अहमदाबाद : कच्छ ज़िले के विद्यार्थियों सहित विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों को राज्य सरकार की अमूल्य भेंट

अहमदाबाद : कच्छ ज़िले के विद्यार्थियों सहित विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों को राज्य सरकार की अमूल्य भेंट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भुज में 90 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित ‘आंचलिक विज्ञान केन्द्र’ का लोकार्पण करेंगे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी 28 अगस्त, 2022 रविवार को कच्छ ज़िला मुख्यालय भुज में नवनिर्मित अत्याधुनिक आंचलिक विज्ञान केन्द्र (रीजनल साइंस सेंटर अर्थात् RSC) का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन व प्रयासों के माध्यम से राज्य में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (साइंस एंड टेक्नोलॉजी) के प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न स्थानों पर आंचलिक विज्ञान केन्द्रों का निर्माण हो रहा है। ये रीजनल साइंस सेंटर्स युवा पीढ़ी को विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रोत्साहित तथा शिक्षित करने और आत्मविश्वास बढ़ाने वाले केन्द्र सिद्ध होंगे।
भुज में लगभग 10 एकड़ भूमि पर पर 90 करोड़ रुपए की लागत से निमित रीजनल साइंस सेंटर आगंतुकों की विज्ञान के प्रति जिज्ञासा वृत्ति को प्रोत्साहित करेगा। इसके साथ ही यह सेंटर लोगों में जीवन पर्यंत सीखने की वृत्ति को आगे बढ़ाने वाली वाइब्रेंट डिज़ाइन के साथ तैयार किया गया है। भुज में माधापर रोड पर भुजियो पर्वत की तहलटी में स्मृतिवन के निकट स्थित इस आंचलिक विज्ञान केन्द्र का निर्माण गुजरात सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत कार्यरत गुजरात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (गुजरात काउंसिल ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी अर्थात् गुजकोस्ट) की ओर से किया गया है।

गुजरात सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ 21वीं शताब्दी के विज्ञान युग की राह पर


रीजनल साइंस सेंटर का मुख्य उद्देश्य साधारण मानव के मानस पटल पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण स्थापित कर विज्ञान के प्रति लोकजागृति लाने तथा विद्यार्थियों को आगामी पीढ़ी के वैज्ञानिक बनने के लिए प्रेरित करना है। तदुपरांत यहाँ विज्ञान के शिक्षकों, विद्यार्थियों, युवा उद्यमियों, टेक्नीशियनों, दिव्यांगों, गृहिणियों तथा अन्य लोगों के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी व उद्योग से सम्बद्ध प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे। कच्छ-भुज की भौगोलिक स्थिति के आधार पर 6 प्रकार की विभिन्न थीम आधारित गैलरीज़ विकसित की गई।

अंतरिक्ष विज्ञान दीर्घा (स्पेश साइंस गैलरी)  :  विभिन्न खगोलीय सिद्धांतों व अंतरिक्ष पदार्थों पर केन्द्रित वर्णनात्मक, इंटरेक्टिव और इनफ़ॉटेनमेंट थीम आधारित राइड्स वाले अंतरिक्ष अनुसंधान के भूतकाल, वर्तमानकाल तथा भविष्यकाल का वर्णन करने वाली प्रदर्शनी देखने को मिलेगी।
मरीन नेवीगेशन दीर्घा : इस गैलरी में समुद्री यात्रा के प्राचीन इतिहास, विभिन्न सिग्लनों के अंतरराष्ट्रीय कोड्स, समुद्री नेवीगेशन तथा समुद्री यात्रा में उपयोग में ली जाने वाली पद्धतियों, संसाधनों की रुचिप्रद जानकारी इंटरेक्टिव पद्धति से दर्शाने वाली प्रदर्शनी देखने को मिलेगी।
ऊर्जा विज्ञान दीर्घा : ऊर्जा के विभिन्न सिद्धांतों पर आधारित थियरी से लेकर उसकी व्यावहारिक एप्लिकेशन्स को रुचिप्रद ढंग से प्रदर्शित किया गया है। आगंतुकों को विभिन्न मॉडल्स के माध्यम से बताया जाएगा कि ऊर्जा किस प्रकार हमारे दैनिक जीवन को स्पर्श करती है ?
नैनो टेक्नोलॉजी दीर्घा : इस गैलरी में नैनो टेक्नोलॉजी के विभिन्न सिद्धांतों, संसाधनों, तकनीक तथा एप्लिकेशन्स को प्रदर्शित किया गया है। वर्तमान समय में नैनो टेक्नोलॉजी की उपयोगिता तथा भविष्य में उसके द्वारा आने वाले परिवर्तनों को विभिन्न उत्पादों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है।
बोनसाई दीर्घा : बोनसाई (वामन या बौने) पेड़ विकसित करने की कला व उससे जुड़े विज्ञान को विभिन्न इनफ़ॉग्राफिक्स एवं जीवंत नमूनों द्वारा प्रस्तुत किया गया है। साथ ही इस दीर्घा में बोनसाई कार्यशिविर में आगंतुकों को अपने हाथों से बोनसाई पेड़ विकसित करने का अवसर भी मिलेगा।
फ़ील्ड्स मेडल दीर्घा : यह एक विशिष्टता से युक्त गैलरी बनाई गई है। इसमें गणित के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले युवा गणितज्ञों को फ़ील्ड्स मेडल द्वारा सम्मानित किया गया है। यह दीर्घा भारत के उन गणितज्ञों को समर्पित है; जिन्होंने गणित के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

भुज स्थित आंचलिक विज्ञान केन्द्र की अन्य विशेषताएँ


इस केन्द्र में आगंतुकों; विशेषकर विद्यार्थियों व शोधकर्ताओं को गैलरियों के अतिरिक्त लोगों के मनोरंजन के लिए सबमरीन सिम्युलेटर, मरीन नेवीगेशन सिम्युलेटर, थ्रीडी थियेटर, सोलर ट्री, फ़िबोनाची सिद्धांत आधारित स्कल्पचर, बच्चों के खेलने के लिए नैनो टनल, पीएसएलवी रॉकेट मॉडल, बोनसाई गार्डन तथा वर्कशॉप जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं का हैण्ड्स ऑन एक्सपीरियेंस मिलेगा। इस पूरे केन्द्र के चहुँओर विज्ञान की थीम पर आधारित उद्यान विकसित किया जा रहा है; जिसमें आउटडोर प्रदर्शनी का आनंद भी उठाया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त इस केन्द्र में आने वाले लोगों को प्रेरित करने के लिए केन्द्र को क्लीन एनर्जी एफ़िशिएंट बनाया गया है। केन्द्र में सौर ऊर्जा से बिजली 
उत्पन्न कर उसका उपयोग कर लोगों को प्रेरित करने के लिए गुजरात ऊर्जा विकास अभिकरण (गुजरात एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी अर्थात् GNDA) की सहायता से लगभग 95 किलोवॉट विद्युत उत्पादन क्षमता वाला सोलर सिस्टम भी लगाया गया है।
भुज का यह रीजनल साइंस सेंटर समग्र कच्छ ज़िले में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित नवाचार (इनोवेशन) का केन्द्र बनेगा। यहाँ समग्र वर्ष के दौरान ज़िला एवं राज्य स्तर के विज्ञान आधारित विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित होंगे।
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