बिहार : चालीस साल तक रही निगम में सफाईकर्मी के पद पर, अब बनी डिप्टी मेयर, जानिए चिंता देवी की कहानी

बिहार : चालीस साल तक रही निगम में सफाईकर्मी के पद पर, अब बनी डिप्टी मेयर, जानिए चिंता देवी की कहानी

बिहार के गया नगर निगम चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और वीरेंद्र पासवान ने मुख्य पार्षद और चिंता देवी ने उप मुख्य पार्षद के पद पर जीत दर्ज की है

भारत के संविधान की खूबसूरती यहीं है कि यहाँ कोई भी अपने काम के बल और जनता के सहयोग से किसी भी अहम पर पर विराजमान हो सकता है। बिहार के गया नगर निगम चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और वीरेंद्र पासवान ने मुख्य पार्षद और चिंता देवी ने उप मुख्य पार्षद के पद पर जीत दर्ज की है। पिछले नगर निगम चुनाव में इस बार डिप्टी मेयर प्रत्याशी के तौर पर चिंता देवी के अलावा 10 और प्रत्याशी मैदान में थे। लेकिन चिंता देवी रिकॉर्ड मतों से जीतकर डिप्टी मेयर का पद संभालेंगी। चिंता देवी को कुल 50417 मत मिले जबकि दूसरे प्रत्याशी को 34754 मत मिले। इस तरह चिंता देवी करीब 16000 वोटों से जीत गईं।

चालीस साल तक सफाई कर्मचारी थी चिंता देवी

आपको बता दें कि चिंता देवी पिछले 40 साल से नगर निगम में सफाईकर्मी के पद पर कार्यरत थीं। उनका काम कूड़ा बीनना और झाडू लगाना था। इस बार गया नगर निगम के डिप्टी मेयर पद के आरक्षण के कारण चिंता देवी चुनावी मैदान में उतरीं और जनता के पूर्ण समर्थन के साथ रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की। पूरी नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों के अलावा शहर की जनता ने भी उनका भरपूर सहयोग किया। चिंता देवी को विभिन्न राजनीतिक दलों के अलावा नगर निगम के कर्मचारियों और सफाईकर्मियों का समर्थन मिला।

संघ के लोगों ने किया समर्थन - चिंता देवी

वहीं रिकॉर्ड मतों से विजयी होने वाली चिंता देवी ने कहा कि संघ के लोगों ने समर्थन किया और चुनाव लड़ने की बात कही और लोगों ने पूरा समर्थन दिया। पूर्व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने भी समर्थन किया। इससे पहले उन्होंने 40 साल तक नगर पालिका में सफाईकर्मी के रूप में काम किया। उन्होंने दावा किया कि वह आने वाले दिनों में गया शहर की सूरत बदल देंगे और हर गली में नालियां और सड़क बनवाएंगे। कचरा भी नियमित रूप से उठाया जाएगा।