अहमदाबाद : पशु नियंत्रण कानून के कड़े विरोध के बाद जागी राज्य सरकार, कानून ले सकती वापस

अहमदाबाद :  पशु नियंत्रण कानून के कड़े विरोध के बाद जागी राज्य सरकार, कानून ले सकती वापस

सरकार आदिवासी और मालधारी समुदाय को नाराज कर जोखिम नहीं लेना चाहती

सरकार आदिवासी और मालधारी समुदाय को नाराज कर जोखिम नहीं लेना चाहती और यही वजह है कि सरकार अब इन दोनों कानूनों से पीछे हटने को मजबूर है
गुजरात विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन आधी रात को सरकार ने आवारा पशु नियंत्रण अधिनियम को बहुमत से पारित कर बड़ा साहस दिखाया था, लेकिन वह साहस अधिक समय तक नहीं रहा। मालधारी समुदाय के भारी विरोध के बाद गुजरात सरकार अब पीछे हटने की तैयारी कर रही है। इससे पहले आदिवासी समाज के उग्र विरोध के चलते पार तापी इंटर-लीकिंग परियोजना को भी रद्द करने की घोषणा की गई थी।  सरकार को बहुत कम समय में दो फैसलों से पीछे हटना पड़ा है, यह दर्शाता है कि सरकार गुजरात विधानसभा चुनाव के वर्ष में कहीं भी कटौती नहीं करना चाहती है। सरकार आदिवासी और मालधारी समुदाय को नाराज कर जोखिम नहीं लेना चाहती और यही वजह है कि सरकार अब इन दोनों कानूनों से पीछे हटने को मजबूर है।
राज्य सरकार पशु नियंत्रण कानून को लेकर हो रहे हंगामे से जूझ रही है और इस कानून को कभी भी वापस लिया जा सकता है। इस मुद्दे पर गुरुवार को सीएम आवास पर  बैठक होनी है। मालधारी समाज की सीएम के साथ इस बैठक में तय होगा कि इस कानून को जारी रखा जाए या निरस्त किया जाए या इसमें कोई संशोधन किया जाए।
विधानसभा बजट सत्र के आखिरी दिन आधी रात को सरकार ने बहुमत से इस कानून को पारित कर दिया। हालांकि, मालधारी समुदाय के कड़े विरोध के कारण सरकार अब  पीछे हटने की कगार पर है। राज्य सरकार ने बजट सत्र के अंतिम दिन आवारा पशु नियंत्रण अधिनियम पारित किया था, जब अहमदाबाद सहित महानगरों और अन्य नगरपालिका क्षेत्रों से आवारा पशुओं का उत्पीड़न असहनीय हो गया था। जिसमें मालधारी समुदाय को लाइसेंस लेने के लिए मजबूर किया गया और जुर्माना और एफआईआर दर्ज करने का भी प्रावधान किया गया। हालांकि, मालधारी समुदाय पूरे राज्य में कानून के विरोध में सड़कों पर उतर आया और विरोध शुरू हो गया। सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की गई थी।
भाजपा अध्यक्ष सी.आर. पाटिल ने कहा, "मुझे पेशकश भी मिले हैं और कई लोग मुझसे मिलने आए और कानून को निरस्त करने की मांग की।" वडोदरा के लिए रवाना होने से पहले मैंने  मुख्यमंत्री से बात की और इस कानून के मामले को कम करने के लिए एक प्रेजेंटेशन दिया और उन्होंने मुझे सकारात्मक करने का जवाब दिया। इससे पहले वही प्रदेश अध्यक्ष सी.आर.पाटिल जिन महानगरों का दौरा कर रहे थे, वहां आवारा मवेशियों की बात कर रहे थे और कह रहे थे कि सरकार सख्त कानून बनाएगी। सरकार ने पाटिल के जिद के खिलाफ कानून बनाया था लेकिन अब चारों ओर  विरोध के चलते सरकार को पीछे हटने की स्थिति बन रही है। सरकार को बार-बार अपने कानूनों में यू-टर्न लेने के लिए मजबूर किया गया है।
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