अहमदाबाद : अब तक इस महिला ने 352 लावारिश मृतदेहों का कर चुकी हैं दाह संस्कार, जानें

अहमदाबाद : अब तक इस महिला ने 352 लावारिश मृतदेहों का कर चुकी हैं दाह संस्कार, जानें

इस महिला की सेवा देखकर आप भी बधाई देंगे

यह बात है एक महिला कि जो बहनों की दीदी, गरीब बालकों की माता, बड़ों की बेटी, पीड़ित के मार्गदर्शक और लावारिश लाशों की वारिस की भूमिका निःस्वार्थ एवं निस्पृह भाव से निभाती है। मृत देहों की तरफ कोई देखने को तैयार नहीं होता ऐसे लावारिश मृतदेहों का वारिश बन यह महिला विधि पूर्वक अग्नि संस्कार कर सद्भावना दिखाते हुए मानवता की महक फैला रही है। 
अल्पाबेन पटेल ने कहा, मैंने चरोतर भूमि की बेटी होने और उच्च वर्ग समाज से जुड़े होने के बावजूद यह कार्य स्वीकार की है। कुछ शुरुआती नापसंदगी के बावजूद मैंने अपना काम जारी रखा और आज मेरा काम सभी का पसंदीदा बन गया है।

अब तक 352 शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है


अल्पाबेन ने कहा कि बार-बार संपर्क करने से हमारी भावनाएं भी उनसे जुड़ी हैं, जिसके कारण इन लावारिश मृतदेहों को भी दाह संस्कार की सेवा प्राप्त हुई है। मैं एक महिला होने के बावजूद अब तक 352 शवों का अंतिम संस्कार कर चुकी हूं। पहली बार बहुत नर्वस था। लेकिन लावारिश मृतदेहों को देखकर अंतरात्मा भी उतना ही दुखी था। मेरे पति ने साझा किया, हिम्मत दी और यह पूण्यकार्य शुरू किया गया। आज इन सेवाओं की महक फैल रही है। अन्य धर्मार्थ लोग भी शामिल हुए हैं। फिलहाल उनका संगठन आणंद के अलावा खेड़ा, पंचमहाल, महीसागर, वडोदरा जिलों में काम कर रहा है।

आंधी में मोबाइल की बैटरी की लाइट से किया दाह संस्कार


गुजरात में आए चक्रवाती तूफान के दौरान कई लोगों की मौत हो गई। उस समय हर जगह रोशनी नहीं थी। उस वक्त अल्पाबेन ने रात आठ बजे के बाद अंधेरा होने के बावजूद बाइक की लाइट और मोबाइल की बैटरी की मदद से दो शवों का अंतिम संस्कार किया। 
गरीब बच्चों को शिक्षण सामग्री वितरित करती अल्पाबेन

352 विधवा बहनों को अपने पैरों पर खड़ा किया 


अल्पाबेन ने अपरिचित, मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों, वृद्ध भिखारियों को गुजरात के परिचित आश्रमों में लाकर उन्हें नया जीवन दिया है। उन्होंने पारिवारिक हिंसा पीड़ितों के 8500 से अधिक मामलों का मार्गदर्शन और मदद की है। अल्पाबेन ने कहा कि 352 विधवा बहनों को स्वावलंबी बनने के लिए महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, साबुन के घरेलू उद्योग और दीये की बाती बनाने, खाना पकाने आदि का प्रशिक्षण देकर घर पर कमा सके ऐसे सक्षम बनाया है। इतना ही नहीं शिक्षा के क्षेत्र में वे गरीब बच्चों को अध्ययन सामग्री, किताबें, नोटबुक, कपड़े आदि देकर मदद करती हैं।

कई पुरस्कारों से सम्मानित


अल्पाबेन को वुमन ग्लोबल ट्रायम्फ फाउंडेशन द्वारा ग्लोबल वुमन अचीवर्स 2021 अवार्ड दिया गया। वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड, लंदन से सम्मानित अल्पाबेन को कोरोना महामारी के दौरान उनकी सेवा गतिविधियों के लिए वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड, लंदन द्वारा सम्मानित किया गया। एजुकेशन सेंसेशन ग्रुप ने अल्पाबेन  को भारतीय शिक्षा पुरस्कार 2021 एवार्ड से सम्मानित किया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार पीड़ित-शोषितजनों की सेवाओंका सुगंध है। 
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