जानिए गुजरात में बरामद हो रही ड्रग्स पर गृह मंत्री अमित शाह ने क्या कहा

जानिए गुजरात में बरामद हो रही ड्रग्स पर गृह मंत्री अमित शाह ने क्या कहा

कहा जेड जिस राज्य में सबसे ज़्यादा ड्रग्स मिलता है उसका मतलब यह नहीं कि वहाँ ज़्यादा ड्रग्स है, बल्कि इसका मतलब है कि वो राज्य ज़्यादा काम कर रहा है

लोकसभा में बुधवार को ‘देश में मादक पदार्थ दुरुपयोग की समस्या और इस संबंध में सरकार की ओर से उठाए गए कदम’ पर हुई लंबी चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में बहुत सी जानकारी दी। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन पर तंज कसते हुए कहा कि एक राष्ट्रीय नेता गुजरात में मादक पदार्थो के कारोबार में वृद्धि पर चिंता प्रकट कर रहा है।

देश में ड्रग्स की समस्या पर लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने कहा, हाल के गुजरात चुनावों के संदर्भ में मैंने एक राष्ट्रीय नेता का भाषण सुना, जिसमें चिंता व्यक्त की गई थी कि राज्य में मादक पदार्थो का व्यापार बढ़ गया है और वहां अवैध मादक पदार्थो की बड़ी खेप अक्सर जब्त की जाती है। वह नेता सदन में नहीं हैं, अन्यथा मैं उनका नाम लेता।। चूंकि गुजरात एक सीमावर्ती राज्य है, वहां बंदरगाह है और अगर समुद्री रास्ते से मादक पदार्थ आता है तो उसे जब्त कर लिया जाता है। आगे उन्होंने कहा कि “जिस राज्य में सबसे ज़्यादा ड्रग्स मिलता है उसका मतलब यह नहीं की वहाँ ज़्यादा ड्रग्स है, बल्कि इसका मतलब यह है वो राज्य ज़्यादा काम कर रहा है।"

राहुल गांधी ने लगाया था आरोप

आपको बता दें कि गुजरात में एक चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि गुजरात, देश में नशे का केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा था कि राज्य में मुंद्रा बंदरगाह से ड्रग्स ले जाया जाता है, लेकिन राज्य सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती। इस 

ड्रग्स कारोबार 'सीमा रहित अपराध'

शाह ने ड्रग्स कारोबार को 'सीमा रहित अपराध' करार देते हुए कहा कि सरकार की नशीली दवाओं के कारोबार और इस से होने वाली कमाई के खिलाफ सख्त नीति है। अमित शाह ने कहा, 'हमारी सरकार की ड्रग्स के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की नीति है। जो देश हमारे देश में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं वे ड्रग्स से होने वाले मुनाफे का इस्तेमाल उसी के लिए कर रहे हैं। इस गंदे पैसे की मौजूदगी भी धीरे-धीरे हमारी अर्थव्यवस्था को खोखला कर देती है।'

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश के 472 जिलों में नशे का जाल फैला हुआ है। हमने दो साल के अथक परिश्रम के बाद सर्वे और कई रिपोर्ट के आधार पर जिलों में मैपिंग कर ड्रग्स की आपूर्ति के मार्गों की पहचान की है और इसके तहत बड़ी मात्रा में जब्ती भी की गई है। 

जानिए क्या है ड्रग्स को लेकर आंकड़े

 अमित शाह ने कहा कि पिछले वर्षों में गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर यह सुनिश्चित किया है कि प्रधानमंत्री जी के दृढ़ नेतृत्व में नारकोटिक्स प्रतिबन्ध कानूनों और नियमों का सख्ती से क्रियान्वयन हो । साथ ही इसमें आधुनिक तकनीक का उपयोग हो और सभी एजेंसियों में समन्वय स्थपित किया जाये। गृह मंत्री ने कहा कि देश में नशीले पदार्थों की आपूर्ति नेटवर्क को ध्वस्त करने की रणनीति की सफलता के अल्पावधि में ही परिणाम दिखाई दे रहे हैं।

उन्होने कहा कि 2014 के बाद मादक पदार्थों की पकड़ और जब्ती इसका प्रमाण है। शाह ने बताया कि 2006-2013 के बीच कुल 1257 मामले दर्ज किए गए थे जो 2014-2022 के बीच 152 प्रतिशत बढ़कर 3172 हो गए। इसी अवधि में कुल गिरफ्तारी की संख्या 1362 के मुक़ाबले 260 प्रतिशत बढ़कर 4888 हो गई। 2006-2013 के दौरान 1.52 लाख किलोग्राम ड्रग्स जब्त की गई थी जो 2014-2022 के बीच दोगुना बढ़कर 3.30 लाख किलोग्राम हो गई। 2006-2013 के दरम्यान 768 करोड़ रुपये मूल्य की ड्रग्स जब्त की गई थी जो 2014- 2022 के बीच 25 गुना बढ़ोतरी के साथ 20 हज़ार करोड़ रुपये हो गई।

मादक पदार्थों की तस्करी एक राष्ट्रीय मुद्दा

 शाह ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी केंद्र या राज्य का नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय मुद्दा है और इससे निपटने के प्रयास भी राष्ट्रीय और एकीकृत होने चाहिए। उन्होने बैठक में उपस्थित सभी पूर्वोत्तर राज्यों के प्रतिनिधिओं से एनकॉर्ड (NCORD) पोर्टल एवं निदान प्लेटफॉर्म्स का ड्रग तस्करी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई हेतु समुचित प्रयोग करने का अनुरोध किया। साथ ही राज्यों में गठित एंटी नार्कोटिक्स टास्क फ़ोर्स को सशक्त किया करने को कहा जिससे ड्रग्स के विरुद्ध युद्ध में निर्णायक कार्यवाही की जा सके। उन्होने कहा कि मादक पदार्थों की आय के वित्तीय साधनों की विस्तार से जांच और बैंकिंग प्राधिकरणों के समन्वय से धन के पलायन को रोकने के लिए उपयुक्त उपाय किए जाने चाहिए। साथ ही NDPS अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। त्वरित ट्रायल सुनिश्चित करने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट्स स्थापित करने पर भी विचार किया जा सकता है।