अहमदाबाद : गुजरात के ‘बेस्ट डेस्टिनेशन फ़ॉर इन्वेस्टमेंट’ बनने में बेस्ट इन्फ़्रास्ट्रक्चर के साथ लेबर पीस का भी महत्वपूर्ण योगदान : मुख्यमंत्री

अहमदाबाद :  गुजरात के ‘बेस्ट डेस्टिनेशन फ़ॉर इन्वेस्टमेंट’ बनने में बेस्ट इन्फ़्रास्ट्रक्चर के साथ लेबर पीस का भी महत्वपूर्ण योगदान : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने विश्वकर्मा जयंती पर विभिन्न क्षेत्रों के औद्योगिक श्रमिकों का श्रम पुरस्कारों से किया सम्मान

मुख्यमंत्री  भूपेंद्र पटेल ने स्पष्ट मत व्यक्त किया है कि उद्यमियों-निवेशकों के लिए गुजरात के बेस्ट डेस्टिनेशन फ़ॉर इन्वेस्टमेंट बनने के मूल में बेस्ट इन्फ़्रास्ट्रक्चर तथा राज्य सरकार के अनुकूल दृष्टिकोण के साथ-साथ लेबर पीस यानि श्रम शांति का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने इस संदर्भ में कहा कि गुजरात देश में सबसे कम मेन डेज़ लॉस वाला राज्य है। श्रमिकों के सक्रिय सहयोग तथा राज्य सरकार की बिज़नेस फ़्रेंड्ली पॉलिसीज़ से गुजरात औद्योगिक विकास एवं श्रमिक कल्याण मामलों में देश में अग्रसर है। मुख्यमंत्री सोमवार को गांधीनगर में राज्य सरकार के श्रम, कौशल विकास एवं रोज़गार विभाग द्वारा आयोजित श्रम पुरस्कार वितरण तथा दिशा सिस्टम लॉन्चिंग समारोह में अध्यक्षीय वक्तव्य दे रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए श्रम पुरस्कार वितरण की शुरुआत की थी, जिसके अंतर्गत राज्य सरकार उद्योगों में संकट के समय अपनी सूझ-बूझ दिखाने, गुणवत्ता तथा उत्पादकता में वृद्धि करने और औद्योगिक शांति बनाए रखने में योगदान देने वाले श्रमयोगियों को विभिन्न श्रम पुरस्कारों से सम्मानित करती है। गुजरात सरकार ने प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई श्रम पुरस्कार वितरण श्रृंखला आज भी जारी रखी है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को विश्वकर्मा जयंती के पर्व पर ऐसे ही 16 श्रमयोगियों को श्रम रत्न, श्रम भूषण, श्रम वीर तथा श्रम श्री/श्रम देवी पुरस्कारों के अंतर्गत प्रतीकात्मक रूप से सम्मानित किया। समग्र राज्य में इस वर्ष इन कैटेगरीज़ में कुल 64 पुरस्कार दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री  भूपेंद्र पटेल ने इस अवसर पर विश्वकर्मा जयंती की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि अपने श्रम, परिश्रम तथा पसीने से उद्योग, व्यापार एवं मैन्युफ़ैक्चरिंग सेक्टर में गुजरात को विकास का रोल मॉडल बनाने वाले नींव के पत्थर समान श्रमिकों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘श्रमेव जयते’ तथा ‘हर हाथ को काम, हर काम को सम्मान’ का मंत्र दिया है। इस मंत्र को साकार करने तथा ‘आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण के लिए राज्य सरकार श्रमिक कल्याण की कई योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन कर रही है। भूपेंद्र पटेल ने कहा कि राज्य सरकार ने श्रमिकों के परिवारों तथा उनकी संतानों की स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी सुविधाओं के लिए भी निरंतर चिंता की है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को यू-विन कार्ड देकर उन्हें विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ भी नि:शुल्क दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने राज्य की अर्थ व्यवस्था