मतदान के लिये नवीन प्रयोग; ताकि प्रवासी मतदाताओं को वोटिंग के लिये अपने गृह राज्य नहीं जाना पड़े!

चुनाव आयोग रिमोट वोटिंग सिस्टम शुरू करने का ऐलान गुरुवार को किया

चुनाव आयोग प्रवासी मतदाताओं के लिये एक नई सुविधा शुरू करने जा रहा है। इस नई सुविधा के तहत अब प्रवासी मतदाताओं को चुनाव के दौरान वोट डालने के लिए अपने गृह राज्य नहीं जाना पड़ेगा। चुनाव आयोग इसके लिए रिमोट वोटिंग सिस्टम शुरू करने जा रहा है जिसका ऐलान चुनाव आयोग ने गुरुवार को किया।

चुनाव आयोग ने गुरुवार को कहा कि उसने घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए मल्टी-सेक्शन रिमोट ईवीएम तैयार किए हैं। यह एक रिमोट पोलिंग बूथ से 72 मतदान क्षेत्रों को संभाल सकता है। आयोग ने 16 जनवरी को सभी पार्टियों के लिए इसका लाइव डेमो भी रखा है।

विशेषता क्या है?

आरवीएम एक जगह से 72 निर्वाचन क्षेत्रों को संभाल सकता है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक चुनाव को लेकर युवाओं और शहरी इलाकों में रहने वालों की उदासीनता को देखते हुए इसकी जरूरत महसूस की गई।

आयोग ने यह भी कहा है कि वर्तमान में विभिन्न राज्यों में रह रहे प्रवासियों का कोई केंद्रीय डेटाबेस नहीं है. आयोग चिंतित है कि 2019 के आम चुनावों में 67.4 प्रतिशत मतदान हुआ और 30 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर रहे हैं।

अधिकांशतया एक मतदाता अपने गृह राज्य के बाहर कहीं भी मतदाता के रूप में अपना पंजीकरण नहीं कराता है। इतना ही नहीं पैसा और समय बचाने सहित विभिन्न कारणों से मतदान करने के लिए गृह नगर भी नहीं जाता है। इसका सीधा असर वोट प्रतिशत पर पड़ता है। इन समस्याओं से निपटने के लिए आयोग आरवीएम की अवधारणा लेकर आया है।

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