अहमदाबाद : पाबंदी के बावजूद चीनी धागा बेचने वाला व्यापारी गिरफ्तार, पुलिस ने 2520 रीलें जब्त की

अहमदाबाद : पाबंदी के बावजूद चीनी धागा बेचने वाला व्यापारी गिरफ्तार, पुलिस ने 2520 रीलें जब्त की

उत्तरायण पर पतंगबाजी की गुजरात भर में धूम रहती है, लेकिन प्रशासन इस दौरान प्रतिबंधित वस्तुओं के उपयोग न होने देने को लेकर प्रतिबद्ध है

उत्तरायण पर्व के गिनती के दिन शेष हैं। अहमदाबाद के उत्तरायण में चाइनीज लेस और टूकल की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा सड़क हादसों की घटनाओं को रोकने के लिए सड़क पर पतंग पकड़ने की भी मनाही है। एक गुप्त सूचना के आधार पर अहमदाबाद के सरखेज में पुलिस ने चीनी धागा बेचने वाले एक व्यापारी को गिरफ्तार किया। व्यापारी के पास से दो लाख कीमत की 2520 रील, चाइनीज धागा जब्त किया गया है।

व्यापारी द्वारा चाइनीज धागे का कारोबार किया जा रहा था

उत्तरायण का त्योहार नजदीक आते ही बाजार में पतंग की खरीदारी शुरू हो गई है। इसी बीच रात में गश्त कर रहे पुलिसकर्मियों को सूचना मिली कि सरखेज में एक व्यापारी द्वारा चाइनीज डोरियों का कारोबार किया जा रहा है। जब पुलिस ने आधी रात में सूचना वाले स्थान पर छापा मारा, तो उन्हें अब्दुलगनी शेख नाम के एक व्यक्ति के पास एक गोदाम भरा जा सके इतनी मात्रा में चीनी धागे की कई रीलें मिलीं।  पुलिस ने अब्दुलगनी शेख के पास से 2 लाख 54 हजार कीमत की 2520 रील डोरी जब्त कर आगे की कार्रवाई की है। इस मामले में एक और आरोपी जो कड़ी का है और उसका नाम भगवानभाई है वह फिलहाल फरार है। पुलिस ने उसे पकड़ने के प्रयास भी शुरु किये हैं।

जीवदया चैरिटेबल ट्रस्ट 2007 से पक्षियों का मुफ्त इलाज कर रहा है

उत्तरायण त्यौहार के दौरान लोगों और पक्षियों के जीवन को ध्यान में रखते हुए गुजरात हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसके तहत याचिकाकर्ता ने चाइनीज डोरी और तुक्कल के साथ नायलॉन डोरी पर लगाये जाने वाला ग्लास के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी। इस तरह की डोरी आम जनजीवन और जीव-जंतुओं के लिए काफी हानिकारक साबित होते हैं।

याचिकाकर्ता ने जनवरी 2022 के दौरान डोरी से घायल हुए पक्षियों का डाटा भी न्यायालय के समक्ष रखा है। जिसमें जनवरी माह में कुल 4124 पक्षियों को उपचार के लिए लाया गया था। जिनमें से 663 पक्षियों की मौत हो गई। 3321 पक्षियों को उपचार के बाद छोड़ दिया गया। आजीवन घायल हुए 140 पक्षियों का अभी भी ट्रस्ट द्वारा इलाज किया जा रहा है। जीवदया चैरिटेबल ट्रस्ट 2007 से पक्षियों का मुफ्त इलाज कर रहा है। जिसमें हर महीने करीब 5000 पशु-पक्षियों का इलाज किया जाता है।

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