अहमदाबाद : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में ‘आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में गुजरात का एक विशिष्ट क़दम
By Loktej
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2047 में, आज़ादी की शताब्दी तक देश के अमृत काल के लिए दिए गए ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान को साकार करने को गुजरात प्रतिबद्ध
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात ने इस आह्वान को स्वीकार कर आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री भुपेंद्र पटेल ने उद्योगों को आत्मनिर्भरता के लिए सहायता हेतु ‘द आत्मनिर्भर गुजरात स्कीम्स फ़ॉर असिस्टेंस टुइंडस्ट्रीज़’ योजना की उद्योग राज्य मंत्री जगदीश विश्वकर्मा की उपस्थिति में घोषणा की।
रोज़गार और मैन्युफ़ैक्चरिंग क्षेत्रों में गुजरात को आत्मनिर्भर बनाना है
प्रधानमंत्री ने 2047 में, देश जब आज़ादी का शताब्दी वर्ष मनाएगा, तब तक आत्मनिर्भर भारत बनाने के आह्वान को साकार करने का विज़न दिया है। उन्होंने आयात पर निर्भरता कम करने के साथ ऊर्जा स्वनिर्भरता बढ़ाने और कोरोना महामारी से जब दुनिया उबर रही है, तब वैश्विक आपूर्ति शृंखला में भारत का रणनीतिक स्थान बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में भारत दुनिया में सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। ऐसे में इस योजना का मूल्य उद्देश्य इन अवसरों का लाभ उठाते हुए उद्योगों को आकर्षित कर और स्थानीय उत्पादों को सहयोग प्रदान कर गुजरात को रोज़गार और मैन्युफ़ैक्चरिंग क्षेत्रों में गुजरात को आत्मनिर्भर बनाना है।
उद्यमियों और उद्यमिता की भूमि तथा देश का मैन्युफ़ैक्चरिंग हब है गुजरात
मुख्यमंत्री ने इस महत्वाकांक्षी योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि गुजरात उद्यमियों और उद्यमिता की भूमि तथा देश का मैन्युफ़ैक्चरिंग हब है। गुजरात ऐसी अपार क्षमताओं के परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विज़न को साकार करने में आत्मनिर्भर गुजरात के जरिए नेतृत्व करने को तत्पर है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इस विज़न को पूरा करने के लिए आने वाले वर्षों में देश में रणनीतिक और थ्रस्ट एरिया (महत्वपूर्ण क्षेत्र) के उद्योगों को जिन विशेष सहायताओं की आवश्यकता है, उसे पूरा करने में यह स्कीम उपयुक्त साबित होगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कॉप-26 समिट में ‘पंचामृत’ का विचार दिया है
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कॉप-26 समिट में ‘पंचामृत’ का विचार दिया है। इस विचार के अनुकूल उद्योगों को ‘क्लीनर मैन्युफ़ैक्चरिंग प्रैक्टीसेज’ और ‘डी कार्बनाइजेशन इनिशियेटिव’ अपनाकर विश्व के साथ प्रतिस्पर्धा में खड़े रहने के लिए प्रोत्साहित हेतु भी यह स्कीम्स आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस ‘द आत्मनिर्भर गुजरात स्कीम्स फ़ॉर असिस्टेंस टुइंडस्ट्रीज़’ के मारफ़त राज्य सरकार ने उद्यमियों की उद्यमशीलता और उनकी अपेक्षाओं को और भी अधिक प्रोत्साहित कर, उनके निवेश के जोखिमों को कम करने का लक्ष्य रखा है। यह स्कीम्स राज्य में उद्यमिता के लिए नया वातावरण सृजित करने के साथ ही युवा उद्यमियों को नवाचार के माध्यम से जॉब क्रिएटर (नौकरी देने वाला) बनने के लिए प्रेरित करेगी और बड़ी संख्या में क्वालिटी जॉब के अवसर पैदा होंगे।
राज्य में इंडस्ट्रियल वर्क फ़ोर्स तैयार करने में भी गति आएगी
इतना ही नहीं, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई), लार्ज और मेगा इंटरप्राइज़ेस को मिलने वाले एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव्स यानी रोज़गार से जुड़े प्रोत्साहनों से राज्य में इंडस्ट्रियल वर्क फ़ोर्स तैयार करने में भी गति आएगी। इसके अलावा, राज्य में न्यू मैन्युफ़ैक्चरिंग सेक्टर का विकास होने से उसके अनुषांगिक छोटे-बड़े उद्योगों का एक पूरा इकोसिस्टम तैयार होगा, जो मैन्युफ़ैक्चरिंग सेक्टर में वैश्विक मिसाल बनेगा। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा घोषित इस ‘द आत्मनिर्भर गुजरात स्कीम्स फ़ॉर असिस्टेंस टुइंडस्ट्रीज़’ में एमएसएमई सेक्टर को दिए जाने वाले प्रोत्साहनों की भूमिका उद्योग राज्य मंत्री जगदीश विश्वकर्मा ने दी।
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