अहमदाबाद : पेड़-पौधों में ईश्वर के दर्शन करेंगे, तो हमें हर स्थिति में बचाएंगे पेड़ः मुख्यमंत्री

अहमदाबाद  :  पेड़-पौधों में ईश्वर के दर्शन करेंगे, तो हमें हर स्थिति में बचाएंगे पेड़ः मुख्यमंत्री

विश्व पर्यावरण दिवस पर साबरकांठा जिले के देरोल स्थित तिरुपति ऋषि वन में हुआ शानदार कार्यक्रम, ‘विश्व पर्यावरण दिवस पर ही नहीं पूरे साल करें पेड़-पौधों की देखभाल’

मुख्यमंत्री ने ऋषि वन में किया पौधरोपण, स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल व महानुभावों ने पौधरोपण कर पर्यावरण को बचाने के संकल्प के साथ फैलाया जागृति संदेश
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में रविवार 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर साबरकांठा जिले के देरोल स्थित तिरुपति ऋषि वन में ग्रीन ग्लोबल ब्रिगेड गुजरात की ओर से क्रांतिकारी पूज्य संत पद्मभूषण स्वामी सच्चिदानंद जी महाराज का सार्वजनिक प्राकृतिक सम्मान और अभिवादन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत संस्था की ओर से 11,000 ग्रीन कमांडो द्वारा 11,000 पौधों का रोपण, 1100 यूनिट रक्तदान, 1100 गंगास्वरूपा (विधवा) महिलाओं को कंबल वितरण तथा पूज्य स्वामी को प्रकृति अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेशभाई पटेल, हिम्मतनगर के विधायक राजेन्द्रसिंह चावड़ा, पूर्व विधायक कांतिभाई पटेल, अग्रणी सोमाभाई मोदी, ग्रीन एम्बेसेडर और ग्रीन ग्लोबल ब्रिगेड गुजरात के संस्थापक जीतूभाई तिरुपति तथा ब्रिगेड के अध्यक्ष निलेश राजगोर सहित बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमी, युवा और महानुभाव उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस मौके पर पौधरोपण कर पर्यावरण प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हम सभी पर्यावरण की देखभाल के लिए एकत्रित हुए हैं। हमें पौधों का रोपण कर पर्यावरण का संरक्षण करना है और प्रकृति को जीवंत रखना है। हमने यह अनुभव किया है कि प्रकृति जब नाराज होती है, तो वह कितनी परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि संस्थानों, युवाओं और सभी लोगों से पौधरोपण कार्यक्रम से जुड़ने का आग्रह करते हुए कहा कि सामूहिक प्रयासों से हमें दीर्घकालिक आयोजन और टिकाऊ विकास करना है, जिसमें सरकार का भी दायित्व है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण ऋतुओं में भी बदलाव नजर आ रहा है, लेकिन हमारे पास दूरदर्शी नेतृत्व है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के लिए बहुत प्रयास किए हैं, साथ ही जलवायु परिवर्तन का अलग विभाग शुरू किया है। प्रधानमंत्री ने प्रकृति की ओर वापस लौटने का संदेश दिया है। प्राकृतिक खेती करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए एलईडी बल्ब का वितरण करने से कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम किया है। प्रधानमंत्री ने ‘एक सूरज, एक विश्व, एक ग्रिड’ का मंत्र दिया है। पूरी दुनिया में सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन देकर ऐतिहासिक निर्णय किए हैं, दुनिया के विकसित देश भी इस अभियान में शामिल हुए हैं। मुख्यमंत्री ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि पेड़-पौधों में ईश्वर के दर्शन करने और वृक्ष नारायण की भावना तथा पेड़ काटने से मानव मन में वेदना उत्पन्न होने से हम पर्यावरण को बचा सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती, गाय आधारित खेती के माध्यम से जमीन का स्वास्थ्य सुधारने से मानव का स्वास्थ्य भी अपने आप सुधरेगा। रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों से लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ता है। गाय आधारित खेती की दिशा में मुड़ेंगे तो मनुष्य स्वस्थ्य रहेगा और अन्य सब कुछ भी आसानी से प्राप्त हो सकेगा। 
श्री पटेल ने कहा कि पौधरोपण को आज विश्व पर्यावरण दिवस तक ही सीमित न रखते हुए पूरे साल के दौरान खेत की मेड़, सड़क या नदी के किनारे या अनुपयोगी-बंजर भूमि सहित जहां कहीं भी जगह दिखे वहां पौधरोपण करेंगे तो ग्लोबल वार्मिंग की समस्या हल होगी। कोरोना के दौरान हमें ऑक्सीजन का मूल्य समझ आया है। उन्होंने अधिकाधिक पौधरोपण कर गुजरात की धरती को हरा-भरा नवपल्लवित करने का आह्वान किया। क्रांतिकारी संत स्वामी सच्चिदानंद महाराज ने पर्यावरण को बचाने के संबंध में प्रेरक भाषण दिया। 
इस अवसर पर स्वामी सच्चिदानंद महाराज को चंदन का पौधा भेंट कर और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। डॉ. जीतूभाई पटेल ने ग्रीन ग्लोबल टीम की ओर से महानुभावों को अवॉर्ड प्रदान कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री और महानुभावों ने डॉ. जीतूभाई पटेल द्वारा लिखित पुस्तिका ‘प्रेरणा’ का विमोचन किया। सभी पर्यावरण प्रेमियों ने वृक्षों के पालन-पोषण का संकल्प लिया। ब्रिगेड की ओर से स्वामी सच्चिदानंद को 1,11,000 रुपए का चेक प्रदान किया गया। डॉ.  जीतूभाई पटेल ने सभी का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्य तथा संस्थान की गतिविधियों के साथ ही भविष्य की कार्ययोजना की जानकारी दी। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री एके पटेल, जिला कलक्टर हितेश कोया, राज्य से आए पर्यावरण प्रेमी, गंगास्वरूप महिलाएं, पदाधिकारी और वन विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे।
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