राजकोट : आत्मनिर्भर महिला, 10 साल से चला रही है पान की दुकान

राजकोट :  आत्मनिर्भर महिला, 10 साल से चला रही है पान की दुकान

पति के निधन के बाद घर की सभी जिम्मेदारियां रश्मिबेन पर आ गई थी

 राजकोट में चौधरी हाई स्कूल के सामने रश्मिबेन रोकड नाम की महिला पिछले 10 साल से पान की दुकान चला रही है, क्योंकि महिला के पति का आज से 10 साल पहले निधन हो गया। पति के निधन के बाद घर की सभी जिम्मेदारियां रश्मिबेन पर आ गई थी। पति ने डीलक्स नाम की पान की दुकान शुरू की थी, लेकिन दस साल पहले पीलिया से उनकी मौत हो गई। इसलिए पत्नी रश्मिबेन घर चलाने के लिए आगे आईं और पति के व्यवसाय की जिम्मेदारी संभाली। समय बीतने के साथ सफलता मिलने पर पान की दुकान में एसी लगवाई और आज बड़ी संख्या में लोग इस दुकान पर खरीदारी करने आते हैं।
पति की मृत्यु के बाद मैं 6 महीने तक डिप्रेशन में रही
रश्मिबेन रोकड ने कहा, पान की संभालने आई तो कुछ दिन मुझे ऐसे लग रहा था कि पान की दुकान में लेडीज बैठे यह उचित नहीं है, लेकिन लोगों ने बहुच अच्छा सपोर्ट किया। मैं मीठा पान या गुटखा एक भी नहीं बेच रही थी, क्योंकि यह लोगों को नुकसान करता है। आज मैं यह कहना चाहूंगी कि अगर कोई महिला बिना हार के मेहनत करती है तो वह आगे बढ़कर अपने परिवार की देखभाल कर सकती है और सम्मान के साथ जी सकती है। मैं अपनी जैसी महिलाओं से बस इतना ही कहना चाहता हूं। महिलाएं आज किसी भी मामले में पीछे नहीं हैं।"मेरे पति की मृत्यु हुई तो मेरी बेटी ९ साल एवं बेटा १२ साल का था। अब महिलाएं भी पान की दुकान पर आकर पान खाकर मेरा सहयोग करती हैं।
रश्मीबेन ने कहा, "मैं आराम से अपने बच्चों को पढ़ा रही हूं और पान गल्ला से होने वाली आय से घर का सारा खर्च निकला रही हूं।" मैं अभी तक किसी के पास हाथ लंबा किया नहीं।  आज मैंने सब कुछ पार कर लिया है। घर का कर्ज भी चुका दिया है। साथ ही बच्चों को अच्छी पढ़ाई भी करा रहे हैं। घर वालों का भी अच्छा सहयोग मिल रहा है। कुछ दिनों तक सबने यही कहा कि स्त्री होकर पान की दुकान पर बैठना ठीक नही है, लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी और अपने बच्चों के लिए ऐसा कर पाई।
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