अहमदाबाद : मुख्यमंत्री भुपेंद्र पटेल का राज्य में खान-खनिज क्षेत्र में ईज़ ऑफ़ डुइंग बिज़नेस को गति देने वाला दृष्टिकोण

अहमदाबाद : मुख्यमंत्री भुपेंद्र पटेल का राज्य में खान-खनिज क्षेत्र में ईज़ ऑफ़ डुइंग बिज़नेस को गति देने वाला दृष्टिकोण

जनहित व प्रशासनिक सरलीकरण के उद्देश्य से गुजरात गौण खनिज छूट (संशोधन) नियम 2022 के अंतर्गत खनन कार्य नियमों में सुधार किए गए

मुख्यमंत्री भुपेंद्र पटेल ने राज्य में खनन-खनिज क्षेत्र में ईज़ ऑफ़ डुइंग बिज़नेस को प्रोत्साहित करने वाला महत्वपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया है। इस संदर्भ में श्री पटेल ने जनहित तथा प्रशासनिक सरलीकरण के उद्देश्य से गुजरात गौण खनिज (संशोधन) नियम-2022 के अंतर्गत खनन कार्य नियमों में सुधार घोषित किए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा किए गए महत्वपूर्ण सुधारों के अनुसार अब से राज्य के निजी भूमि मालिकों को 4 हेक्टेयर तक के क्षेत्र सभी गौण खनिजों के लिए सार्वजनिक नीलामी के बिना आवेदन आधारित नियमानुसार प्रीमियम पर लीज़ का आवंटन किया जाएगा। इतना ही नहीं, सम्बद्ध क्षेत्र में प्राप्त मंज़ूरी, एन.ओ.सी., एन्वायर्नमेंट क्लियरेंस, फ़ॉरेस्ट क्लियरेंसतथा राजस्व संबंधी अभिप्राय आदि को नईमंज़ूरी के समय मान्य माना जाएगा। अर्थात् ऐसी मंज़ूरियाँ दोबारा लेने की आवश्यकता नहीं रहेगी।

पेंडिंग सेव्ड केसों की स्वीकृति अवधि 3 वर्ष बढ़ाई गई


मुख्यमंत्री भुपेंद्र पटेल ने इन नियमों में सुधार के अंतर्गत यह निर्णय भी किया है कि पेंडिंग ‘सेव्ड’ केसों की मंज़ूरी की समयावधि, जो वर्ष 2022 में समाप्त हो रही थी, को तीन वर्ष बढ़ा कर वर्ष 2025 कर दिया है। मुख्यमंत्री ने एक और महत्वपूर्ण तथा लीज़धारकों को आर्थिक राहत देने वाला संशोधन भी किया है, जिसमें बक़ाया राशि पर ब्याज दरों में 6 प्रतिशत की कमी कर दी गई है। हाल में यह ब्याज दर 18 प्रतिशत है, जो अब घटा कर 12 प्रतिशत कर दी गई है। खनन कार्य नियमों में किए गए अन्य संशोधनों के अनुसार प्रथम चरण की सार्वजनिक नीलामी में भाग लेने वाले बिडर्स में तकनीकी रूप से क़्वॉलीफ़ाइड सभी बिडर्स दूसरे चरण में भाग ले सकेंगे। इसके अलावा वित्तीय बोझ न बढ़े; इस उद्देश्य से बिडर को तीन चरणों में अपफ़्रंट पेमेंट की सुविधा दी जाएगी।


बक़ाया राशि पर ब्याज दरें 6 प्रतिशत घटाई गईं


मुख्यमंत्री भुपेंद्र पटेल ने इन नियमों में ये संशोधन भी किया है कि खनिज भंडार समाप्त होने या वैज्ञानिक ढंग से खनन नहीं हो सकने की स्थिति में लीज़धारक लीज़ क्षेत्र को वापस कर सकेंगे। खनन एवं खनिज क्षेत्र में मुख्यमंत्री द्वारा घोषित इन सुधारों के परिणामस्वरूप राज्य में खनन उद्योग क्षेत्र में स्थापित हुए इकोसिस्टम में अधिक सरलीकरण होगा, खनन-खनिज क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी और प्रक्रियाएँ तेज़ बनेंगी।
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