को गतिमय रखने वाले श्रमिकों को कामकाज के स्थान पर आने-जाने की सुगमता के लिए गो-ग्रीन योजना के अंतर्गत इलेक्ट्रिक व्हीकल की ख़रीद पर सब्सिडी दिए जाने के विषय में भी विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में लॉकडाउन के समय ‘वन नेशन-वन राशन’ के अंतर्गत गुजरात में अन्य राज्यों के श्रमिकों को उनके राज्य के राशन कार्ड पर अनाज दिया गया और इस बात का ध्यान रखा गया कि उन श्रमिकों व उनके परिवारों को भूखा न सोना पड़े। मुख्यमंत्री ने आज़ादी के अमृत वर्ष में आयोजित हो रहे इस श्रम पुरस्कार वितरण समारोह को आबाद भारत के निर्माण में योगदान देने वाले अदना श्रमिकों के सम्मान का अमृत अवसर बताया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्रमिकों के लिए इंडस्ट्रियल सेफ़्टी एण्ड हेल्थ अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले कामकाज को पारदर्शी एवं सरल बनाने वाली दिशा ऐप भी लॉन्च की।
इस अवसर पर श्रम एवं रोज़गार राज्य मंत्री ब्रिजेशकुमार मेरजा ने स्वागत संबोधन में सभी को विश्वकर्मा जयंती के पावन पर्व की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2012 में गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए श्रमिकों को प्रोत्साहित करने के लिए श्रम पुरस्कारों की शुरुआत की थी। 2012 से शुरू हुई इस परम्परा को आज मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में हम आगे बढ़ा रहे हैं।
 मेरजा ने कहा कि राज्य की सीमा में स्थित कारखानों में काम करने वाले श्रमयोगियों को प्रोत्साहित करने, राज्य की प्रगति, विकास तथा उन्नति के क्षेत्र में उत्पादन, गुणवत्ता बढ़ाने और औद्योगिक शांति बनाए रखने तथा अपना जीवन संकट में डालते हुए तात्कालिक क़दम उठा कर औरों का जीवन बचाने वाले और सम्पत्ति को नुक़सान से बचाने जैसी16 अलग-अलग कैटेगरी में हर वर्ष 16 राज्य श्रम पुरस्कार प्रदान करने की योजना लागू है। राज्य के श्रम एवं रोज़गार विभाग द्वारा राज्य श्रम रत्न, राज्य श्रम भूषण, राज्य श्रम वीर, राज्य श्रम श्री/श्रम देवी जैसी विभिन्न कैटेगरी में हर वर्ष ये पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की उच्च स्तरीय समिति द्वारा चार रीजनों अहमदाबाद, वडोदरा, राजकोट एवं सूरत में श्रमयोगियों द्वारा किए गए विशिष्ट कार्य के लिए 16-16 पुरस्कार यानि कुल 64 पुरस्कार दिए जाने हैं। राज्य श्रम रत्न पुरस्कार के अंतर्गत 25000 रुपए, राज्य श्रम भूषण पुरस्कार के अंतर्गत 15000 रुपए, राज्य श्रम वीर पुरस्कार के अंतर्गत 10000 रुपए और राज्य श्रम श्री/श्रम देवी पुरस्कार के अंतर्गत 5000 रुपए की धन राशि प्रत्येक चयनित श्रमिक को प्रदान की जाती है। उद्योग राज्य मंत्री जगदीश पंचाल ने सृष्टि के सर्जनहार विश्वकर्मा की जयंती पर राज्य के श्रमिकों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि श्रमिकों एवं कामगारों को सम्मानित करने का अनमोल अवसर राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया जाना सभी कामगारों के लिए गौरवपूर्ण है। इस अवसर पर प्रधान श्रम एवं रोज़गार सचिव श्रीमती अंजू शर्मा, श्रम एवं रोज़गार आयुक्त श्रीमती पी. आर. भारती, औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य निदेशक पी. एम. शाह, श्रम, कौशल विकास एवं रोज़गार विभाग के उच्चाधिकारी और श्रम पुरस्कार विजेता सपरिवार उपस्थित रहे।
Tags: