गुजरात : शेर को जंगल में शांति से जीने दो, देखना है तो चिडिय़ाघर जाएं : हाईकोर्ट

गुजरात : शेर को जंगल में शांति से जीने दो, देखना है तो चिडिय़ाघर जाएं : हाईकोर्ट

सासण में शेर को जीप से घेराव करने से हाईकोर्ट खफा

जूनागढ़ जिले के सासण  देवलिया रेंज के गुंदिलायी इलाके में बैठे शेर को चारों ओर से जीप का घेराव करने का मुद्दा शुक्रवार को हाईकोर्ट समक्ष पेश होने पर हाईकोर्ट खफा हो गई। हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि इस मुद्दे पर कदम उठाओ। हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि शेर या वनजीवों को इस तरह हैरान करने की प्रवृत्ति बंद करनी चाहिए। शेर- शेरनी को जंगल में शांति से जीने दो, वहां सफारी की क्या जरूरत है? लोग उन्हें परेशान क्यो करते है? लोगों को वन जीव देखने है तो चिडिय़ाघर  में जाए। प्रकृत्ति के साथ ऐसा खेल उचित नहीं है। 
अपने यहां केन्या का नेशनल रिजर्व पार्क और दक्षिण अफ्रिका के उत्तर दक्षिण में आए नेशनल पार्क जैसी सुविधा नहीं। हाईकोर्ट सरकार ने निर्देश दिया कि सफारी पार्क में इस प्रकार की प्रवृत्ति कम करें, अन्य देश में नेशनल पार्क को लेकर जो नीति है उसका अध्ययन करके एक नीति बनाए, जिससे यह रूक सकें। एशियाटिक शेर गुजरात ही नहीं लेकिन देश का गौरव है।
सरकार इस मुद्दे पर उचित नीति बनाएंगी नहीं, तो हाईकोर्ट इस संदर्भ में सूचा देंगी। इस मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी। अहम है कि गिरनार पर्वत में गीर सेन्च्युरी के कोर-जोन में राज्य सरकार ने वर्ष 2018-19 में सफारी पार्क बनाने का जो फैसला किया है इसके सामने जनहित याचिका दायर की गई है। हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि आज तो शेर शहर में देखने को मिलते है। हाईकोर्ट ने एक वायरल वीडियो का उल्लेख करते हुए कहा कि एक व्यक्ति सार्वजनिक शौचालय में जाता है, तब अंदर से शेर बाहर आता है। यह देखकर तो किसी की भी हालत पतली हो जाएगी। किसी व्यक्ति को भले कितना भी डायेरिया हुआ तो वह बंद हो जाएगा।
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