अहमदाबाद : गुजरात विश्वविद्यालय के 70वें दीक्षांत समारोह में 49 हज़ार छात्रों को उपाधियाँ प्रदान की गई

अहमदाबाद : गुजरात विश्वविद्यालय के 70वें दीक्षांत समारोह में 49 हज़ार छात्रों को उपाधियाँ प्रदान की गई

राज्यपाल, मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री की वर्चुअल उपस्थिति रहे, गुजरात विश्वविद्यालय का समग्र कॉन्वोकेशन वर्चुअल आयोजित करने का प्रशंसनीय दृष्टिकोण

डिग्री प्राप्त करने वाले युवा सत्य के मार्ग पर अपने कर्तव्य धर्म का पालन कर  नए विचार, नए संकल्प तथा नूतन इनोवेशन के साथ राष्ट्र निर्माणार्थ प्रवृत्त हों : राज्यपाल 
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने गुजरात विश्वविद्यालय के 70वें दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त कर रहे युवा विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ दीं। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि आज देश को कर्तव्य परायण युवा शक्ति की आवश्यकता है। उन्होंने डिग्री प्राप्त कर रहे युवाओं सेआग्रह किया कि वे सत्य के मार्ग पर अपने कर्तव्य धर्म का पालन करते हुए नए विचार, नए संकल्प तथा नूतन इनोवेशन के साथ राष्ट्र निर्माण के लिए प्रवृत्त हों।
राज्यपाल ने युवा छात्रों को भावी पीढ़ी के लिए आदर्श बनने की प्रेरणा देते हुए कहा कि दीक्षांत के बाद विद्यार्थी राष्ट्र की उन्नति के लिए संकल्पबद्ध होकर श्रेष्ठ समाज के निर्माण तथा समाज एवं राष्ट्र का गौरव बढ़ान के लिए प्रवृत्त हों। उन्होंने कहा कि युवा ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या, नशे की लत जैसी चुनौतियों का दमन करने के लिए आगे आएँ। उन्होंने रासायनिक कृषि के दुष्परिणामों को समाप्त करने का तथा प्राकृतिक कृषि को समय की मांग बताते हुए इस क्षेत्र में योगदान देने का अनुरोध किया।
राज्यपाल ने बलपूर्वक कहा कि युवा शक्ति के सामर्थ्य से ही सशक्त व समर्थ राष्ट्र का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ हर क्षेत्र में राष्ट्र के गौरव को स्थापित करने का आह्वान किया है, तब यह दीक्षांत समारोह इस दिशा में नई प्रेरणा प्रदान करेगा। राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति 2020 को भारत के गरिमा-गौरव को उन्नत शिखर पर ले जाने के लिए चिंतनशील बताया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि साधारण व्यक्ति परम्परागत मार्ग पर चल कर सफलता के लिए पुरुषार्थ करता है, जबकि महान व्यक्ति स्वयं के मार्ग का स्वयं निर्माण करता है। इतना ही नहीं, वह अन्यों को भी उस मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने विद्यार्थियों से आदर्श नागरिक बनने का अनुरोध करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।
युवाओं को मिल रही डिग्री केवल प्रमाण पत्र नहीं, बल्कि भविष्य के उज्ज्वल भारत की अपेक्षा-आकांक्षा का आशा पत्र : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि डिग्री प्राप्त करने वाले युवा विद्यार्थियों को आज़ादी के अमृत महोत्सव के इस वर्ष में सामाजिक जीवन में पदार्पण करने का अवसर मिला है। उन्होंने विद्यार्थियों के लिएइस अवसर को उन्नत भारत के निर्माण केलिए प्रतिबद्धता का अवसर बताया। