अहमदाबाद:
— Janak Dave (@dave_janak) December 14, 2022
बस ड्राइवर की सतर्कता से बची महिला की जान,चालू बस में दिल का दौरा पड़ने की जानकारी के बाद एंब्यूलेंस का इंतज़ार किए बिना अस्पताल पहुंचाई यात्रियों से भरी बस.
समय पर महिला का इलाज होने से जान बच गई.
घटना 9 दिसंबर की है.
तस्वीरें देखिए…आज का हीरो बस ड्राइवर… pic.twitter.com/wkG5bH3BXE
अहमदाबाद : चलती बस में महिला को पड़ा दिल का दौरा, ड्राइवर की सूझबूझ से बची जान
By Loktej
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पूरी घटना गांधीनगर से अहमदाबाद आ रही एक सरकारी बस में हुई
इन दिनों दिल का दौरा पड़ने की बहुत सी घटनाओं की खबर सामने आई है। इनमें से कुछ घटना चलती गाड़ी में सफर के दौरान हुई है। हाल ही में गुजरात में एक बस ड्राइवर की बस चलाते समय दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। अब गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में एक बस ड्राइवर ने अपनी सूझबूझ से एक महिला यात्री की जान बचा ली। ड्राइवर का यह किस्सा जो भी सुन रहा है वह खुद को उसकी तारीफ करने से नहीं रोक पा रहा है।
जानिए क्या हुआ था बस में
आपको बता दें कि यह पूरी घटना गांधीनगर से अहमदाबाद आ रही एक सरकारी बस में हुई, जहां यात्रा कर रही एक महिला यात्री ने चेस्ट पेन की शिकायत की। ये घटना 9 दिसंबर की है जब रोड पर दौड़ रही बस में अचानक हार्ट अटैक आने की घटना के बाद ड्राइवर ने अपनी सूझबूझ से महिला को मौत के मुंह से बचा लिया।
बस लेकर सीधा अस्पताल पहुंचा चालक
जानकारी के अनुसार बस में यात्रा के दौरान एक महिला को दिल का दौरा पड़ गया। ऐसे में जब दिल के दौरे की बात ड्राइवर को पता चली तो उसने सोचा कि हाई-वे पर एंबुलेंस आने में वक्त लग सकता है लिहाजा यात्रियों से भरी बस ही अस्पताल पहुंचा दी। ड्राइवर की इस सूझबूझ के कारण महिला का समय पर इलाज हो सका और इसी कारण महिला की जान बच गई। इस बारे में ड्राइवर ने बताया कि उसे लगा कि एंबुलेंस आने में समय बर्बाद करने से बेहतर है कि वह खुद उसे अस्पताल पहुंचा दे।
दिल का दौरा पड़ने पर क्या करना चाहिए?
आज कल तेजी से बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामलों को देखते हुए कुछ कार्डियोलॉजिस्ट इससे बचने के उपाय बताते है। डॉक्टर के अनुसार सडन कार्डियक अरेस्ट आने के बाद शुरुआती 6 मिनट सबसे जरूरी होते हैं। अगर इन 6 मिनट के अंदर मरीज को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) दे दिया जाए तो उसकी जान बच सकती है। एंबुलेंस आने या मरीज को डॉक्टर की मदद मिलने तक लगातार सीपीआर देने से जान बचने की संभावना काफी बढ़ जाती है। 6 मिनट से ज्यादा देर हो जाए और किसी तरह की मदद ना मिले तो व्यक्ति ब्रेन डेड हो सकता है और उसकी मौत भी हो सकती है। कार्डियक अरेस्ट की कंडीशन में सीपीआर लाइफ सेविंग हो सकता है।
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