गुजरात : मकरसंक्रांति से पूर्व बाजार में आया पतंग और धागे का स्टॉक, लेकिन इस बार दाम बढ़े हुए हैं

गुजरात : मकरसंक्रांति से पूर्व बाजार में आया पतंग और धागे का स्टॉक, लेकिन इस बार दाम बढ़े हुए हैं

प्रदेश भर में उत्तरायण पर्व पर उड़ाई जाने वाली पतंगों की आपूर्ति सूरत, वड़ोदरा, अहमदाबाद, नड़ियाद और खंभात के पतंग कारोबारी करते हैं

गुजरात में मकरसंक्रांति यानि उत्तरायण का पर्व बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन प्रदेश में पतंग उड़ाने का चलन है। इसी के मद्देनजर अब बाजारों में पतंगों और डोरों का स्टॉक आना शुरु हो गया है और आने वाले दिनों में खरीदारी भी शुरू हो जाएगी।

प्रदेश में इस पर्व पर करोड़ों रुपए की पतंग की डोर बिकती है। हालांकि इस बार उत्तरायण के जश्न में पतंग प्रेमियों को कीमतों में बढ़ोतरी की मार पड़ सकती है। क्योंकि पतंग और डोर की कीमतों में 25 से 30 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है।

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गुजरात भर में उत्तरायण पर्व पर पतंग उड़ाने का चलन

 

दाम बढ़ने से पतंग प्रेमियों का बजट बिगड़ जाता है। वड़ोदरा के पतंग कारोबारी अतुलभाई छत्रीवाला का कहना है कि पिछले साल 5000 वार की रील की कीमत 530 रुपये थी, जो इस बार कीमत 700 रुपये तक पहुंच गई है। पतंगों के दाम का भी यही हाल है। उनका कहना है कि कपास और लेबर के दाम बढ़ने से धागा कंपनियों ने धागे के दाम बढ़ा दिए हैं तो दूसरी तरफ पतंग के कागज, बांस के दाम बढ़ गए हैं और लेबर भी बढ़ गई है।

गौरतलब है गुजरात के वड़ोदरा, अहमदाबाद, नदियाद, खंभात और सूरत में पतंग बनती हैं। ये पांच शहर पूरी पतंग की जरूरत को पूरा करते हैं। गुजरात और देश के अन्य राज्यों में भी पतंग गुजरात से ही भेजी जाती है। पतंग के लिए कागज दिल्ली, पुणे, बैंगलोर और हैदराबाद जैसे शहरों से वड़ोदरा आता है, जबकि पतंग में इस्तेमाल होने वाली बांस की छड़ें कोलकाता से मंगवाई जाती हैं।