अहमदाबाद : देश में हाइड्राजीन हाइड्रेट का उत्पादन करने वाली पहली कंपनी होगी गुजरात अल्कलीज

अहमदाबाद : देश में हाइड्राजीन हाइड्रेट का उत्पादन करने वाली पहली कंपनी होगी गुजरात अल्कलीज

पीएम नरेन्द्र मोदी सोमवार को भरूच जिले के आमोद से गुजरात अल्कलीज एंड केमिकल्स लि. के 4105 करोड़ के विभिन्न विस्तारित संयंत्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 10 अक्टूबर को भरूच जिले के आमोद से गुजरात सरकार के सार्वजिनक उपक्रम गुजरात अल्कलीज एंड केमिकल्स लि. (जीएसीएल) के 4105 करोड़ रुपए के विभिन्न विस्तारित संयंत्रों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसमें 405 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित हाइड्राजीन हाइड्रेट संयंत्र महत्वपूर्ण है। गुजरात अल्कलीज इस विशेष प्रकार के रसायन का उत्पादन करने वाली पहली भारतीय कंपनी होगी।
जीएसीएल के ये विभिन्न संयंत्र देश की बहुमूल्य विदेशी मुद्रा की बचत करने के साथ ही राष्ट्र को ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (नालको) के साथ एक संयुक्त उपक्रम जीएसीएल-नालको अल्कलीज एंड केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड (जीएनएएल) भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

कास्टिक सोडा संयंत्र का विस्तार


जीएसीएल के दहेज स्थित कास्टिक सोडा संयंत्र की क्षमता 785 टीपीडी से बढ़ाकर 1310 टीपीडी करने के साथ ही कंपनी कास्टिक सोडा बाजार में अपनी मौजूदा हिस्सेदारी को 11 फीसदी से बढ़ाकर 17 फीसदी करेगी। कास्टिक सोडा संयंत्र के विस्तार का यह प्रोजेक्ट 550 करोड़ रुपए की लागत से शुरू किया गया है।

क्लोरोमिथेन्स संयंत्र


जीएसीएल ने 850 करोड़ रुपए के खर्च से 1,05,000 टीपीए क्षमता वाला अत्याधुनिक क्लोरोमिथेन्स संयंत्र भी स्थापित किया है। यह संयंत्र कंपनी को मिथाइल क्लोराइड, क्लोरोफॉर्म और कार्बन टेट्राक्लोराइड का उत्पादन करने में सक्षम बनाएगा। इस क्षमता के जुड़ने से जीएसीएल मिथाइलीन क्लोराइड की आयात मांग को पूरा करेगी और भारत को इस उत्पाद के लिए आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगा।

हाइड्राजीन हाइड्रेट और जीएनएल प्रोजेक्ट को दिया आकार


जीएसीएल द्वारा 405 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित तीसरा संयंत्र 10,000 एमटीए क्षमता वाला हाइड्राजीन हाइड्रेट संयंत्र है। यह उत्पाद एक पेटेंट इको-फ्रेंडली प्रक्रिया के जरिए बनाया जाएगा। इस प्रक्रिया के लिए पेटेंट संयुक्त रूप से जीएसीएल और सीएसआईआर-आईआईसीटी, हैदराबाद को पेटेंट कार्यालय, भारत सरकार और संयुक्त राज्य अमेरिका के पेटेंट और ट्रेडमार्क कार्यालय की ओर से दिया गया था। जीएसीएल इस विशेष रसायन का उत्पादन करने वाली भारत की पहली कंपनी भी बनी है।

‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को साकार करने में मदद करेगी


हाइड्राजीन हाइड्रेट और मिथाइलीन क्लोराइड की विश्वस्तरीय गुणवत्ता देश के आयात को कम करने में मदद करेगी। यह बहुमूल्य विदेशी मुद्रा की बचत करने के साथ ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को साकार करने में मदद करेगी।

यह प्रोजेक्ट गुजरात के दहेज में 2300 करोड़ रुपए के निवेश से विकसित किया गया है


जीएसीएल-नालको अल्कलीज एंड केमिकल्स प्रा. लि. (जीएनएएल) राष्ट्र को समर्पित होने वाला दूसरा उपक्रम गुजरात अल्कलीज एंड केमिकल्स लिमिटेड (जीएसीएल) और नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (नालको) के बीच संयुक्त उद्यम है। इस नई कंपनी का नाम जीएएल-नालको अल्कलीज एंड केमिकल्स प्रा. लि. (जीएनएएल) है। जीएनएएल ने 130 मेगावाट के कोयला आधारित बिजली संयंत्र के साथ एक उन्नत 800 टीपीडी कास्टिक सोडा संयंत्र स्थापित किया है। यह प्रोजेक्ट गुजरात के दहेज में 2300 करोड़ रुपए के निवेश से विकसित किया गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए जीएसीएल और नालको 60:40 के अनुपात में साझेदारी कर रहे हैं। 
नालको को कास्टिक सोडा की सुनिश्चित आपूर्ति मिलेगी, जो कि एल्युमिना उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण सामग्री है, जबकि जीएसीएल कास्टिक सोडा बाजार में अपने नेतृत्व की स्थिति को और मजबूत बनाएगी तथा अतिरिक्त कास्टिक सोडा की बिक्री से अपनी बाजार हिस्सेदारी को 11 फीसदी से अधिक ले जाएगा।
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