अहमदाबाद : माता-पिता गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचे तो बेटी वहीं बैठी थी!

अहमदाबाद :  माता-पिता गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचे तो बेटी वहीं बैठी थी!

एक दुकानदार ने चोरी करते पकड़ी थी

 अहमदाबाद शहर के पश्चिमी इलाके में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। जिसमें वंदना (बदला हुआ नाम) नाम की 17 वर्षीय लड़की के माता-पिता गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंच जाते हैं। तब वंदना उसी थाने में बैठी थी। उसे देखकर माता-पिता हैरान रह गए। गौरतलब है कि एक दुकानदार ने चोरी करते पकड़ी थी।

माता-पिता ने पूरी की हर जरूरत


अभयम 181 के अनुसार, वंदना के माता-पिता सरकारी अधिकारी हैं और बहुत उच्च पदों पर आसीन हैं। वंदना का जन्म उनकी शादी के दस साल बाद हुआ था। माता-पिता बेटी की हर बात मानी और उनकी सारी जिद पूरी की। वंदना के माता-पिता के मुताबिक दोस्तों के साथ ज्यादा वक्त बिताने से वह बिगड़ गई है।

वह खिड़की से बाहर कूद कर घर से भाग गई


काउंसलर ने इस मामले में कहा, 'उसके व्यवहार से तंग आकर माता-पिता उसे स्कूल से आने के बाद कमरे में बंद कर देते थे और वापस आने के बाद उसे बाहर निकाल देते थे। फिर उसे एक मोबाइल दिया गया और वह सारा दिन मोबाइल की स्क्रीन से चिपकी रही। शुक्रवार को वंदना खिड़की से कूदकर घर से भाग जाती है। फिर वह दो दुकानों पर जाती है। वह दुकानों से एक फोन और कुछ कपड़े चुरा लेती है। तभी दुकानदार उसे देखता है और पकड़ लेता है। 
चोरी करने वाली लड़की को साथ लेकर दुकानदार इस मामले में शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचते है। वंदना और उसके माता-पिता की काउंसलिंग फिलहाल हेल्पलाइन की मदद से की जा रही है।

जानिए इस बारे में मनोवैज्ञानिकों का क्या कहना है


गुजरात के वरिष्ठ सलाहकार मनोवैज्ञानिक डॉ. प्रशांत भीमनी ने इस बारे में न्यूज 18 गुजराती से बात की और कहा कि अक्सर ऐसा होता है कि घर से ही वैल्यू नहीं दी जाती है। उनमें मूल्य स्थापित नहीं होते हैं। इसके अलावा ऐसी स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है जब माता-पिता घर में लड़ रहे हों। इस तरह उसके व्यवहार में बच्चे की भावनात्मक शून्यता सामने आती है। इसके अलावा वे घर की आथोरिटी का ही विरोध करते हैं। इसलिए, सामाजिक अधिकार को स्वीकार नहीं कर सकते हैं। वे किसी भी सामाजिक मानदंडों के संरचित रूप में रहना पसंद नहीं करते हैं। जिससे यह व्यवहार होता है।
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