अहमदाबाद : विधानसभा का एक दिवसीय सत्र आज, नेता प्रतिपक्ष का चयन संभव

अहमदाबाद : विधानसभा का एक दिवसीय सत्र आज, नेता प्रतिपक्ष का चयन संभव

अर्जुनभाई मोढवाडिया, अमित चावड़ा व शैलेश परमार के बीच मुकाबला है, इन तीन दावेदारों में से कोई एक बन सकता है नेता प्रतिपक्ष

 गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली है। 90 के दशक के बाद कांग्रेस पार्टी को सबसे कम सीटें मिली है। विधानसभा सत्र सोमवार  से शुरू होने जा रहा है। नवनिर्वाचित विधायक के शपथ ग्रहण समारोह के बाद सोमवार को विधानसभा का एक दिवसीय सत्र होगा। विधानसभा सत्र में नेता प्रतिपक्ष कौन होगा यह सभी के लिए चर्चा का विषय है। न्यूज 18 गुजराती  के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष के लिए 3 मुख्य दावेदारों पर विचार किया जा रहा है। इन तीन मुख्य चेहरों के बीच पूर्व प्रतिपक्ष नेता व पूर्व अध्यक्ष व पोरबंदर के विधायक अर्जुनभाई मोढवाडिया, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व अंकलाव के विधायक अमित चावड़ा व विधान सभा के पूर्व उपनेता व दाणिलिमडा के विधायक शैलेश परमार के बीच मुकाबला है। 
नेता प्रतिपक्ष के लिए कांग्रेस के निर्वाचित विधायक गांधीनगर सर्किट हाउस में बैठक करेंगे। दिल्ली हाईकमान पर्यवेक्षकों को भेजता है और सभी विधायकों से प्रतिक्रिया लेता है। उसके बाद निरीक्षकों द्वारा नेता प्रतिपक्ष के लिए दो नाम दिल्ली हाईकमान को भेजे जाएंगे। इन दोनों में से एक नाम का चयन दिल्ली हाईकमान करेगा। अगर ओबीसी समुदाय से नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया जाएगा, तो निकट भविष्य में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बदलने की पूरी संभावनाएं होंगी।

दूसरे स्थान पर रहने वाली पार्टी ही विपक्षी पद के लिए पात्र 

विधानसभा के जानकार सूत्रों के मुताबिक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए 10 फीसदी सीट का नियम नहीं है। दूसरे स्थान पर रहने वाली पार्टी ही विपक्षी पद के लिए पात्र है। इसलिए, कांग्रेस पार्टी वर्तमान में 17 सीटों के साथ गुजरात विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। साथ ही आप पार्टी तीसरे नंबर पर है। लिहाजा कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष का पद मिल सकता है। इसके अलावा विपक्षी नेता को मिलने वाली सभी सुविधाएं भी मिलेगी। बंगला, कार और कार्यालय के अलावा नेता प्रतिपक्ष को भी कैबिनेट स्तर का दर्जा मिलेगा।

भाजपा ने  156 सीटें जीतकर गौरवशाली इतिहास रचा है

भाजपा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में 156 सीटें जीतकर गौरवशाली इतिहास रचा है। कांग्रेस नेता माघवसिंह सोलंकी के नाम गुजरात विधानसभा में अब तक 149 सीटों का रिकॉर्ड था। 1985 में कांग्रेस ने 149 सीटें जीती थीं। यह एक रिकॉर्ड था और अब सबसे कम सीटें पाने का रिकॉर्ड भी कांग्रेस के नाम दर्ज हो गया है। गुजरात के गठन के बाद से हुई सभी विधानसभा बैठकों में गुजरात कांग्रेस का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। 1985 में कांग्रेस अधिवेशन में सबसे अधिक सीटें प्राप्त हुई थीं। गुजरात कांग्रेस ने 2022 में सबसे कम सीटें हासिल करने का रिकॉर्ड भी बनाया है। 1985 के चुनाव में मांधवसिंह सोलंकी के खाम सिद्धांत के कारण कांग्रेस ने रिकॉर्ड तोड़ 149 सीटें जीतीं थी। उसके बाद 1990 में हुए चुनाव में कांग्रेस को सबसे कम 33 सीटें मिलीं। उसके बाद हुए सभी चुनावों में कांग्रेस ने 50 से 80 सीटों पर जीत हासिल की। लेकिन 2022 के चुनाव में कांग्रेस ने सबसे कम 17 सीटें हासिल कर नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। आजादी के बाद से कांग्रेस का सबसे खराब प्रदर्शन 2022 के विधानसभा चुनाव में रहा है।
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