अहमदाबाद : ऑनलाइन एप्लिकेशन में निवेश करके ज्यादा पैसा पाने की लालच में निरमा के छात्र सहित तीन लोगों ने गवाएं 6.65 लाख

लोरिकेट नाम के एक ऑनलाइन एप्लिकेशन में पैसा लगाकर ज्यादा पैसा कमाने की लालच में हुआ फ्रॉड

इंटरनेट के जरिए हमें कई तरह की सुविधाएं मिली हैं, तो जोखिम भी काफी बढ़े हैं। आजकल शॉपिंग से लेकर बैंकिंग तक सब कुछ इंटरनेट के जरिए कुछ मिनटों में हो जाता है। लेकिन इसके कारण ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी काफी तेजी से बढ़े हैं। डिजिटलाइजेशन के बढ़ने के साथ साइबर क्राइम में भी इजाफा हुआ है। साइबर अपराधियों ने धोखाधड़ी के जाल में फंसाने के लिए तरह-तरह के लुभावने तरीके इजाद किए हैं। इसमें से एक बहुत आम है ऑनलाइन निवेश और उससे मिलने वाला हाई रीटर्न। ठग और उनका गिरोह इसी लालच के सहारे भोले भले लोगों को बड़ी सहजता से ठगते हैं। ऐसा ही कुछ एक बार फिर देखने को मिला। अहमदाबाद में निरमा यूनिवर्सिटी के एक छात्र, उसके दोस्त और उसके दोस्त की बुआ ने लोरिकेट नामक एक ऑनलाइन ऐप पर निवेश करके उच्च लाभ कमाने के लालच में 6.65 लाख खो दिए। इस बारे में साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई है।

जानिए क्या है पूरा मामला


साइबर क्राइम थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार चांदखेड़ा-जगतपुर के गोदरेज गार्डन सिटी के टिवोली अपार्टमेंट निवासी तेजसकुमार सुरेशचंद्र पटेल (21) निरमा विश्वविद्यालय में मैकेनिकल इंजीनियरिंग शाखा में तृतीय वर्ष का छात्र है। तीन महीने पहले तेजसकुमार के दोस्त जय त्रिवेदी ने तेजसकुमार को बताया कि लोरिकेट नाम के एक ऑनलाइन एप्लिकेशन में पैसा लगाकर ज्यादा पैसा कमाया जा सकता है। साथ ही जय त्रिवेदी ने तेजसकुमार से यह भी कहा, 'इस एप्लिकेशन को डाउनलोड करना होगा और ऑनलाइन निवेश करना होगा। आप जो भी पैसा निवेश करें, उसका स्क्रीनशॉट मुझे भेजें, ताकि स्क्रीनशॉट को इस एप्लिकेशन के संचालकों द्वारा बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप में साझा करना पड़ता है।' दरअसल ठगों के गिरोह ने इस एप्लिकेशन को संचालित करते हुए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया, जिसमें एप्लिकेशन में ऑनलाइन निवेश की रसीदों के स्क्रीनशॉट पोस्ट किए गए थे।

इस तरह सामने आई ठगी की जानकारी


इसके बाद तेजसकुमार ने लोरिकेट नाम का ऐप डाउनलोड किया और शुरुआत में यूपीआई के जरिए 33 हजार का निवेश किया। उसके बाद एक बार में 1 हजार की निकासी कर ली। जब पिता के 5 लाख भी इसमें निवेश किए गए थे क्योंकि निवेश पर प्रतिफल अधिक था। हालांकि तेजसकुमार ने अपने बुआ के बेटे दिव्येशकुमार से भी इस एप्लीकेशन में पैसे लगाने की बात की तो दिव्येशकुमार ने उसे बताया कि यह एप्लीकेशन फर्जी है। इस पर जब तेजसकुमार ने ग्रुप में पैसे वापस मांगने लगा तो व्हाट्सएप ग्रुप के पांच एडमिन ग्रुप से हट गये। तेजसकुमार ने पड़ताल की तो पता चला कि उनके दोस्त जय त्रिवेदी ने इस ऐप में 1.07 लाख जबकि जय की बुआ मेघाबेन ने 25 हजार का निवेश किया था। लिहाजा तेजसकुमार ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि इन तीनों ने इस आवेदन में निवेश किए गए 6.65 लाख रुपये वापस नहीं किए और ब्याज भी नहीं मिला।