अहमदाबाद : ज्यादा वेतन का लालच पड़ा भारी, खेड़ा में फर्जी सीसीसी सर्टिफिकेट मामले में शिक्षकों को नोटिस
By Loktej
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इस मामले में कृषि शिक्षकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई
गुजरात में अब घोटाले सामने आने लगे हैं। लोगों ने पैसे के लिए शिक्षा बेचना भी शुरू कर दिया है। गुजरात के खेड़ा से कुछ समय पहले सीसीसी और सीसीसी प्लस सर्टिफिकेट का भी घोटाला हुआ था। जिसमें शिक्षकों ने उच्च वेतन पाने के लिए डमी प्रमाण पत्र प्राप्त कर प्रस्तुत किया। फिर इस मामले में कृषि शिक्षकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। जानकारी के मुताबिक कुछ समय पहले खेड़ा में सीसीसी के फर्जी सर्टिफिकेट का बड़ा घोटाला पकड़ा गया था। उस पर कार्रवाई की जा रही है।
अधिक वेतन के लालच में फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया
उल्लेखनीय है कि महमदाबाद के कुल 111 प्राथमिक शिक्षकों को फर्जी सीसीसी व सीसीसी प्लस प्रमाण पत्र के संबंध में नोटिस जारी किया गया है। शिक्षकों को भी इस मामले में सात दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया गया है। इस बारे में शिक्षकों को सात दिन के भीतर स्पष्टीकरण देना होगा अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। खेड़ा शिक्षकों ने वेतन के अतिरिक्त लाभ प्राप्त करने के लिए बालिका पॉलिटेक्निक अहमदाबाद के प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए।
सीसीसी और सीसीसी प्लस सर्टिफिकेशन का बड़ा घोटाला
गौरतलब है कि शिक्षकों ने फर्जी साक्ष्य के साथ इस पूरे घोटाले को अंजाम देकर ठगी की थी। लेकिन उनके इस कांड की वजह से उनकी नौकरी जाने की बारी आ सकती है। गौरतलब है कि इस बड़े घोटाले को महुधा, कठलाल, कपडवंज और गलतेश्वर के शिक्षकों ने अंजाम दिया था। लेकिन उनका अधिक वेतन पाने का लालच उन पर भारी पड़ सकता है। दिलचस्प बात यह है कि यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि शिक्षकों ने उच्च वेतनमान प्राप्त करने के लिए ट्रिपल सी के फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे। यह भी ज्ञात है कि मेहमेदाबाद तालुका के शिक्षकों की भागीदारी ट्रिपल सी की बोगस सर्टी प्रस्तुत करने में सबसे अधिक है।
फर्जी वीजा घोटाले का भंडाफोड़
गौरतलब है कि कुछ समय पहले अहमदाबाद में भी एक कौभांड सामने आया था। चार आरोपितों को भी गिरफ्तार किया गया है। उसने कम समय में अधिक पैसा कमाने की लालच में लाखों रुपये का घोटाला किया था। लेकिन उन लोगों को एटीएस ने उठा लिया। इस तरह के अपराध की शिकायत राजस्थान में भी चार आरोपियों में से एक के खिलाफ दर्ज की गई है, लेकिन इस मामले में एक बार फिर गुजरात एटीएस ने कानूनी कार्रवाई की है।
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