अहमदाबाद : पिछले दो दशकों में आदिवासी समाज के विकास के लिए बजट में 26 गुना भारी वृद्धि की गई : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल

अहमदाबाद :  पिछले दो दशकों में आदिवासी समाज के विकास के लिए बजट में 26 गुना भारी वृद्धि की गई : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल

मुख्यमंत्री ने विश्व आदिवासी दिवस पर दाहोद ज़िले के झालोद से राज्य के आदिजाति क्षेत्रों में लगभग 1600 करोड़ रुपए के लगभग 5690 विकास कार्यों की भेंट दी

झालोद में मुख्यमंत्री  भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय विश्व आदिवासी दिवस समारोह का हुआ आयोजन
राज्य के अन्य 26 स्थानों पर आयोजित विश्व आदिवासी दिवस समारोह में विधानसभाध्यक्ष मंत्रिमंडल के सदस्य सहभागी हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि आदिवासियों का सामाजिक-आर्थिक विकास सदैव राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है। श्री पटेल ने मंगलवार को आदिजाति क्षेत्र दाहोद ज़िले के झालोद में आयोजित राज्य स्तरीय विश्व आदिवासी समारोह का शुभारंभ कराते हुए यह बात कही। इस अवसर पर उन्होंने राज्य के आदिजाति क्षेत्रों के लिए 1600 करोड़ रुपए के लगभग 5690 विकास कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में झालोद में राज्य स्तरीय विश्व आदिवासी दिवस समारोह के साथ राज्य के विभिन्न आदिजाति क्षेत्रों में 26 स्थानों पर एक साथ विश्व आदिवासी दिवस समारोह आयोजित हुए, जिनमें विधानसभाध्यक्ष सहित मंत्रिमंडल के सदस्य सहभागी हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी द्वारा गुजरात में अपने मुख्यमंत्रित्व काल में आदिवासियों को मुख्य धारा में लाने के लिए आरंभ की गई वनबंधु कल्याण योजना को हम आगे बढ़ा रहे हैं। श्री पटेल ने कहा कि पिछले दो दशकों में राज्य के आदिवासी समाज के विकास के लिए बजट में 26 गुना भारी वृद्धि की गई है। उन्होंने भूमिका देते हुए कहा कि आदिवासियों के रोज़गार, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं ढाँचागत सुविधाओं के लिए अब तक एक लाख करोड़ रुपए ख़र्च  किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी के मार्गदर्शन में आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार पिछले दो दशकों से निरंतर कर्तव्यरत् है। इन दो दशकों में 20745 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के माध्यम से आदिवासियों का जीवन अधिक सरल बनाया गया है और उन्हें विकास की राह पर लाया गया है। आदिजाति विभाग के बजट में क्रमश: भारी वृद्धि कर वर्ष 2021-22 में आदिजाति बांधवों के लिए 2656.40 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने आदिजाति विभाग के विभिन्न योजनागत लाभों के लाभार्थियों को लाभ वितरण करने के साथ-साथ बिरसा मुंडा विश्वविद्यालय के लोगो (LOGO) का अनावरण तथा तेजस्वी छात्र-छात्राओं का सम्मान भी किया। 
आदिवासी क्षेत्रों में हुए जनकल्याण कार्यों की भूमिका देते हुए श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी ने वनबंधु कल्याण योजना क्रियान्वित कर गुजरात में आदिवासी समुदाय के सर्वांगीण विकास के द्वार खोल दिए हैं। आदिवासियों के रोज़गार, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं ढाँचागत सुविधाओं के लिए अब तक एक लाख करोड़ रुपए का ख़र्च किया गया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने ‘पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम यानी पेसा’ का सुदृढ़ क्रियान्वयन कर अंबाजी से उमगराम तक आदिवासी पट्टे के 14 ज़िलों की 53 तहसीलों के 4 हज़ार से अधिक गाँवों के 90 लाख से अधिक आदिवासियों को विशेषाधिकार दिए हैं।