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी ज्ञान-विज्ञान की सदी है। यह सदी भारत की सदी है। अत: युवा शक्ति को अपने शोध-अनुसंधान, स्टार्टअप्स, इनोवेशन आदि से शक्तिशाली भारत तथा जगद्गुरु भारत के निर्माण का नेतृत्व करना है। भूपेंद्र पटेल ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी ने वैश्विक ज्ञान की धाराओं को पहचान कर गुजरात में अपने मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान विभिन्न सेक्टरल यूनिवर्सिटीज़ की स्थापना से राज्य के युवा धन को ग्लोबल एजुकेशन का अवसर दिया है। मुख्यमंत्री ने ऐसी सेक्टरल यूनिवर्सिटीज़ के उदाहरण देते हुए टीचर्स यूनिवर्सिटी, फ़ॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, एनर्जी यूनिवर्सिटी, रेलवे यूनिवर्सिटी, स्टार्टअप यूनिवर्सिटी, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी तथा कामधेनु यूनिवर्सिटी आदि का उल्लेख किया।
मुख्यमंत्री ने जोड़ा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में गुजरात में शिक्षा क्षेत्र में हुई क्रांति ने देश में गुजरात की युवा शक्ति की विशेषता सिद्ध की है। पिछले ढाई दशकों में राज्यमें 95 से अधिक यूनिवर्सिटीज़ ने युवा शक्ति को राज्य में ही विश्वस्तरीय शिक्षा सुविधा देकर विश्व के समक्ष आँख से आँख मिला कर खड़े रहने को सुसज्ज किया है। भूपेंद्र पटेल ने नई शिक्षा नीति में होलिस्टिक एजुकेशन डेवलपमेंट के प्रधानमंत्री के उद्देश्य को साकार करने के लिए गुजरात द्वारा तैयार किए गए रोडमैप की भूमिका भी प्रस्तुत की। उन्होंने युवाओं को ग्लोबल वॉर्मिंग की चुनौतियों के विरुद्ध ग्रीन-क्लीन एनर्जी क्षेत्र में तथा स्वस्थ भावी पीढ़ी के निर्माण के लिए रासायनिक उर्वरक मुक्त प्राकृतिक कृषि क्षेत्र में योगदान देकर प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए ग्रीन-क्लीन एन्वायर्नमेंट व प्राकृतिक कृषि से कृषि समृद्धि की वृद्धि के अभियान में जुड़ने की प्रेरणा दी। मुख्यमंत्री ने उपाधि प्राप्त कर रहे युवा छात्रों से राष्ट्रहित सर्वोपरि का भाव दर्शा कर राष्ट्र के विकास तथा ज़रूरतमंद व्यक्तियों के कल्याण में योगदान देकर सामाजिक दायित्व निभाने का अनुरोध किया। गुजरात यूनिवर्सिटी के वाइस चांलसर  हिमांशु पंड्या ने दीक्षांत समारोह में सभी का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात विश्वविद्यालय के 70वें दीक्षांत समारोह में वर्चुअल प्लेटफ़ॉर्म से छात्रों को प्रेरणापूर्ण संबोधन देते हुए समयानुकूल शिक्षा-दीक्षा के आयुध से सुसज्ज होकर आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत का संकल्प साकार करने का आह्वान किया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इन युवाओं को प्राप्त हो रही उपाधि या डिग्री केवल प्रमाण पत्र नहीं, बल्कि भविष्य के उज्ज्वल भारत की अपेक्षा-आकांक्षा का आशा पत्र है। इस वर्चुअल समारोह की अध्यक्षता राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति तथा राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने की तथा शिक्षा मंत्री जीतूभाई वाघाणी एवं शिक्षाराज्य मंत्री कुबेरभाई डिंडोर भी विशेष अतिथि के रूप में वर्चुअली उपस्थित रहे। इस 70वें दीक्षांत समारोह में विभिन्न विद्या संकायों के कुल 49 हज़ार से अधिक विद्यार्थियों को उपाधियाँ, प्रमाण पत्र और 200 पदक तथा 62 पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
उन्होंने विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि राज्य की स्थापना से पहले कार्यरत् इस यूनिवर्सिटी ने यूनिवर्सिटी रैंकिंग में प्राप्त प्रतिष्ठा, स्टूडेंट स्टार्टअप प्रोग्राम्स, इनक्यूबेटर एण्ड इनोवेशन जैसे आयामों से राज्य के होनहार युवाओं को सक्षम प्लेटफ़ॉर्म प्रदान किया है। प्रो-वाइसचांसर जगदीश भावसार, विभिन्न विद्या संकायों के प्रमुख, प्राध्यापक तथा उपाधि प्राप्त करने वाले युवा विद्यार्थी भी इस दीक्षांत समारोह में वर्चुअली शामिल हुए।
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