बता दें कि विश्व कप हॉकी के शुरुआती दिनों में हर क्षेत्र में मानो पाकिस्तान का दबदबा था। प्रतियोगिता के शुरूआती दशक में खेल के मैदान पर भी पाकिस्तानी टीम की धाक थी। अब तक पाकिस्तान चार बार ये प्रतियोगिता अपने नाम कर चुका है। हॉकी विश्व कप के साथ और क्या हैं पाकिस्तानी कनेक्शन, आईये जानते हैं।

पाकिस्तान के तत्कालीन एयर मार्शल नूर खान का था आइडिया

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के तत्कालीन एयर मार्शल नूर खान ने विश्व हॉकी पत्रिका के संपादक पैट्रिक रोवले के माध्यम से इंटरनेशल हॉकी फेडरेशन (FIH) को विश्व कप के आयोजन का अपना प्रस्ताव दिया। उनके विचार को 26 अक्टूबर 1969 को अनुमोदित किया गया और 12 अप्रैल 1970 को ब्रसेल्स में एक बैठक में FIH परिषद द्वारा अपनाया गया। FIH ने निर्णय लिया कि पहले विश्व कप का आयोजन अक्टूबर 1971 में पाकिस्तान में किया जाएगा।

बांग्लादेश युद्ध की छाया में बदला गया आयोजन स्थल

पहले विश्व कप का आयोजन चूंकि पाकिस्तान में करना तय हुआ लेकिन व्यावहारि रूप से यह संभव नहीं दिख रहा था। इसका प्रमुख कारण यह था कि 1971 का वह समय बांग्लादेश मुक्ति संग्राम का था। इतना ही नहीं भारत और पाकिस्तान ने छह साल पहले ही पूर्ण युद्ध लड़ा था। ऐसे में यदि भारत को प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिये पाकिस्तान बुलाया जाता तो राजनीतिक रूप से विकट हालात पैदा हो सकते थे। इसीलिये राजनीतिक उथल-पुथल के बीच तनाव से बचने के लिए एफआईएच ने प्रथम विश्व कप का स्थान बदलने का फैसला करते हुए उसे बार्सिलोना, स्पेन स्थित रियल क्लब डी पोलो ग्राउंड्स में करना तय हुआ। 

पाकिस्तानी सेना में एयर मार्शल बशीर मूजिद ने बनवाई थी ट्रॉफी 

जैसा ही ऊपर बताया, हॉकी विश्व कप प्रतियोगिता के बीच बोने के पीछे पाकिस्तानी दिमाग था, वहीं हॉकी विश्व कप की ट्रॉफी का भी पाकिस्तानी कनेक्शन है। बशीर मूजिद पाकिस्तानी सेना में एयर मार्शल थे और उन्होंने ने ही हॉकी विश्व कप ट्रॉफी बनवाई थी। 27 मार्च 1971 को बेल्जियम में पाकिस्तानी राजदूत मसूद द्वारा औपचारिक रूप से एफआईएच अध्यक्ष रेने फ्रैंक को ट्रॉफी सौंपी गई थी। ट्रॉफी में एक जटिल पुष्प डिजाइन वाला एक चांदी का कप है, जिसके ऊपर चांदी और सोने में दुनिया का एक ग्लोब नजर आता है। 

हॉकी विश्व कप के साथ इन पाकिस्तानी कनेक्शन की फहरिश्त के बावजूद सच्चाई यह है कि अब परिस्थिति बदल चुकी है। पहले प्रतियोगिता में सबसे बजबूत मानी जाने वाली पाकिस्तानी टीम अब इसमें क्वालिफाई होने तक के लिये झूझती नजर आती है। इस बार के विश्व कप 2023 में पाकिस्तानी टीम नजर नहीं आयेगी।