अहमदाबाद : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने उच्च स्तरीय बैठक कर राज्य के जलाशयों की वर्तमान स्थिति की सर्वग्राही समीक्षा की

अहमदाबाद : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने उच्च स्तरीय बैठक कर राज्य के जलाशयों की वर्तमान स्थिति की सर्वग्राही समीक्षा की

राज्य में सरदार सरोवर परियोजना सहित 207 जलाशयों की कुल जल संग्रह क्षमता 25,266 MCM के समक्ष 17,395 MCM अर्थात् 69 प्रतिशत जल संग्रह

जलाशयों में पिछले 13 वर्षों में इस वर्ष सर्वाधिक जल संग्रह
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेलने वर्तमान वर्षा ऋतु (मॉनसून) में व्यापक वर्षा की स्थिति के चलते राज्य के जलाशयों की सर्वग्राही समीक्षा के लिए बुधवार को गांधीनगर में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की। जलापूर्ति व सिंचाई मंत्री ऋषिकेश पटेल की उपस्थिति में आयोजित इस बैठक में जल संसाधन विभाग ने जलाशयों की दिनांक 10 अगस्त, 2022 तक की स्थिति का विस्तृत विवरण मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया। बैठक में मुख्यमंत्री को विवरण दिया गया कि राज्य में सरदार सरोवर परियोजना सहित कुल 207 जलाशयों की कुल जल संग्रह क्षमता 25,266 मीलियन क्यूबिक मीटर है। इसके समक्ष अब तक 17,395 MCM जल जलाशयों में आया है। अर्थात् लगभग 69 प्रतिशत पानी इन जलाशयो में है। पानी की यह आय पिछले 13 वर्षों में सर्वाधिक तथा गत वर्ष की 10 अगस्त की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जलाशयों की स्थिति की समीक्षा के दौरान दिशा-निर्देश दिए कि जिन क्षेत्रों में वर्षा अधिक होती है और बरसाती पानी बह जाता है, वहाँ छोटे चेकडैम (तटबंध) बना कर बह जाने वाले बरसाती पानी को रोकते हुए जल संग्रह-जल संचय किया जा सकता है। उन्होंने निर्देश भी दिया कि हाल में जहाँ वर्षा हुई है, वहाँ सिंचाई हो सके;इसके लिए आवश्यकता के अनुसार सिंचाई योजनाओं के कार्य भी तुरंत आरंभ करने आवश्यक हैं। इस समीक्षा बैठक में राज्य के जलाशयों की अंचलवार समीक्षा करते हुए बताया गया कि 10 अगस्त, 2022 की स्थिति के अनुसार कच्छ अंचल में 20 मध्यम व 170 लघु सिंचाई योजनाओं के जलाशयों में औसत 70 प्रतिशत जल है।इसी प्रकार सौराष्ट्र अंचल के 141 जलाशयों में 63 प्रतिशत, दक्षिण गुजरात अंचल के 13 जलाशयों में 74 प्रतिशत, मध्य गुजरात अंचल के 17 जलाशयों में 44 प्रतिशत तथा उत्तर गुजरात अंचल के 15 जलाशयों में 31 प्रतिशत पानी है।
जलाशयों में पिछले 13 वर्षों में इस वर्ष सर्वाधिक जल संग्रह
मुख्यमंत्र के समक्ष प्रस्तुत किए गए विवरण में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की ओर से यह भी बताया गया कि सरदार सरोवर परियोजना (नर्मदा बांध) को छोड़ कर शेष 206 जलाशयों में से 69 जलाशय 100 प्रतिशत, 12 जलाशय 80 से 90 प्रतिशत, 10 जलाशय 70 से 80 प्रतिशत, 35 जलाशय 50 से 70 प्रतिशत और 41 जलाशय 50 प्रतिशत भर गए हैं। बैठक में बताया गया कि राज्य के 73 जलाशयों के पानी का पेयजल के रूप में उपयोग किया जाता है। इनमें से 62 जलाशयों में अगस्त 2023 तक चले;इतना व पर्याप्त जल भंडार उपलब्ध है।
गत वर्ष 10 अगस्त की तुलना में इस वर्ष 21 प्रतिशत अधिक जल संग्रह
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान राज्य में वर्षा की स्थिति की भी समीक्षा की। वर्षा की स्थिति के संदर्भ में मुख्यमंत्री को बताया गया कि राज्य में 10 अगस्त तक औसत 80 प्रतिशत वर्षा हुई है। इतना ही नहीं, राज्य के 33 ज़िलों (जनपदों) की सभी तहसीलों में 125 मिलीमीटर से भी अधिक वर्षा हो चुकी है। इस उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के. कैलाशनाथन, मुख्य सचिव पंकज कुमार, राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव  कमल दायाणी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज जोशी, सरदार सरोवर नर्मदा निगम के प्रबंध निदेशक (एमडी) जे. पी. गुप्ता, जल संसाधन, जलापूर्ति सहित सम्बद्ध विभागों के वरिष्ठ सचिव, अतिरिक्त सचिव तथा अभियंता भी उपस्थित थे।
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