अहमदाबाद : गांधीनगर में राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह केन्द्रीय रक्षा मंत्री ने क्या कहा, जानें

अहमदाबाद : गांधीनगर में राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह केन्द्रीय रक्षा मंत्री ने क्या कहा, जानें

सुरक्षित राष्ट्र ही आदर्श राष्ट्र बन सकता हैः राजनाथ सिंह

गांधीनगर के लवाद स्थित भारत के अग्रणी राष्ट्रीय सुरक्षा और पुलिस यूनिवर्सिटी के रूप में विख्यात राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी (आरआरयू) का दूसरा दीक्षांत समारोह सोमवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की विशेष उपस्थिति में आयोजित हुआ। समारोह में यूनिवर्सिटी के 319 विद्यार्थियों को पुरस्कृत करने के अलावा 3 फायर फाइटर्स को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।

सुरक्षा का व्यापक अर्थ मनुष्यों, मानव अधिकारों और मानव गरिमा की सुरक्षा


इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि सुरक्षित राष्ट्र ही आदर्श राष्ट्र बन सकता है। उन्होंने सुरक्षा के व्यापक अर्थ को मनुष्यों की, मानव अधिकारों की और मानव गरिमा की सुरक्षा के रूप में परिभाषित किया। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत काल में विकसित राष्ट्र का निर्माण और गुलामी की हर तरह की सोच से मुक्ति, इन दोनों वचनों को पूरा करना है।

 आजादी के अमृत काल के दौरान गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल स्वाभिमान विकसित करना होगा


केंद्रीय रक्षा मंत्री  ने कहा कि अगले 25 वर्षों में आजादी के अमृत काल के दौरान सुरक्षा एजेंसियों को गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलकर स्वाभिमान विकसित करना होगा। अब तक यह इतिहास पढ़ाया गया है कि देश वर्षों तक गुलाम रहा, लेकिन इतिहास को ठीक से समझते हुए उससे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। इस संदर्भ में उन्होंने बरसों तक विदेशी आक्रांताओं से राष्ट्र की सीमा की रक्षा करने वाले चंद्रगुप्त मौर्य, विक्रमादित्य, समुद्रगुप्त, बप्पा रावल, शिवाजी, रणजीत सिंह, अहोम शासक और चौल राजाओं जैसे राष्ट्र के शासकों का उदाहरण देकर राष्ट्र सुरक्षा की भावना विकसित करने का अनुरोध किया।

सुरक्षा का व्यापक अर्थ मनुष्यों, मानव अधिकारों और मानव गरिमा की सुरक्षा


राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि सुरक्षा के आयाम बदल रहे हैं। पहले देश की सुरक्षा पर आंतरिक और बाह्य, केवल दो ही आयामों के नजरिये से ध्यान दिया जाता था। गत दो दशकों में आंतरिक और बाह्य सुरक्षा के बीच की खाई कम हो रही है। वर्तमान समय में नई टेक्नोलॉजी के विकास के साथ उसमें समाहित जोखिम भी उभर रहे हैं। आतंकवाद, मानव तस्करी, धन शोधन, साइबर वार फेयर और सूचना युद्ध आदि के कारण दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर युद्ध लड़ा जा सकता है। इसलिए देश को सीमा पार बैठे दुश्मनों से सुरक्षित रखने की चुनौतियों से लड़ने के लिए नई पद्धतियां-तरीके अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्पेस यानी अंतरिक्ष, डेटा, सूचना, ऊर्जा, खान, अर्थव्यवस्था और शिक्षा आदि क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए देश और राज्यों की सभी सुरक्षा एजेंसियों को समन्वय स्थापित कर सुरक्षा का कार्य करना होगा।

भारत ने आज तक किसी भी देश के साथ युद्ध कर उसे अपने साथ नहीं मिलाया है


केंद्रीय रक्षा मंत्री ने आतंकवादी मानसिकता वाले देशों पर प्रहार करते हुए कहा कि आतंक को अपना औजार मानने वाले देश यह अच्छी तरह से जानते हैं कि भारत बिना कारण किसी को छेड़ता नहीं और यदि कोई छेड़े तो उसे छोड़ता नहीं। भारत ने आज तक किसी भी देश के साथ युद्ध कर उसे अपने साथ नहीं मिलाया है।

प्रधानमंत्री की प्रेरणा से बनी राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी शिक्षा के साथ प्रशिक्षण भी प्रदान करती है : सीएम भूपेंद्र पटेल


मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी समय के साथ रक्षा क्षेत्र में बढ़ रही चुनौतियों के सामने कुशल मानव बल तैयार करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प का परिणाम है। नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2009 में रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी थी और आज प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के निरंतर समर्थन से गुजरात की रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी के रूप में विकसित हुई है।

नरेन्द्र मोदी ने रक्षा, शक्ति और फॉरेंसिक विज्ञान लैब क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया


मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि नरेन्द्र मोदी ने कानून व्यवस्था के तीन महत्वपूर्ण पहलुओं, रक्षा, शक्ति और फॉरेंसिक विज्ञान लैब को जोड़कर इस क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया है। यह यूनिवर्सिटी पुलिस विज्ञान में डिप्लोमा, यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट में स्नातक और साइबर सुरक्षा में बी.टेक. जैसे कई पाठ्यक्रमों के माध्यम से देश में सुरक्षा इकोसिस्टम विकसित कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से बनी यह यूनिवर्सिटी देश की एक ऐसी यूनिवर्सिटी है, जो रक्षा क्षेत्र में शिक्षा प्रदान करने के साथ ही श्रेष्ठ प्रशिक्षण भी प्रदान कर रही है। चालू वर्ष के दौरान अरुणाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में जल्द ही आरआरयू के कैम्पस शुरू किए जाएंगे। इन कैम्पसों के शुरू होने से पूर्वोत्तर भारत में रक्षा और पुलिसिंग जैसे विषयों पर अध्ययन काफी आसान हो जाएगा।

रक्षा का अर्थ केवल वर्दी, लाठी, बंदूक या सीमा पर सुरक्षा ही नहीं, बल्कि आपदा के समय समाज की रक्षा करना भी रक्षा शक्ति का दायित्व है


मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षा का अर्थ केवल वर्दी, लाठी, बंदूक या सीमा पर सुरक्षा ही नहीं, बल्कि आपदा के वक्त समाज की रक्षा करना भी रक्षा शक्ति के दायित्व में निहित है। उन्होंने विद्यार्थियों का अभिवादन करते हुए उपाधि प्राप्त करने वाले युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए समाज में अधिक से अधिक युवाओं और महिलाओं को जागरूक कर आंतरिक सुरक्षा में आगे बढ़कर हिस्सा लेकर भारत माता की रक्षा करने का आह्वान किया।

यूनिवर्सिटी का लक्ष्य सुरक्षा से संबंधित सभी क्षेत्रों में 2047 तक आत्म-सुरक्षित भारत का संकल्प सिद्ध करना हैः कुलपति बिमल पटेल


राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी के कुलपति बिमल पटेल ने कहा कि यह यूनिवर्सिटी प्रशिक्षण, शोध, शिक्षा और सुरक्षा से संबंधित सभी क्षेत्रों में वर्ष 2047 तक आत्म-सुरक्षित भारत का संकल्प सिद्ध कर, वैश्विक लीडर बनने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। यूनिवर्सिटी ने केंद्रीय तथा राज्य सशस्त्र बलों के सुरक्षाकर्मियों और रक्षा क्षेत्र के अधिकारियों सहित लगभग 10 हजार व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया है। इसके अलावा, अफ्रीका, एशिया और यूरोप के विभिन्न 41 देशों के 400 अधिकारी भी संस्था में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी भी शुरू की है।

यूनिवर्सिटी ने 35 फीसदी महिला कर्मचारियों को रोजगार प्रदान कर महिला सशक्तिकरण का उदाहरण प्रस्तुत किया


उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी ने 35 फीसदी महिला कर्मचारियों को रोजगार प्रदान कर महिला सशक्तिकरण का उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह संस्था राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निजी सुरक्षा कंपनियों के साथ भागीदारी कर सुरक्षा के लिए 21 लाख सुरक्षाकर्मियों की जरूरत को पूरा करने के लिए सहयोग करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार जल्द ही रक्षा शक्ति स्कूल शुरू करेगी, इस संबंध में कार्य प्रगति पर है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लगभग एक हजार युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है और 650 युवाओं को रोजगार भी दिया गया है। इस अवसर पर डिफेंस सिक्योरिटी के अधिकारी, राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, गवर्निंग काउंसिलिंग के सदस्य और भूतपूर्व विद्यार्थियों सहित अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।
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