अहमदाबाद : अमित शाह ने किस तरह कांग्रेस को कांग्रेसियों से भिड़वाया और बीजेपी ने जीत का रिकॉर्ड बनाया

अहमदाबाद  :  अमित शाह ने किस तरह कांग्रेस को कांग्रेसियों से भिड़वाया और बीजेपी ने जीत का रिकॉर्ड बनाया

गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 1985 के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 156 सीटों के साथ ऐतिहासिक जीत हासिल की

 गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 1985 के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 156 सीटों के साथ ऐतिहासिक जीत हासिल की। 1985 में कांग्रेस ने माधव सिंह सोलंकी के नेतृत्व में 149 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया था। जिसे कोई तोड़ नहीं सकता था। लेकिन भूपेंद्र सरकार ने इस रिकॉर्ड को तोड़ते हुए गुजरात में एक नया कीर्तिमान हासिल किया है।  बीजेपी की इस ऐतिहासिक जीत के पीछे ब्रांडफायर शाह-पाटिल और पीएम मोदी की रणनीति को माना जा रहा है। 
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने त्रिकोणीय युद्ध में एक जटिल रणनीति बनाई, जिसमें कांग्रेस और आप का प्रदर्शन खराब रहा। टिकट बंटवारे से लेकर सीटों के आयोजन तक कई प्रयोग किए गए। ऐतिहासिक जीत के लिए कैसी बनी रणनीति, जानें विस्तार से। 

38 विधायकों के टिकट काटे गए


अगस्त 2021 में मुख्यमंत्री समेत पूरे मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद जब नवंबर में टिकट की घोषणा हुई तो बीजेपी ने 38 मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया। इसमें पूर्व सीएम विजय रूपाणी और पूर्व डिप्टी सीएम नितिन पटेल का नाम भी शामिल था। टिकट कटने के बाद जब पार्टी के भीतर बगावत हुई तो खुद अमित शाह मैदान में उतरे और मोर्चा संभाला। शाह ने टिकट काटने के फैसले को पारंपरिक बताया। सूत्रों के मुताबिक जिन विधायकों के खिलाफ पार्टी के सर्वे में नाराजगी थी, उनके टिकट काट दिए गए। इसके अलावा कुछ वरिष्ठ नेताओं के टिकट भी काटे गए। मोरबी से राजकोट तक टिकट काटने का प्रयोग सफल रहा। ज्यादातर सीटों पर नए उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। मोरबी में बीजेपी प्रत्याशी ने 60 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है। 

युवा और लोकप्रिय चेहरों को मैदान में उतारा


दर्शिता सिंह, हार्दिक पटेल, रीवाबा जडेजा और अल्पेश ठाकोर। ये हैं वो लोकप्रिय चेहरे जिन्हें बीजेपी के टिकट पर उतारा गया था। शाह-पाटील की यह रणनीति काम भी आई और तमाम लोकप्रिय चेहरे चुनाव जीत गए।

बाहर से आये 16 नेताओं को टिकट


गुजरात चुनाव में बीजेपी ने पाला बदलने वाले नेताओं को टिकट देने में कोई संकोच नहीं किया है। कांग्रेस और अन्य दलों के 16 नेताओं को टिकट दिया गया था, जिसमें सबसे ज्यादा नेता चुनाव जीते थे। हार्दिक पटेल और कुंवरजी बावलिया प्रमुख हैं।

बूथ प्रबंधन की श्रीकमलम से सीधी निगरानी


बीजेपी ने गुजरात में बूथ मैनेजमेंट के लिए पेज कमेटी और पेज चेयरमैन जैसे पद सृजित किए। पेज कमेटी को लोगों की बात सुनने और इसे हाईकमान तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अहमदाबाद स्थित पार्टी कार्यालय श्रीकमलम से सीधे निगरानी की जा रही थी।

मोदी-शाह की गृह सीट पर संघ की कमान


पीएम मोदी की गृह विधानसभा सीट उंझा और अमित शाह की गृह विधानसभा सीट माणसा की कमान संघ को सौंपी गई। पिछले चुनाव में दोनों सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार दोनों सीटों पर आरएसएस की पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को उतारा गया था। उंझा सीट से मोहन भागवत के करीबी किरीट पटेल को टिकट दिया गया है। जबकि माणसा सीट से जयंती पटेल को उतारा गया था। दोनों सीटों पर बीजेपी का प्रयोग सफल रहा। 
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