अहमदाबाद : देश में पहली बार गुजरात यूनिवर्सिटी में जैविक खेती विषय पर पीएचडी होगी

अहमदाबाद : देश में पहली बार गुजरात यूनिवर्सिटी में जैविक खेती विषय पर पीएचडी होगी

अब गुजरात विश्वविद्याल प्राकृतिक खेती पर शोध कर इसी विषय पर पीएचडी करने का मौका देगा

रासायनिक खाद से खेती करने की जगह अब प्राकृतिक खाद के जरिए प्राकृतिक खेती पर जोर दिया जा रहा है। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत  ने भी किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर मोड़ने का अभियान चलाया है। अब गुजरात विश्वविद्याल प्राकृतिक खेती पर शोध कर इसी विषय पर पीएचडी करने का मौका देगा।
गुजरात यूनिवर्सिटी से संबद्ध इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सस्टेनेबिलिटी 8 सीटों के साथ कोर्स शुरू करेगा। रासायनिक खाद से होने वाला अनाज  काफी नुकसान 
करता है। इसलिए अब गाय आधारित, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रतजी ने इस अभियान की शुरुआत की है। रासायनिक खेती मिट्टी और हमारे स्वास्थ्य दोनों को नुकसान पहुँचाती है। इसलिए स्कूली बच्चों को प्राकृतिक खेती का पाठ पढ़ाया जा रहा है। लेकिन अब गुजरात विश्वविद्यालय ने जैविक खेती पर शोध के लिए छात्रों को पीएचडी करने की अनुमति देने की पहल की है।
गुजरात विश्वविद्यालय के आईआईएस के निदेशक सुधांशु जहांगीर ने कहा कि अगर प्राकृतिक खेती के विषय के साथ पीएचडी पाठ्यक्रम शुरू किया जाता है, तो प्राकृतिक खेती के संदर्भ में कई शोध शुरू हो जाएंगे। जैविक खेती में पीएचडी करने वाला यह देश का पहला विश्वविद्यालय होगा। नए शोध के परिणामों से पूरी दुनिया प्राकृतिक खेती के महत्व और जरूरत को समझ सकेगी।
प्रदेश के राज्यपाल द्वारा युवाओं को प्राकृतिक खेती के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उनकी प्रेरणा से हम जैविक खेती में पीएचडी पाठ्यक्रम शुरू कर रहे हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि गुजरात विश्वविद्यालय ने पीएचडी पाठ्यक्रम शुरू करने की पहल की है। इससे पहले गुजरात विश्वविद्यालय ने पुस्तकालय के पास प्राकृतिक खाद तैयार करने का प्रोजेक्ट और उस प्राकृतिक खाद से खेती करने का प्रोजेक्ट किया है। अब छात्र प्राकृतिक खेती के विषय पर अध्ययन कर सकेंगे और आगे शोध कर सकेंगे।
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