अहमदाबाद : छोटा उदेपुर में 5.48 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा मॉडल फ़ायर स्टेशन

अहमदाबाद : छोटा उदेपुर में 5.48 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा मॉडल फ़ायर स्टेशन

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का राज्य के अग्निशमन ढाँचे को सुदृढ़ करने का जनहितैषी दृष्टिकोण, मॉडल फ़ायर स्टेशन ज़िलों में आग की आपदाओं से निपटने में सज्ज होंगे

ज़िला मुख्यालयों वाले 16 नपा क्षेत्रों में फ़ायर स्टेशन के लिए प्रत्येक नपा को 5.14 करोड़ रुपए के अनुसार 82.24 करोड़ रुपए की सैद्धांतिक स्वीकृति 
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य के अग्निशमन ढाँचे को सुदृढ़ कर समयानुकूल संसाधनों से सज्ज करने का जनहितैषी दृष्टिकोण अपनाया है। राज्य में किसी भी छोटी-बड़ी प्राकृतिक या मानव सृजित आपदाओं के समय अग्निशमन सेवाओं की महत्ता तथा आवश्यकता को ध्यान में लेते हुए भूपेंद्र पटेल ने राज्य के नगर पालिका क्षेत्रों में अत्याधुनिक मॉडल फ़ायर स्टेशन निर्माण की दिशा अपनाई है। इस संदर्भ में उन्होंने राज्य के छोटा उदेपुर नगर पालिका क्षेत्र में नया मॉडल फ़ायर स्टेशन बनाने को सैद्धांतिक स्वीकृति दी है।
म्युनिसिपालिटीज़ एडमिनिस्ट्रेशन आयुक्त द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष इस संबंध में प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था, जिसके अनुसार मुख्यमंत्री ने छोटा उदेपुर ज़िला मुख्यालय छोटा उदेपुर नगर पालिका क्षेत्र में प्रस्तावित मॉडल फ़ायर स्टेशन निर्माणार्थ बिल्डिंग, स्टाफ़ क़्वॉर्टर्स, टैंकरूम, ओवरहेड टैंक, कम्पाउंड वॉल आदि के लिए 5 करोड़ 15 लाख रुपए के कार्यों, सोलर रूफ़टॉप सिस्टम के लिए 15 लाख रुपए सहित अन्य ख़र्च सहित समग्रत: 5 करोड़ 48 लाख रुपए के कार्य स्वीकृत किए हैं।
यहाँ यह उल्लेख करना आवश्यक है कि शहरी विकास विभाग ने राज्य के 32 ज़िला मुख्यालयों वाले 32 नगर पालिका क्षेत्रों में ज़िले के मुख्य फ़ायर स्टेशनों के निर्माण के लिए 32 विभागीय कार्यालय निर्धारित किए हैं, जिसके अनुसार वर्ष 2022-23 में ज़िला मुख्यालयों पर स्थित 16 नगर पालिका क्षेत्रों में प्रति नगर पालिका 5.14 करोड़ रुपए के अनुसार 82.24 करोड़ रुपए की सैद्धांतिक अनुमति दी गई है। इतना ही नहीं, वर्ष 2022-23 के बजट में प्रत्येक फ़ायर स्टेशन पर 1 करोड़ रुपए के अनुसार 16 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा ज़िला स्तरीय मॉडल फ़ायर स्टेशनों के निर्माण के लिए अपनाई गई रणनीति से ज़िलों में फ़ायर-आग की आपदा के समय तत्काल राहत एवं बचाव कार्य तेज़ी से हो सकेंगे।
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