अहमदाबाद : 1 अक्टूबर, 2022 से पहले बने अनधिकृत निर्माण कार्य ही हो सकेंगे नियमित : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल

अहमदाबाद : 1 अक्टूबर, 2022 से पहले बने अनधिकृत निर्माण कार्य ही हो सकेंगे नियमित : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल

राज्यपाल की मंजूरी के बाद गुजरात अनधिकृत विकास को नियमित करने बाबत अध्यादेश, 2022 को राज्य में लागू करने का मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का निर्णय

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ‘गुजरात अनधिकृत विकास को नियमित करने बाबत अध्यादेश, 2022’ को राज्य में लागू करने का महत्वपूर्ण जनहितैषी निर्णय किया है। गुजरात के राज्यपाल द्वारा इस ‘गुजरात अनधिकृत विकास को नियमित करने बाबत अध्यादेश, 2022’ को मंजूरी दी गई है। राज्य सरकार के प्रवक्ता शिक्षा मंत्री जीतूभाई वाघाणी ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के इस अहम जनहितैषी निर्णय के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

राज्य सरकार ने संवेदना के साथ यह निर्णय लिया


उन्होंने कहा कि गुजरात जैसे विकास के रोल मॉडल राज्य में उद्योगों और व्यापार-रोजगार की व्यापकता के कारण रोजगार-व्यवसाय के लिए बड़ी संख्या में लोग शहरों में आकर रहने लगे हैं। इसके परिणामस्वरूप वाणिज्यिक और अन्य उद्देश्य वाली संपक्तियों की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। राज्य सरकार ने राज्य के जरूरतमंद गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की मदद के लिए उनकी अनधिकृत संपत्तियों को नियमित करने का यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है। एक या दो कमरे तथा रसोई के छोटे मकान में परिवार के साथ रहने वाले मध्यम वर्गीय नागरिक अपने अनधिकृत निर्माण कार्य को लेकर लगातार फिक्रमंद रहहते हैं। राज्य सरकार ने इसे लेकर संवेदना के साथ यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि तेजी से हो रहे शहरीकरण के कारण शहरों और नगरों की सीमा एवं क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वृद्धि होने से, शहरों में बिना अनुमति के मकानों का निर्माण हो रहा है या विकास नियंत्रण नियमों के विरुद्ध मकान बनते हैं।

गुजरात अनधिकृत विकास को नियमित करने बाबत के अध्यादेश-2022 को लागू करने का निर्णय किया 


प्रवक्ता मंत्री जीतूभाई वाघाणी ने यह भी कहा कि राज्य में महानगर पालिका, प्राधिकरणों और नगर पालिका क्षेत्रों में बड़ी संख्या में मकान/निर्माण कार्य बीयू परमिशन के बिना प्रतीत होते हैं। निर्माण कार्यों की संख्या की व्यापकता और सैम्पल सर्वे के ब्यौरे को ध्यान में रखकर, बिना बीयू परमिशन वाले सभी निर्माण कार्यों को बीयू परमिशन के समकक्ष मान्यता मिल सके, इसके लिए कोई विशेष कदम उठाना/नीति बनाना आवश्यक था।
उन्होंने कहा कि संबंधित प्राधिकरण द्वारा अनधिकृत निर्माण कार्यों को हटाने, ध्वस्त करने या अन्य बदलाव करने के लिए गुजरात प्रोविंशियल म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट, 1949 या गुजरात टाउन प्लानिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट एक्ट, 1976 के अनुसार नोटिस जारी किए गए हैं। लेकिन इन नोटिसों के संबंध में संबंधितों द्वारा आवश्यक कदम उठाना या अनुपालन करना पूर्ण रूप से संभव नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों से निपटने के लिए राज्य सरकार ने पहले सन 2001 और 2011 में अनधिकृत निर्माण कार्यों को नियमित करने का कानून लागू किया गया था, जिसके आधार पर कई निर्माण कार्यों को नियमित किया गया है। इसके बावजूद, यह भी देखा गया है कि कई अनधिकृत निर्माण कार्य नियमित नहीं हो पाए हैं तथा अधिभोग की अनुमति नहीं ले पाए हैं।

गुजरात रेगुलराइजेशन ऑफ अनऑथोराइज्ड डेवलपमेंट ऑर्डिनेंस, 2022’ अध्यादेश को राज्यपाल की मंजूरी 


इन सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तथा पुराने कानून के प्रावधानों, नाम, सुप्रीम कोर्ट एवं हाई कोर्ट के निर्देशों तथा स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में लेकर ‘गुजरात रेगुलराइजेशन ऑफ अनऑथोराइज्ड डेवलपमेंट ऑर्डिनेंस, 2022’ अध्यादेश को मान. राज्यपाल की मंजूरी प्राप्त हुई है। बड़े पैमाने पर अनधिकृत निर्माण कार्यों और बगैर बीयू परमिशन वाले निर्माण कार्यों को हटाने, तोड़ने या बदलाव करने से अनगिनत लोगों के बेघर होने और आजीविका के साधन रहित होने की संभावना है तथा कानून और व्यवस्था के बिगड़ने की संभावना के साथ-साथ सामान्य व्यक्ति को तकलीफ पहुंच सकती है। समाज की आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था पर भी विपरीत प्रभाव पैदा होने की संभावना है, जो अनिच्छनीय है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस पूरे मामले में संपूर्ण मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए राज्य के लाखों परिवारों को आवास सुरक्षा प्रदान करने के लिए इस गुजरात अनधिकृत विकास को नियमित करने बाबत के अध्यादेश-2022 को लागू करने का निर्णय किया है।
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