अहमदाबाद: उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप और लगातार मिल रही शिकायतों के बाद भी सड़क पर घूमते आवारा पशुओं की स्थिति जस की तस

अहमदाबाद: उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप और लगातार मिल रही शिकायतों के बाद भी सड़क पर घूमते आवारा पशुओं की स्थिति जस की तस

सड़कों पर ट्रैफिक जाम के अलावा बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं ये मवेशी

राज्य के अन्य जिलों समेत अहमदाबाद शहर में आवारा पशुओं की समस्या अब भी बनी हुई है। आवारा पशुओं के कारण आये दिन दुर्घटना और मृत्यु की जानकारी सामने आती ही रहती है। लंबे समय से चली आ रही इस विकट समय में हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद भी नगर निगम के पदाधिकारी शहरवासियों को आवारा पशुओं की समस्या से निजात नहीं दिला पा रहे हैं। अहमदाबाद के नागरिकों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों से आवारा पशु निगम के बारे में 15503 कॉल द्वारा और लगभग 20 शिकायतें ऑनलाइन प्राप्त हो रही हैं। इसके बावजूद इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई नहीं की जाती है। रोजाना 80 से 100 मवेशी पकड़े जाने की जगह अब निगम तंत्र द्वारा 40 से 50 मवेशी ही पकड़े जा रहे हैं।

मवेशियों के कारण शहर में लग रहा जाम


आपको बता दें कि आवारा मवेशियों को लेकर गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा अक्सर राज्य सरकार और अहमदाबाद नगर निगम प्रणाली की आलोचना की गई है। नागरिकों को हताहत होने से रोकने के लिए कई निर्देश जारी किए गए हैं लेकिन आवारा पशुओं को पकड़ने और नागरिकों को इस प्रताड़ना से मुक्त कराने में निगम तंत्र विफल रहा है । शहर के पश्चिमी हो या पूर्वी इलाके हर जगह आवारा पशुओं की समस्या देखी जा रही है । आवारा पशुओं की सबसे ज्यादा प्रताड़ना पूर्वी क्षेत्र में देखने को मिलती है।शहर के अधिकांश सड़कों पर आवारा मवेशियों के कारण भारी ट्रैफिक रहता है ।

10 दिसंबर को गाय पर सवार होकर टेंपो पलटने से एक युवक की मौत हो गई थी


गौरतलब है कि शहर में आवारा पशुओं का प्रकोप इस कदर है कि हर महीने औसतन एक व्यक्ति की मौत हो रही है और दो से तीन लोग घायल हो जाते हैं। ओधव के सिंगारवा गांव में रहने वाला युवक 10 दिसंबर को अपना टेंपो चला रहा था तभी बीच में एक गाय आ गई और गाय को बचाने के लिए युवक ने अचानक ब्रेक लगा दी। लिहाजा टेंपो पलट गया। जिसमें गंभीर रूप से घायल टेंपो चालक की उपचार के दौरान मौत हो गयी । ऐसे कई हादसे है जिसमें मासूम नगरजन अपनी जान खो रहे हैं।