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि शहरों में पढ़ाई करने वाले आदिवासी विद्यार्थियों के लिए विशेष छात्रालयों, एकलव्य स्कूलों व मॉडल स्कूलों, गोधरा में गोविंद गुरु यूनिवर्सिटी एवं राजपीपला में बिरसा मुंडा यूनिवर्सिटी का निर्माण कर आदिवासी छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षा के नए आयाम उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात की आदिवासी संस्कृति का देश-विदेश के पर्यटक देख-जान सकें;इसके लिए 130 करोड़ रुपए की लागत से राष्ट्रीय आदिवासी संग्रहालय (नेशनल ट्राइबल म्यूज़ियम) बनाया जा रहा है। आदिवासी ज़िलों के 11 लाख एकड़ क्षेत्र को विभिन्न सिंचाई योजनाओं का लाभ देकर हरियाला बनाने के साथ-साथ आदिवासी क्षेत्र के 98 प्रतिशत राजस्व गाँवों को पक्की सड़कों से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आदिवासी बंधुओं को विकास के वर्तमान परिप्रेक्ष्यों के साथ जोड़ते हुए ट्राइबल डेवलपमेंट (आदिवासी विकास) का एक नया मॉडल दुनिया को दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। भारत को अंग्रेज़ी शासन से मुक्त कराने में आदिवासी बांधवों का बलिदान अनन्य रहा है। राज्य सरकार ने आदिवासियों के इस बलिदान को विश्व के समक्ष उजागर किया है। पाल दढवाव के शहीदों की स्मृति में वन तथा गोविंद गुरु की स्मृति में उनके नाम के साथ यूनिवर्सिटी के अलावा राजपीपला में 341 करोड़ रुपए के ख़र्च से बिरसा मुंडा यूनिवर्सिटी का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने सभी आदिवासी बंधुओं से प्रधानमंत्री द्वारा हर घर तिरंगा अभियान में जुड़ने के लिए किए गए आह्वान में जुड़ने का अनुरोध किया।
इस अवसर पर आदिजाति मंत्री नरेशभाई पटेल ने आदिजाति बांधवों को मुख्य धारा में लाने के लिए नरेन्द्रभाई मोदी द्वारा शुरू किए गए प्रयासों को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल अधिक बल दे रहे हैं। श्री भूपेंद्र पटेल आदिवासी आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर चिंता करते हुए आवश्यक बजट का प्रावधान करते हैं। आदिवासियों को मुख्य धारा में लाने के लिए शिक्षा के अत्यंत आवश्यक होने पर बल देते हुए नरेशभाई पटेल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आदिवासी क्षेत्रों में नई-नई शिक्षा सुविधाएँ स्थापित की जा रही हैं। मेडिकल-इंजीनियरिंग कॉलेज भी अब इन क्षेत्रों को मिल रहे हैं। आदिवासी छात्र-छात्राओं को घर बैठे उच्च शिक्षा मिल रही है।
आदिवासी समाज के गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए सांसद  जसवंतसिंह भाभोर ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्रभाई मोदी ने गुजरात के आदिवासी समाज के विकास की आधारशिला रखी है और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में विभिन्न विकास कार्यों की भेंट धरते हुए आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास का संकल्प व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने लीमडी पट्टी के 45 गाँवों के 66 तालाबों को भरने की भी मौखिक सहमति दी है। समारोह के आरंभ में आदिजाति विकास विभाग के आयुक्त दिलीप राणा ने सभी का स्वागत किया और अंत में ज़िला कलेक्टर डॉ. हर्षित गोसावी ने आभार ज्ञापन किया। इस अवसर पर ज़िला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शीतलबेन वाघेला, विधायक व पूर्व मंत्री बचुभाई खाबड, पूर्व विधायकगण, अग्रणी शंकरभाई आमलियार, प्रभारी राजेशभाई पाठक, महेशभाई भूरिया, बी. डी. वाघेला, नरेन्द्र सोनी, आदिजाति विभाग के सचिव डॉ. मुरली कृष्णा, ज़िला विकास अधिकारी श्रीमती नेहा कुमारी, पदाधिकारी सहित विशाल संख्या में आदिवासी बांधव उपस्थित थे।
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