कोरोना के संकट के बीच इस देश में हुई 'दिमाग खाने वाले अमीबा' से एक शख्स की मौत

कोरोना के संकट के बीच इस देश में हुई 'दिमाग खाने वाले अमीबा' से एक शख्स की मौत

थाईलैंड से लौटने के बाद एक कोरियाई नागरिक की मौत

एक तरफ वैसे ही दुनिआ कोरोना के आतंक से जूझ रही हैं, इसी बीच अब एक दूसरी बीमारी ने दुनिया को दहशत में दाल रखा है। दक्षिण कोरिया में एक शख्स ब्रेन टिंग अमीबा के कारण मारा गया। दिमाग के अमीबा के कारण मौत का ये पहला मामला है और इस मौत ने हड़कंप मचा दी है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी नेगलेरिया फाउलेरी या मस्तिष्क को खाने वाला अमीबा नाम के अमीबा से होती है। इसे मस्तिष्क को खाने वाला अमीबा कहते है क्योंकि यह सीधे दिमाग को खाने लगता है। अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक नेगलेरिया फाउलेरी एककोशीय अमीबा है जो मिट्टी और साफ गर्म पानी जैसे कि झील, नदी, झरना इत्यादि में रहता है।

जानिए क्या है पूरा मामला

आपको बता दें कि दिमाग को खाने वाले इस अमीबा से दक्षिण कोरिया में एक 50 साल के एक व्यक्ति की मौत हो गई है। द कोरिया टाइम्स के अनुसार, थाईलैंड से लौटने के बाद एक व्यक्ति की नेगलेरिया फाउलेरी के संक्रमण से मौत हो गई।

दो हफ्ते पहले 10 दिसंबर को कोरिया लौटने से पहले उस व्यक्ति ने थाईलैंड में कुल चार महीने बिताए थे। वापस लौटने वाले शाम ही शख्स को सिरदर्द, बुखार, उल्टी, बोलने में कठिनाई और गर्दन में अकड़न जैसे मेनिन्जाइटिस के लक्षण दिखाई देने लगे थे। इसके बाद जब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया तो दो दिन बाद उसकी मौत हो गई। 

इस साल में मिला था ऐसा पहला मामला

इस बारे में कोरियाई हेल्थ एजेंसी ने बताया कि शख्स की मृत्यु का कारण तीन अलग-अलग संक्रमणों पर अनुवांशिक परीक्षण द्वारा निर्धारित किया गया था, जो नेगलेरिया फाउलेरी का कारण बनता है। नेगलेरिया फाउलेरी का पहला मामला 1937 में संयुक्त राज्य अमेरिका के वर्जीनिया में दर्ज किया गया था।

खतरनाक है पानी में मिलने वाला ये वायरस

गौरतलब है कि साउथ कोरिया में इस बीमारी का यह पहला ज्ञात मामला है। टेस्ट से पता चला कि थाईलैंड से आए शख्स के शरीर में एक जीन था जो 99.6% एक मेनिनजाइटिस रोगी में खोजे गए जीन के समान था जो विदेश में रिपोर्ट किया गया था। हालांकि, केडीसीए ने अभी तक ट्रांसमिशन की सटीक मैथड की पहचान नहीं की है। हालांकि माना जा रहा है दूषित पानी में तैरने या संक्रमित पानी से चेहरा धोने के कारण ऐसा हुआ हो सकता है।

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