ग्राहकों की संतुष्टि संबधी सर्वे में सूरत एयरपोर्ट देश में 26वें नंबर पर, राज्य के 5 हवाई अड्डों में सबसे पीछे

ग्राहकों की संतुष्टि संबधी सर्वे में सूरत एयरपोर्ट देश में 26वें नंबर पर, राज्य के 5 हवाई अड्डों में सबसे पीछे

सूरत एयरपोर्ट पर सुविधाओं की कमी, टर्मिनल भवन में प्रवेश तथा पासपोर्ट सत्यापन आदि में समय की बर्बादी

एयरपोर्ट अथॉरिटी के तहत सभी एयरपोर्ट्स पर हर 6 महीने में किए जाने वाले कस्टमर सैटिस्फैक्शन सर्वे में सूरत को देश के 56 एयरपोर्ट्स में 26वां स्थान मिला है। उदयपुर और भोपाल एयरपोर्ट देश में पहले और दूसरे नंबर पर हैं। गुजरात के 5 एयरपोर्ट में सूरत सबसे आखिरी पायदान पर है।

हर छ महिने में होता है सर्वेक्षण

सर्वेक्षण जनवरी से जून और जुलाई से दिसंबर तक किया जाता है। सूरत एयरपोर्ट 2022 की पहली छमाही में 16वें स्थान पर था जो जुलाई से दिसंबर तक गिरकर 26वें स्थान पर आ गया है । कई यात्रियों ने सूरत एयरपोर्ट के साइन बोर्ड को बहुत कम रेटिंग दी। टर्मिनल बिल्डिंग का विस्तार होने के कारण लोगों को एयरपोर्ट के अंदर आने-जाने में काफी परेशानी महसूस होती है। पार्किंग के अलावा यात्रियों को पासपोर्ट सत्यापन में काफी देर तक परेशानी उठानी पड़ती है। सूरत पहले 6 महीने से दूसरे 6 महिनों के दौरान 10 पायदान नीचे गिरा जबकी उदयपुर देश में पहले और भोपाल दूसरे नंबर पर है। 

इन सुविधाओं पर सर्वे किया गया

पार्किंग, चेक इन स्टाफ, वाई-फाई, वॉशरूम-टॉयलेट, बैग डिलीवरी, पार्किंग, ट्रॉली, चेक इन लाइन और प्रतीक्षा सुविधा, सुरक्षा, एलईडी स्क्रीन पर उड़ान संबधी जानकारी, रेस्तरां, बैंक एटीएम, खरीदारी,  लाउंज, स्वच्छता समेत 33 कसौटियों पर सर्वे किया गया।

सर्वे के दौरान इन सुविधाओं को लेकर कम पोईन्ट मिले

सूरत एयरपोर्ट को बैगेज कार्ट, ट्रॉली, लंबा चेक-इन टाइम, स्टाफ की कमी, पर्सनल चेक-इन के लिए लगने वाला समय, निरीक्षण-सुरक्षा स्टाफ का रवैया, सुरक्षा जांच के दौरान समय, वेटिंग एरिया की सुविधा, एयरपोर्ट का माहौल और पासपोर्ट के लिए भी कम प्वाइंट्स मिले।

4 साल में 9 में से 26वें स्थान पर

हवाई अड्डे के आंकड़ों के अनुसार, सूरत हवाई अड्डे को 2019 में ग्राहक संतुष्टि में 9वें स्थान पर रखा गया था, जो 2020 में 13वें, 2021 में 31वें और वर्तमान में 2022 में 26वें स्थान पर आ गया। विशेष रूप से, टर्मिनल के विस्तार से पहले अधिक उड़ानें थीं और सुविधाएं भी बेहतर थीं।

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