अहमदाबाद: गुजरात सरकार का बड़ा ऐलान, इम्पैक्ट फी वसूल कर नियमित होंगे अवैध निर्माण

अहमदाबाद: गुजरात सरकार का बड़ा ऐलान, इम्पैक्ट फी वसूल कर नियमित होंगे अवैध निर्माण

राज्य सरकार ने 50 प्रतिशत शुल्क के साथ अवैध निर्माण, मार्जिन और पार्किंग को वैध करने का लिया अहम फैसला

गुजरात सरकार ने आज राज्य में अवैध निर्माणों को नियमित करने का अहम फैसला लिया है। जिसमें सरकार ने इम्पैक्ट फी को लेकर अवैध निर्माण को वैध करने का ऐलान किया है। प्रदेश में अवैध निर्माणों को नियमित करने के लिए सरकार ने मंगलवार को एक अहम फैसला लिया है। जिसमें सरकार ने इम्पैक्ट फीस लेकर अवैध निर्माण को वैध करने का ऐलान किया है। जिसमें राज्य के भीतर उतनी ही इमारतें हैं जहां पार्किंग नहीं है। इसमें कुछ मुद्दे भी शामिल हैं जिन्हें इम्पेक्ट शुल्क के माध्यम से नियमित किया जाना था। इस मुद्दे पर हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। जिसके बाद इम्पैक्ट फीस बिल में अहम संशोधन किया गया। पूरा मामला राज्यपाल के पास भी भेजा गया। अभी जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक सरकार के नए संशोधन को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। यानी मंजूरी दे दी गई है। उसके बाद कैबिनेट की बैठक में इम्पैक्ट फीस बिल पर चर्चा हुई।

50 प्रतिशत शुल्क के साथ अवैध निर्माण मार्जिन और पार्किंग को वैध किया जाएगा


राज्य सरकार ने इम्पेक्ट शुल्क के संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब अनधिकृत निर्माण मार्जिन और पार्किंग को 50 प्रतिशत शुल्क के साथ वैध किया जाएगा। राज्य सरकार के प्रवक्ता जीतू वाघानी ने कहा कि निर्माण को नियमित करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया गया है। वर्ष 2011 में कई अनधिकृत निर्माण हुए। लोग चाहते थे कि सरकार इस मामले में तत्काल निर्णय ले ताकि लोगों को इस अध्यादेश से काफी लाभ हो। सभी महानगर पालिकाओं और नगर निगमों को निर्माण नियमितीकरण अध्यादेशों का अनुपालन अनिवार्य करना होगा। सरकार के फैसले से रेरा के निर्माण के अलावा सभी को लाभ होगा। श्री वाघानी ने कहा कि इम्पेक्ट शुल्क के संबंध में राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है कि एक अक्टूबर 2022 से पहले के निर्माणों को इम्पेक्ट शुल्क में लाभ मिलेगा।

इम्पैक्ट फी की राशि से शहर की ढांचागत सुविधाएं सृजित की जाएंगी


50 वर्ग मीटर के लिए 3000 शुल्क निर्धारित है जबकि 50 से 100 वर्ग मीटर के लिए 6000 शुल्क निर्धारित है, 100 से 200 वर्ग मीटर के लिए 12000 शुल्क निर्धारित है। साथ ही वाघानी ने दावा किया कि प्राप्त शुल्क की राशि का उपयोग अवसंरचनात्मक सुविधाओं के लिए किया जाएगा। साथ ही इम्पैक्ट फीस की राशि से शहर की ढांचागत सुविधाएं सृजित की जाएंगी।
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