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एफआईएच पुरुषों का हॉकी विश्व कप 13 जनवरी 2023 शुरु हो रहा, इन दो भव्य स्टेडियम पर टिकी रहेंगी नजरें
नव-निर्मित बिरसा मुंडा अंतरर्राष्ट्रीय स्टेडियम की स्थापना के बाद का पहला मैच 14 जनवरी को न्यूजीलैंड-चिली के बीच
एफआईएच पुरुषों का हॉकी विश्व कप 13 जनवरी 2023 से शुरू होने जा रहा है। यह लगातार दूसरी बार होगा जब भारत इस भव्य आयोजन की मेजबानी करेगा। 2018 में भूवनेश्वर ओडिशा का एकमात्र शहर था जिसने इस आयोजन की मेजबानी की थी लेकिन इस बार राउरकेला संयुक्त रूप से मैचों का आयोजन करेगा। इस बार हॉकी प्रेमियों की नजरें जिन दो स्टेडियमों पर टिकी रहेंगी वे हैं भुवनेश्वर स्थित कलिंगा अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम और राउरकेला में नवनिर्मित बिरसा मुंडा अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम। बाद वाले स्टेडियम का नाम प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के नाम पर रखा गया है और विशेष रूप से विश्व कप के दौरान मैच आयोजित करने के लिए ही बनाया गया है।
जानिये दो स्टेडियमों की खास बातें
आपको बता दें कि आगामी एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप कलिंगा और बिरसा मुंडा स्टेडियम में दो-दो नई तैयार की गई पिचों पर खेला जाएगा। खेले जाने वाले 44 मैचों में से फाइनल सहित 24 मैच भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में खेले जाएंगे। जबकि बाकी 20 मैच बिरसा मुंडा स्टेडियम में खेले जाएंगे।
नवनिर्मित बिरसा मुंडा स्टेडियम में बैठने की क्षमता प्रतिष्ठित कलिंगा स्टेडियम से बड़ी है। कलिंगा स्टेडियम में फिलहाल 15,000 दर्शक बैठ सकते हैं जबकि बिरसा मुंडा स्टेडियम में 20,000 दर्शक बैठ सकते हैं।
Newly Built #BirsaMundaStadium at Rourkela, Odisha. It will host #FIHworldcup2023 pic.twitter.com/dSp4jq67dI
— Siddhant (@_siddhan_t) December 24, 2022
टूर्नामेंट के पहले मैच में 13 जनवरी को अर्जेंटीना और दक्षिण अफ्रीका की भिड़ंत कलिंगा स्टेडियम में होगी। वहीं 14 जनवरी को न्यूजीलैंड और चिली का शुरुआती मैच होगा जो वह बिरसा मुंडा स्टेडियम में खेला जाने वाला पहला अंतरराष्ट्रीय मैच भी होगा। भारतीय टीम राउरकेला में पहले दो मैच खेलेगी और अंतिम लीग मैच के लिए भुवनेश्वर लौट आयेगी।
आपको बता दें कि पिछले कुछ वर्षों से कलिंगा स्टेडियम भारतीय हॉकी का मानो घरेलू मैदान सा बन गया है और अधिकांश घरेलू मैच यहीं खेले जाते हैं। स्टेडियम ने हाल ही में FIH प्रो लीग मैचों की मेजबानी की जिसमें भारत, स्पेन और न्यूजीलैंड की टीमें शामिल थीं। दूसरी ओर, दक्षिण कोरियाई जूनियर टीम ने बिरसा मुंडा स्टेडियम में कुछ मैच खेले और भारत ने भी नई स्थापित पिचों पर अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण शुरू किया।
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