अहमदाबाद : हर महीने 2-3% ब्याज के लालच में पुलिसकर्मी को लाखों का चूना लग गया

कैपिटल इन्वेस्टमेंट पीएमएस कंपनी में निवेश कर हर महीने 2-3% ब्याज का लालच देकर कई लोगों को ठगा

अहमदाबाद में धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अब तो शहर में नागरिकों के साथ-साथ पुलिस भी ठगी का शिकार हो रहे है। एक पुलिसकर्मी और उसकी पत्नी के साथ निवेश के नाम पर 30 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। रिलीफ रोड पर आये पीएमएस कंपनी में निवेश करके प्रति माह 2 से 3 प्रतिशत ब्याज कमाने की लालच देकर पुलिस के साथ ठगी किया गया है। आर्थिक अपराध निवारण शाखा अपराध शाखा में इस मामले को दर्ज कर लिया गया। प्रारंभिक जाँच में पता चला कि आरोपी पुलिस आयुक्त कार्यालय स्थित पुलिस खाते के टीडीएस का काम देख रहा था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अस्मिताबेन जयसुखभाई शहर के निकोल क्षेत्र के गोकुलेश रेजीडेंसी में कछड़िया परिवार के साथ रहती हैं। अस्तिताबेन खुद जीएससी बैंक वस्त्रल शाखा में तकनीकी सहायक के रूप में काम करती हैं। उनके पति जयसुखभाई अहमदाबाद शहर में पुलिस नियंत्रण कक्ष में एएसआई के रूप में काम करते हैं। अहमदाबाद पुलिस आयुक्त कार्यालय ने टीडीएस का काम संभालने वाले ऋषि करोलिया और उनके मामा प्रफुल्ल वैष्णव रिलीफ रोड एलोरा कमर्शियल सेंटर में कैपिटल इन्वेस्टमेंट पीएमएस कंपनी शुरू की। पूजा बेन पुलिस आयुक्त कार्यालय में जयसुखभाई से मिले और उनकी पूंजी निवेश पीएमएस कंपनी की गारंटीड रिटर्न की योजना के बारे में बताया।
पूजा ने उन्हें बताया कि उनकी कंपनी शेयर बाजार में निवेश कर रही है और इसीलिए उनके साथ निवेश करने से अच्छा रिटर्न मिलने की बात बताते हुए प्रति माह 2 से 3 प्रतिशत ब्याज मिलने की बात बताई। अस्मिताबेन और उनके पति बाद में योजना को समझने के लिए कंपनी के कार्यालय गए। इसके बाद अस्मिताबेन और उनके पति ने कुल 30 लाख रुपये का निवेश किया। इसके सामने कंपनी टुकड़ों में उन्हें 4.51 लाख रुपये का ब्याज देती। अस्मिताबेन को पिछले मई 2021 से गारंटीकृत ब्याज मिलना बंद हो गया था इसलिए वे समय-समय पर ऋषि और पूजा से मिलीं लेकिन दोनों अलग-अलग बहाने बना रहे थे। संतोषपूर्ण उत्तर नहीं मिलने पर अपराध शाखा की आर्थिक अपराध निवारण शाखा में रिठी करोलिया और चांदलोदिया निवासी पूजाबेन असितभाई शाह के खिलाफ पैसे नहीं लौटाने की शिकायत दर्ज कराई थी।
बता दें कि आरोपी ऋषि और पूजा शहर के पुलिस आयुक्त कार्यालय में पुलिस विभाग के खाते का टीडीएस संभाल रहे थे, इसलिए कार्यालय में काम करने वाले अन्य कर्मचारियों सहित कई पुलिस अधिकारी इन लोगों के संपर्क में थे। इतने सारे पुलिसकर्मियों ने इस योजना में अपना पैसा लगाया था। इस मामलें में कई पुलिस अधिकारी फंसे हुए हैं लेकिन इज्जत जाने के डर से अपना नाम नहीं बता रहे हैं। इस मामले में पुलिस आयुक्त कार्यालय में ऐसे उच्च पदस्थ अधिकारियों की छवि धूमिल की जा रही है।
कैपिटल इन्वेस्टमेंट पीएमएस कंपनी की शुरुआत आरोपी ऋषि और उसके मामा प्रफुल्ल वैष्णव ने की थी। पुलिस का मानना है कि ऋषि और पूजा ने कई लोगों को बातों में फंसाया है। लोगों ने लाखों रुपये का निवेश किया। हालांकि, कैपिटल इन्वेस्टमेंट पीएमएस के प्रबंध निदेशक वैष्णव की कोरोना के कारण मृत्यु हो गई और तब से उन्होंने निवेशकों को ब्याज या रिफंड देना बंद कर दिया है। पाटन निवासी रेखाबेन विक्रमभाई रावल ने भी योजना में निवेश की बात कहकर उनसे 3.50 लाख रुपये लिए और वापस नहीं किए। पुलिस का मानना है कि कई लोग फंस गए थे और उनसे पैसे लिए गए थे।
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