अहमदाबाद : सिविल अस्पताल में 21वां अंगदान, ब्रेनडेड लवजीभाई डाभी मृत्यु के बाद भी अमर हो गए!

अहमदाबाद : सिविल अस्पताल में 21वां अंगदान, ब्रेनडेड लवजीभाई डाभी मृत्यु के बाद भी अमर हो गए!

लवजीभाई की दो किडनी और एक लीवर मिलने से जरूरतमंद मरीज के जीवन में खिल उठा खुशियों का सूरज...

लोगों में अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ी है और अंगदान की गतिविधियों में तेजी आई है: सिविल अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी
मृत्यु के बाद शरीर पंचमहाभूत में विलीन हो जाता है। लेकिन ब्रेनडेड-डेड बॉडी पार्ट्स को दान कर दिया जाए तो दूसरे जरूरतमंद व्यक्ति का जीवन रोशन हो जाता है। बोटाद के ब्रेनडेड लवजीभाई के परिजनों ने इसी विचारधारा को ध्यान में रखते हुए उनके अंगों का दान किया।  आज लवजीभाई दूसरों की देह में जिन्दा हैं !
बोटाड के रहने वाले 60 वर्षीय लवजीभाई पिछले डेढ़ महीने से कई तरह की बीमारियों से पीड़ित थे। इस बीच उन्हे अचानक दस्त और उल्टी होने लगी। जिससे परिवारजनों ने    इलाज के लिए लेमडी के एक निजी अस्पताल में ले गये। स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे इलाज के लिए अहमदाबाद के सिविल अस्पताल ले जाने को कहा।
परिजन 27 नवंबर को लवजीभाई को इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले आए, जहां 5 दिसंबर को उनकी मौत हो गई। अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। लवजीभाई के परिवार के सदस्य भी इस पवित्र अंग को दान करने के लिए तैयार हो गए और उनका एपनिया परीक्षण किया गया। लवजीभाई के अंगों का दान अंतिम दिन 6 दिसंबर को स्वीकार किया गया था, जो आवश्यक मानदंडों को पूरा करता था।
यदि आप मृत्यु के बाद भी जीना चाहते हैं या अमर बनना चाहते हैं, तो यह ब्रेन डेड होने के बाद अंगदान से ही संभव है!
लवजीभाई के अंगों में 1 लीवर और 2 किडनी दान की गई हैं। जिसे एक जरूरतमंद मरीज के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया। जो अब उनके जीवन को रोशन करेगा। सिविल अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी के मुताबिक अहमदाबाद सिविल अस्पताल में अंगदान की गतिविधियां जोर पकड़ रही हैं। पिछले 11 महीने में  सिविल अस्पताल में 21 लोगों के शवों से निकले 71 अलग-अलग अंगों से 57 अलग-अलग लोगों की जान बचाई गई है। अब लोगों में अंगदान के प्रति जागरूकता भी बढ़ रही है। नतीजतन, अहमदाबाद शहर और राज्य में अंगदान गतिविधियों में तेजी आई है।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री और सरकार द्वारा अंगदान की पुनर्प्राप्ति और उसके बाद प्रत्यारोपण के लिए पर्याप्त उपकरण और सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इससे अंग प्रत्यारोपण और प्रत्यारोपण की सफलता दर में वृद्धि हुई है। जिसके लिए हमारी सिविल अस्पताल एवं SOTTO टीम स्वास्थ्य मंत्री  हृषिकेशभाई पटेल एवं सरकार की आभारी है।
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