
अहमदाबाद : विश्व बैंक के वैश्विक शिक्षा निदेशक के नेतृत्व में विश्व बैंक का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल गुजरात दौरे पर
By Loktej
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राज्य सरकार गुजरात में शिक्षा क्षेत्र में सदैव नए-नए शैक्षिक सुधार लागू कर शिक्षा स्तर में सुधार लाने के लिए कटिबद्ध है
विश्व बैंक का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल गुजरात में विद्यालय शिक्षा क्षेत्र में हो रहे आमूल परिवर्तनों का अध्ययन करने के लिए आज हमारे राज्य के दौरे पर आया है। वॉशिंगटन स्थित विश्व बैंक के वैश्विक शिक्षा निदेशक जैमे सावेद्रा (Jaime Saavedra) के नेतृत्व में यह प्रतिनिधमंडल गुजरात की यात्रा पर आया है। इससे पूर्व प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ भी मुलाकात की। जैमे सावेद्रा दक्षिण अमेरिकी देश पेरू के शिक्षा मंत्री रह चुके हैं तथा वर्तमान में विश्व बैंक के वैश्विक शिक्षा निदेशक हैं। सावेद्रा गुजरात में विद्यालय शिक्षा क्षेत्र में 10,000 करोड़ रुपए की लागत वाले ‘मिशन स्कूल्स ऑफ़ एक्सीलेंस’ के माध्यम से हो रहे आमूल परिवर्तनों और कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (सीसीसी) के माध्यम से हो रहे डेटा आधारित इनिशिएटिव्स से प्रभावित हुए हैं। इसीलिए जैमे सावेद्रा सीसीसी एवं शैक्षिक सुधारों के गुजरात मॉडल का स्व-अध्ययन कर उसे ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस घोषित करने के लिए आज गुजरात आए हैं।
इस अवसर पर जैमे सावेद्रा ने कहा कि यह हमारे लिए ख़ुशी की बात है कि हमें गुजरात में शिक्षा क्षेत्र में हो रहे उत्कृष्ट कार्य देखने का अवसर मिला। समग्र विश्व की तुलना में गुजरात में शिक्षा का योगदान सही दिशा में जा रहा है। गुजरात विद्यार्थियों को सुविधाएँ उपलब्ध करा रहा है, वह प्रशंसनीय है। सरकार के प्रयासों से विद्यार्थियों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह भी प्रशंसनीय है कि गुजरात ने स्कूलिंग के साथ-साथ लर्निंग पर भी विशेष बल दिया है। गुजरात में शिक्षा क्षेत्र में विद्यार्थियों के फ़ोकस तथा माइंड सेट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसमें शिक्षकों तथा आचार्यों का भी यह प्रयास होता है कि विद्यार्थी कुछ नया सीखें।
उन्होंने कहा कि कई बार हमें लगता है कि बच्चे स्कूल जाते हैं, तो पढ़ाई ही करते होंगे, परंतु वास्तव में ऐसा होता नहीं है। इसलिए प्रोडक्टिव लाइफ़ के लिए स्कूल में शिक्षा के साथ-साथ फ़ंडामेंडल स्किल्स भी होना ज़रूरी है। राज्य सरकार गुजरात में शिक्षा क्षेत्र में सदैव नए-नए शैक्षिक सुधार लागू कर शिक्षा स्तर में सुधार लाने के लिए कटिबद्ध है। स्कूलिंग सुनिश्चित करने के बाद प्रत्येक बच्चे की लर्निंग भी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा शिक्षा गुणवत्ता सुधार के श्रृंखलाबद्ध क़दम उठाए जा रहे हैं। स्कूलों को प्रतिस्पर्धात्मक एवं ढाँचागत रूप से श्रेष्ठ बनाया जाए और बच्चों को शिक्षा सुविधाओं, भौतिक सुविधाओं, स्मार्ट क्लासरूम्स, स्टेम लैब, सह-आभ्यासिक प्रवृत्तियों से युक्त आकर्षक स्कूल उपलब्ध हों, तो शिक्षा गुणवत्ता में अधिकतम् सुधार हो सकते हैं। उत्तम तथा गुणवत्तायुक्त शिक्षा द्वारा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य में आगामी पाँच वर्षों में लगभग 10,000 करोड़ रुपए की लागत से ‘मिशन स्कूल्स ऑफ़ एक्सीलेंस’ चलाने का निश्चय किया गया है।
स्कूल्स ऑफ़ एक्सीलेंस प्रोजेक्ट के माध्यम से आगामी पाँच वर्षों में सभी 35,122 सरकारी विद्यालयों तथा 5,847 ग्रांट-इन-एड विद्यालयों सहित कुल लगभग 41,000 सरकारी व ग्रांट-इन-एड विद्यालयों को ‘मिशन स्कूल्स ऑफ़ एक्सीलेंस’ के अंतर्गत लाभान्वित किया जाएगा। इन विद्यालयों में से 20,000 विद्यालयों को उत्कृष्ट बनाने के लिए विश्व स्तरीय ढाँचागत सुविधाएँ तथा शैक्षिक सुविधाएँ प्रदान की जाएँगी।
विश्व बैंक की ओर से शिक्षा क्षेत्र में समग्र भारत में अब तक की सबसे बड़ी फ़ंडिंग ‘मिशन स्कूल्स ऑफ़ एक्सीलेंस’ के लिए की गई है तथा एशियन इन्फ़्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) समग्र विश्व में शिक्षा क्षेत्र में पहली बार इस प्रकार के प्रोजेक्ट पर गुजरात के शिक्षा भाग के साथ कार्य कर रहा है। समग्र देश में स्कूली शिक्षा को गुणवत्तायुक्त बनाने का इस प्रकार का यह पहला प्रोजेक्ट है। आगामी 5 से 6 वर्षों की समयावधि में इस प्रोजेक्ट के माध्यम से राज्य के लगभग एक करोड़ से अधिक विद्यार्थियों को सीधा लाभ मिलेगा और यह प्रोजेक्ट आने वाली पीढ़ी के लिए गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होगा।
इस अवसर पर राज्य के शिक्षा मंत्री जीतूभाई वाघाणी, शिक्षा राज्य मंत्री कुबेरभाई डिंडोर, विश्व बैंक के भारत स्थित प्रतिनिधि डॉ. शबनम सिन्हा, राज्य के शिक्षा सचिव डॉ. विनोद राव, सर्व शिक्षा अभियान के राज्य निदेशक रतनकँवर गढवीचारण सहित अधिकारी उपस्थित थे।
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