अहमदाबाद : लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए साइंस सिटी में आयोजित ई-वेस्ट कलेक्शन ड्राइव

अहमदाबाद : लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए साइंस सिटी में आयोजित ई-वेस्ट कलेक्शन ड्राइव

ई-कचरे के उचित निपटान के लिए अहमदाबाद साइंस सिटी द्वारा एक अभियान चलाया गया है

अहमदाबाद शहर में कचरे की समस्या बहुत बड़ी मानी जाती है। अहमदाबाद शहर में जहां डबल सीजन और कचरा प्रदूषण के कारण रोग फैल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ई-कचरे यानि इलेक्ट्रॉनिक आइटम भी मिट्टी की उर्वरता को प्रभावित करने वाले मामले सामने आये हैं। इस मुद्दे के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने और ई-कचरे के उचित निपटान के लिए अहमदाबाद साइंस सिटी द्वारा एक अभियान चलाया गया है।

साइंस सिटी में आयोजित ड्राइव


शहर हो, राज्य हो या देश। कचरा और कूड़ा फेंकना सिरदर्द बन गया है। सूखे कचरे और गीले कचरे को सिस्टम द्वारा निपटाने का प्रयास किया गया है, व्यवस्था भी की गई है, लेकिन कड़ी मेहनत के बाद भी कहीं न कहीं स्थिति जस की तस है। जिसके कारण महामारी भी फैल रही है। जिससे ई-कचरे का मतलब एक इलेक्ट्रॉनिक आइटम है जो क्षतिग्रस्त या बंद हो जाता है। लोग उस चीज को कचरे के साथ फेंक भी देते हैं। साइंस सिटी के वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि इससे भी नुकसान हो रहा है। अहमदाबाद साइंस सिटी और ई-वेस्ट कलेक्शन कंपनी ने संयुक्त रूप से नुकसान को रोकने और लोगों में जागरूकता पैदा करने की पहल की है। इस पहल के तहत 11 व 12 नवंबर को दो दिनों तक साइंस सिटी में ई-कचरा संग्रह और पुनर्चक्रण कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

 12 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा अभियान


साइंस सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम में छात्रों ने खराब इलेक्ट्रॉनिक सामान लाकर इन चीजों को रिसाइकिल किया। साथ ही कंपनी द्वारा ई-कचरा एकत्र कर उसका निस्तारण किया जाएगा। वहीं साबरमती रिवर फ्रंट स्थित इवेंट सेंटर में 13 नवंबर को होने वाले 5 व 10 किमी ई वेस्ट अवेयरनेस मैराथन के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। मैराथन में आने वालों को मेडल दिया जाता है तो 5 कैटेगरी में 20 हजार और कुल 1 लाख इंसेंटिव प्राइज के तौर पर दिए जाएंगे। इस दौड़ में इवेंट सेंटर और निड के पास 5 किमी का रूट बनाया गया है, जबकि इवेंट सेंटर दुधईस्वर और इवेंट सेंटर पूर्णा में 10 किमी का रूट बनाया गया है।

ई-कचरे के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने का प्रयास


यदि साइंस सिटी के वैज्ञानिक और महाप्रबंधक बृजेश पारिख के मुताबिक धातु, एल्युमीनियम, प्लास्टिक समेत कई चीजें ई-वेस्ट यानी इलेक्ट्रॉनिक आइटम में आती हैं। यह कार्यक्रम मिट्टी की उर्वरता पर पानी के प्रभाव और पानी के संपर्क में आने से मनुष्य को होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए आयोजित किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने विदेशों में ई-कचरा संग्रह के लिए एक प्रणाली बनाने का भी सुझाव दिया क्योंकि वहां सूखा और गीला कचरा एकत्र किया जाता है और लोगों में जागरूकता पैदा की जाती है। वहीं ई-वेस्ट से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों ने साइंस सिटी के इस प्रयास का स्वागत करने वाले लोगों से जागरूक करने की अपील की। 

मैराथन 13 नवंबर को होगी


साइंस सिटी में वर्तमान में ई-कचरा संग्रह और पुनर्चक्रण के साथ एक अभियान चल रहा है। साथ ही मैराथन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी चल रही है। एक अनुमान के मुताबिक अभी तक 3 हजार रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। यह भी 5 हजार तक होने का अनुमान है। इसलिए आयोजकों को उम्मीद है कि मैराथन के जरिए लोगों तक विशाल संदेश पहुंचेगा। यह भी देखना बाकी है कि साइंस सिटी के प्रयास कब और कैसे सफल होते हैं और कब लोग ई-कचरा इकट्ठा करना और उसका पुनर्चक्रण करना शुरू करते हैं।
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