अहमदाबाद : कोरोना मरीजों को दिये गए भोजन के नाम पर किए गए खर्च पर उठ रहे सवाल, एक जैसा मेनू फिर भी बिल अलग-अलग

अहमदाबाद : कोरोना मरीजों को दिये गए भोजन के नाम पर किए गए खर्च पर उठ रहे सवाल, एक जैसा मेनू फिर भी बिल अलग-अलग

तंत्र द्वारा संचालित चार अस्पतालों से आरटीआई के तहत मांगी रिपोर्ट से हुआ खुलासा

पिछले डेढ़ साल से अधिक देश भर में कोरोना महामारी ने अपना प्रकोप ढाया हुआ था। सरकारी अस्पतालों में मरीज की लाइन लगी हुई थी। हालांकि इस दौरान डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की कड़ी मेहनत के कारण आज देश भर में कोरोना की स्थिति काफी नियंत्रण में है। महामारी के कारण हुई तकलीफ़ों के बाद अब सरकारी अस्पतालों में इलाज के दौरान मरीजों को दिये जाने के भोजन के हिसाब में घोटाले की आशंका की जा रही है। कोरोना काल में मार्च 2020 से मई 2021 के दौरान अहमदाबाद शहर की मुख्य चार अस्पतालों में भर्ती मरीजों के भोजन बिल में काफी विसंगति देखने मिल रही है। 
कोरोना काल के दौरान अहमदाबाद की चार प्रमुख अस्पतालों में कोरोना के मरीजों को दिये गए भोजन के खर्च की जानकारी जब RTI एक्ट के तहत एकत्रित की गई तो उसमें काफी अंतर देखने मिला। आरटीआई के तहत हासिल किए गए इस आंकड़ो में सभी अस्पतालों के प्रति मरीज के पीछे किए गए खर्च में जमीन-आसमान का अंतर देखने मिला है। खास बात यह है की सभी अस्पतालों में तकरीबन एक ही तरह का खाना दिया जाता था। पर फिर भी दोनों के बिल में काफी अंतर देखने मिल रहा है। 
RTI एक्ट के तहत हासिल की जानकारी में अहमदाबाद की एसवीपी होपीतल, सोला सिविल हॉस्पिटल, एलजी हॉस्पिटल और शारदाबेन हॉस्पिटल में भर्ती 46348 मरीजों के इलाज के दौरान चाय-पानी, नाश्ते और भोजन के लिए अंदाजन 6.70 करोड़ का खर्च किया गया था। आरटीआई एक्ट के तहत ग्राहक सुरक्षा कार्यकर्ता सुचित्रा पाल द्वारा किए गए आवेदन के आधार पर यह जानकारी दी गई थी। जिसमें सोला सिविल के अलावा अन्य तीन अस्पतालों में प्रति मरीज हुए भोजनखर्च का हिसाब नहीं दिया था। 
जानकारी के अनुसार, सोला सिविल अस्पताल में कोरोना काल के 15 महीनों के दौरान 19577 मरीजों ने इलाज करवाया। इसके लिए उन्होंने करीब 99 लाख से अधिक रुपए खर्च किए थे। कोरोना के एक मरीज को 7 से 10 दिन इलाज दिया गया। ऐसे में अस्पताल को यह भोजन प्रति मरीज मात्र 96 रुपए में पड़ा और एक दिन का खाना 10 रुपए से भी कम में पड़ा।
इसी समय के दौरान SVP अस्पताल ने कोरोना, हार्ट तथा टीबी सहित अन्य बीमारी के 18356 मरीजों के पीछे 5.5 करोड़ का खर्च किया था। इसके अनुसार अस्पताल ने हर मरीज के पीछे 2996 रुपए खर्च किए। इसमें मरीजों के लिए चाय पानी के सहित अन्य सभी चीजें शामिल थी। एलजी हॉस्पिटल ने 6435 मरीज पर 18 लाख और शारदाबेन अस्पताल ने 1980 मरीजों के पीछे 1.22 लाख खर्च हुआ था।
चारों अस्पताल के मेनू में कोई बहुत ज्यादा अंतर नहीं था। पर औसत खर्च में इतना बड़ा अंतर देखने मिल रहा है। जहां एक और एसवीपी अस्पताल में प्रति व्यक्ति 2966 रुपए का खर्च है तो, वही शारदाबेन अस्पताल में मात्र 63 रुपए प्रति मरीज का खर्च देखा गया है। सभी चारों असत्पलों में मिलकर कुल 46,348 मरीजों की बात करे तो प्रति मरीज 1445 रुओपये का खर्च हुआ था।
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