अहमदाबाद : 23 वर्षीय ब्रेन डेड युवक के परिजनों ने किया अंगदान, एक साथ तीन लोगों को मिलेगा नया जीवन

अहमदाबाद : 23 वर्षीय ब्रेन डेड युवक के परिजनों ने किया अंगदान, एक साथ तीन लोगों को मिलेगा नया जीवन

मृतक अजय भाई की दो किडनी और एक लीवर जल्द ही जरूरतमंद रोगियों में प्रतिरोपित किया जाएगा

इस दुनिया में सबसे बड़ा दान जीवनदान माना जाता है। किसी भी तरीके से अगर किसी को जीवन दिया जा सके तो उससे बड़ा काम कुछ नहीं हो सकता। साथ ही ध्यान देने वाली बात ये है कि किसी मृत व्यक्ति भी ब्रेन डेड घोषित होने के बाद अपने अंग दान करके दूसरों को पुनर्जीवित कर सकता है। ऐसा ही कुछ अहमदाबाद सिविल में बहुत ही कम अंतराल में दूसरी बार फिर कुछ ऐसा ही हुआ।
दरअसल अहमदाबाद सिविल में अंग दान किया गया। देवभूमि द्वारका के खंभालिया तालुका के 23 वर्षीय अजय सिंह परमार लेमडी के पास एक ट्रक से गिर गए और सिर में गंभीर चोटें आईं। उन्हें इलाज के लिए 19 अक्टूबर को सिविल अस्पताल अहमदाबाद लाया गया था। 19 अक्टूबर को इलाज के दौरान अजय सिंह परमार को ब्रेनडेड घोषित कर दिया गया था। इसके बाद मृतक अजय सिंह के परिवार के सदस्यों को सिविल अस्पताल की SOTTO टीम ने अंगदान के बारे में जानकारी देते हुए ऐसा करने के लिए राजी किया। परिवार वालों के राजी होने से अब मृतक अजय भाई की दो किडनी और एक लीवर जल्द ही जरूरतमंद रोगियों में प्रतिरोपित किया जाएगा।
पूरी घटना की जानकारी देते हुए सिविल सुपरिंटेंडेंट डॉ. राकेश जोशी ने कहा कि अहमदाबाद सिविल के सोटो की टीम अंगदान के क्षेत्र में अविश्वसनीय काम कर रही है। पिछले एक महीने में छह ब्रेनडेड व्यक्तियों के अंगदान में मिली सफलता इसका जीता जागता उदाहरण है। समाज में अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। सिविल अस्पताल ने अब तक 15 ब्रेन डेड व्यक्तियों के 53 अंगों के दान के माध्यम से 41 जरूरतमंद रोगियों को जीवन देने में सफलता प्राप्त की है।
आपको बता दें कि जब किसी मरीज को ब्रेन डेड घोषित कर दिया जाता है, तो मृतक का हृदय, फेफड़े, अग्न्याशय और यकृत, गुर्दे और आंख जैसे अंग 2 से लेकर 24 घंटे तक किसी और मरीज को देने के लिए उपलब्ध रहते हैं। डॉ. प्रांजल मोदी ने कहा कि पूरी प्रक्रिया को समय पर पूरा करने के लिए अक्सर ग्रीन कॉरिडोर का उपयोग किया जाता है।